ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सऐप पर यूज़र्स ने हमें कुछ तस्वीरें भेजीं. इसके साथ दावा किया जा रहा था कि कोल ड्रिंक बनाने वाली एक कंपनी में काम करने वाले लोगों ने कोल्ड ड्रिंक में इबोला संक्रमित रक्त मिला दिया है. दावे की मानें तो ये ख़बर पहले NDTV ने दी फिर हैदराबाद पुलिस ने लोगों को सचेत रहने का सन्देश देते हुए कुछ समय तक कोल्ड ड्रिंक्स नहीं खरीदने का सुझाव दिया है. इसके अलावा कई तस्वीरें हैं जिन्हें इस दावे से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
ये पूरा दावा नीचे पढ़ सकते हैं.
दावे की ये तस्वीर फ़ेसबुक पर काफ़ी वायरल है.
कई सालों से फैल रहा ग़लत दावा
इस बारे में बस एक गूगल सर्च करने पर दर्जनों फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट्स सामने आ जाती हैं. पिछले कुछ सालों में कई आउटलेट्स इस फ़र्ज़ी मेसेज का सच बता चुके हैं. इसके बावजूद ये हर कुछ दिनों में दोबारा शेयर किया जाता है. यही नहीं, दावे में समय के साथ असंबंधित तस्वीरों की संख्या भी बढ़ रही है. पहले हम दावे पर बात करेंगे और फिर इसके साथ शेयर की जा रही तस्वीरों की सच्चाई आपके सामने रखेंगे.
दावा: कोल्ड ड्रिंक में किसी ने इबोला वायरस संक्रमित रक्त मिलाया
इबोला वायरस सबसे पहले कॉन्गो में 1976 में मिला था. इसके बाद ये वायरस समय-समय पर लोगों के बीच पहुंचता रहा और उनकी मौत का कारण बनता रहा. लेकिन 2014 से 2016 के बीच इबोला वायरस अबतक के अपने सबसे खतरनाक रूप में दिखा. सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक इन तीन सालों में तीन अफ़्रीकी देशों में 11,310 लोगों की जान गयी थी. लेकिन भारत में इबोला के इक्के-दुक्के मामले ही सामने आये थे. इसके अलावा, वायरल दावे में कहा जा रहा है कि कोल्ड ड्रिंक में संक्रमित रक्त मिलाये जाने की ख़बर NDTV ने दी. लेकिन हमें NDTV की ऐसी कोई ख़बर नहीं मिली.
हैदराबाद पुलिस ने जुलाई 2019 में एक ट्वीट में इन फ़र्ज़ी दावों का खंडन किया था और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई संदेश जारी नहीं किया है.
Fake news spreading on social media about cool drinks and a warning from Hyderabad city police is fake one and Hyderabad city police never released any message regarding this. pic.twitter.com/cCy32Vh7fN
— హైదరాబాద్ సిటీ పోలీస్ Hyderabad City Police (@hydcitypolice) July 13, 2019
वायरल हो रही तस्वीरें
तस्वीर 1 और 2:
पहली और दूसरी तस्वीर भारत की है ही नहीं. ये तस्वीरें पाकिस्तान के गुजरांवाला में स्थित गांव बेगपुर की हैं जहां 2015 में ज़िला प्रशासन ने नकली कोल्ड ड्रिंक्स बनाने वाली एक फ़ैक्ट्री में छापेमारी की थी. इस मौके की कई अन्य तस्वीरें पाकिस्तानी आउटलेट Pak101 पर देख सकते हैं.
तस्वीर 3, 4 और 5:
ये तस्वीरें एक ही घटना से सम्बंधित हैं. पिछले साल मार्च में उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी में एक कार जा गिरी थी. रिपोर्ट्स की मानें तो इस दुर्घटना में 2 महिलाओं की मौत हो गयी थी और कार चालक को बचा लिया गया था. वहीं एक नाबालिग के शव का पता नहीं चल पा रहा था. नीचे वीडियो रिपोर्ट देख सकते हैं.
स्थानीय आउटलेट्स गोरखपुर टाइम्स और GTV न्यूज़ की रिपोर्ट्स में वायरल विज़ुअल्स देख सकते हैं.
तस्वीर 6:
छठी तस्वीर नवम्बर 2014 में वाघा बॉर्डर के पास आत्मघाती बम धमाके में मारे गये लोगों के शवों और उनके परिजनों की है. वाघा बॉर्डर पर शाम को होने वाला समारोह देखने आई भीड़ के बीच बम धमाका किया गया था जिसमें कम से कम 52 लोगों कि मौत हुई थी. ये धमाका पाकिस्तान की सीमा के करीब हुआ था.
तस्वीर 7:
ये तस्वीर यूपी के लखीमपुर में सड़क हादसे में मारे गये लोगों के शव की है. लखीमपुर के उचौलिया क्षेत्र में 28 अप्रैल, 2018 को ट्रक और कार के बीच टक्कर हो गयी थी जिसमें 13 लोगों की जान गयी थी. धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में इस घटना की जानकारी दी थी. इस पोस्ट में सांतवी वायरल तस्वीर देखी जा सकती है.
आज हमारे संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले कस्बा उचौलिया से निकले नेशनल हाईवे पर एक अत्यंत दुःखद सड़क हादसा हुआ जिसमें कई…
Posted by Rekha Verma रेखा वर्मा on Saturday, April 28, 2018
तस्वीर 8:
तस्वीर में दिख रहे शव तेलंगाना के ममिल्लागड्डा के एक परिवार के लोगों के हैं. क़र्ज़ चुकाने में खुद को असमर्थ पाने पर परिवार के 6 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बारे में डेक्कन हेराल्ड और द हिन्दू ने भी रिपोर्ट किया है और रिपोर्ट्स में मौके की तस्वीर भी देखी जा सकती है.
तस्वीर 9:
ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर के बारे में पता लगाने में असमर्थ था. चूंकि कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस वाला रक्त मिलाने का दावा फ़र्ज़ी है, ये तस्वीर किसी असंबंधित घटना की ही होगी.
ये दावा कि किसी कोल्ड ड्रिंक कंपनी के कर्मचारी ने कोक की बोतल में इबोला वायरस से संक्रमित रक्त मिला दिया है, काफ़ी समय से वायरल है. एक वेबसाइट hoaxorfact.com ने 2015 में ही इस दावे के बारे लिखा था. आर्टिकल में बताया गया है कि 2014 में जब इबोला महामारी आई थी तभी से ऐसे दावे शेयर होने लगे. एक मनगढ़ंत कहानी ये थी कि एक HIV पॉज़िटिव कर्मचारी ने फ्रूटी में अपना रक्त मिला दिया. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उस समय ये दावा व्हाट्सऐप पर धड़ल्ले से शेयर किया गया था.
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