सोशल मीडिया में बाढ़ के पानी से हिरण को बचाने वाले एक लड़के की तस्वीर फिर से शेयर हो रही है जब असम में आए बाढ़ से मरने वालों की संख्या 100 से ज़्यादा हो चुकी है. काजीरंगा राष्ट्रिय पार्क में 100 से ज़्यादा जानवरों की भी मौत हो चुकी है. Rakshith Shivaram नाम के एक यूज़र ने ये तस्वीरें ट्वीट की है. शिवाराम ने खुद को ट्विटर पर कर्नाटक कांग्रेस कमिटी का पूर्व राज्य सचिव बताया है. उनके ट्वीट को 31 हज़ार से ज़्यादा लाइक और 8 हज़ार के करीब रीट्वीट्स मिले हैं.

21 जुलाई को गुजरात की प्रमुख समाचार पत्र संदेश ने इन तस्वीरों को पहले पन्ने पर प्रकाशित करते हुए इसे असम की घटना बताया है.

कई लोग इस तस्वीर को शेयर कर रहे हैं.

पिछले साल भी इसी समय शेयर की गई थी

सुशांत नंदा नामक एक उपयोगकर्ता ने इस संदेश के साथ एक तस्वीर को जुलाई, 2019 में ट्वीट किया था. और लिखा था, “हीरो उन रास्तों से बनते है जिसे वह खुद पसंद करते है ना कि उस शक्ति से जिसे वे पाते है। यह पृथ्वी के उस हीरो की असम की अद्भुत तस्वीर है.”

एक अन्य तस्वीर जिसमें एक व्यक्ति पानी में पूरा डूबा हुआ है और अपने कंधो पर एक बच्ची को लेकर जा रहा है, को भी असम में आई बाढ़ से संबंधित बताकर शेयर किया गया.

तथ्य जांच

गूगल पर दोनों तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च करने से, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये दोनों तस्वीरें पुरानी है और 2019 की असम बाढ़ से जुड़ी नहीं थीं.

पहली तस्वीर

इस तस्वीर को फरवरी 2014 में बांग्लादेश में आयी बाढ़ के दौरान लिया गया था. UK स्थित डेली मेल की फ़ोटो स्टोरी के मुताबिक, यह घटना बांग्लादेश के नोआखली में हुई थी, जहां पर एक वन्यजीव फ़ोटोग्राफ़र हसीबुल वहाब ने बिलाल नाम के इस लड़के के बहादुरी से भरे काम की तस्वीरें खींची थीं. रिपोर्ट के मुताबिक़,इस घटना के दौरान, वहां पर मौजूद लोग चिंतित थे कि हम दोबारा इस लड़के को कभी देख पायेंगे या नहीं. अंत में जब उसने बड़ी मुश्किल से हिरण को उसके परिवार से वापस मिला दिया तो किनारे पर खड़े लोगों ने उसके लिए चिल्लाकर ख़ुशी प्रकट की”-(अनुवाद).

दूसरी तस्वीर

यह तस्वीर 2016 में आंध्र प्रदेश में आयी बाढ़ के दौरान ली गई थी, जहां पर एक परेशान पिता अपनी बीमार बेटी को गहरे पानी में सिर पर उठाकर अस्पताल ले जा रहा था. 29 सितंबर 2016 को डेली मेल के अनुसार,आंध्र प्रदेश के कुडुमुसारे गांव के 30 वर्षीय किसान पांगी सतीबाबू ने अपनी छह महीने की बेटी को 3 मील तक अपने सिर पर उठाकर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया”-(अनुवाद).

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि भारत के आंध्र प्रदेश और बांग्लादेश में आयी बाढ़ की पुरानी तस्वीरों को 2019 में असम में आयी बाढ़ का बताकर साझा किया गया.

[इस आर्टिकल में 21जुलाई, 2020 को गुजराती समाचार पत्र संदेश का दावा शामिल किया गया.]
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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.