“इजराइल ने गंगा को साफ करने के लिए इसे भेट के स्वरुप में हमें दिया। क्या अद्भुत यंत्र है!मोदी सरकार को उनके मैत्री प्रयासों के लिए धन्यवाद। इसका उपयोग अब गोदावरी में किया जाता है”-(अनुवाद)।
इस संदेश को सोशल मीडिया प्लेटफार्म में एक वीडियो के साथ साझा किया है, जिसमें मशीन के द्वारा नदी में से कचरे को निकाला जा रहा है।
Israel has gifted this to India to clean Ganga.
What a beautiful gesture !
Thanks to Modi Government’s
Friendship Efforts. This is now used at GodavariPosted by Veena Dhamija on Monday, 8 July 2019
उपरोक्त पोस्ट एक फेसबुक उपयोगकर्ता ने 8 जुलाई को पोस्ट किया था। वीडियो में, विभिन्न प्रकार की मशीनों को नदी से कचरा इकट्ठा करते देखा जा सकता है। इस वीडियो को व्हाट्सअप पर भी इसी दावे से साझा किया जा रहा है कि इजराइल ने भारत को यह मशीन तौफे के तौर पर दी है और फ़िलहाल यह गोदावरी में कार्यरत है।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो और साथ में किया गया दावा, 2018 से ट्विटर पर वायरल है।
Israel has gifted this to India to clean Ganga.
What a beautiful gesture !
Thanks to Government’s
Friendship Efforts pic.twitter.com/PUjh6VxxSv— Tyagraj shekhawat (@TyagrajShekhawt) July 12, 2018
झूठा दावा
वायरल वीडियो में तीन मशीनों को देखा जा सकता है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि तीन में से केवल एक मशीन भारत से संबधित है। वीडियो की किसी एक फ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर, हमने पाया कि दो मशीनें मैरीलैंड, अमेरिका में बाल्टीमोर से संबंधित है। तीसरी मशीन भारत की है मगर इजराइल द्वारा तौफे में नहीं दी गई है।
पहली मशीन
पहली मशीन का यूट्यूब वीडियो नीचे पोस्ट किया है, जिसे वायरल वीडियो में देखा जा सकता है। इसे 2013 में बाल्टीमोर, अमेरिका बंदरगाह पर तैनात किया गया था।
दूसरी मशीन
वीडियो में दिख रही दूसरी मशीन वास्तव में भारत से संबंधित है। इस मशीन के ऊपर दिखाई दे रहे पोस्टर में साफ लिखा हुआ है, ‘स्वच्छ गोदावरी अभियान’। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस मशीन को महाराष्ट्र के नाशिक में 2015 के कुम्भ मेले के बाद गोदावरी नदी में तैनात किया गया था। क्लीनटेक इंफ्रा नामक एक प्राइवेट फर्म की वेबसाइट पर भी यह वीडियो उपलब्ध है। वीडियो को कंपनी ने अपने यूट्यूब चैनल पर भी पोस्ट किया था।
यह ध्यान देने योग्य है किक्लीनटेक इंफ्रा द्वारा तैनात इस मशीन को USA से आयात किया गया है, जिसे Aquarius Systems फर्म ने बनाया था। दोनों, क्लीनटेक इंफ्रा द्वारा तैनात किये गए floating trash skimmers और aquatic weed harvesters को Aquarius Systems से लिया गया था। क्लीनटेक इंफ्रा की वेबसाइट पर इसका स्पष्ट उल्लेख है। यह जानकारी Aquarius Systems की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इस प्रकार यह दावा गलत साबित होता है कि इसे इजराइल ने भारत को तौफे में दिया था।
तीसरी मशीन
वायरल वीडियो में देखे गए पहियों वाली तीसरी मशीन 2014 में फिर से बाल्टीमोर, अमेरिका में तैनात की गई थी। रिपोर्टों के अनुसार, इसमें सौर ऊर्जा चालित पहिये हैं और हर दिन 50,000 पाउंड (लगभग 22,680kg) कचरा साफ कर सकता है।
इजराइल-भारत सहयोग
भारत में गंगा और गोदावरी नदियों की सफाई के लिए इजरायल की मदद के दावे के संबंध में, 2015 में ही इजरायल ने भारत को नदियों की सफाई के लिए मदद की पेशकश की थी। इससे आगे इजराइल ने भारत में गंगा नदी कायाकल्प के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई थी। यह ध्यान देने योग्य है कि जनवरी 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान इज़राइल ने भारत को एक मोबाइल डिसेलिनेशन व्हीकल भेंट किया था। हालांकि, यह मशीन पीने के पानी को साफ़ करने के लिए है, ना कि नदियों को साफ करने के लिए।
निष्कर्ष के रूप में, वायरल वीडियो की तीन में से दो मशीने अमेरिका के बाल्टीमोर से संबधित है और तीसरी मशीन भारत से है लेकिन यह इजराइल का तौफा नहीं है। इसके अलावा, ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं है कि इजराइल ने भारत को नदी साफ करने के लिए कोई मशीन दी हो।
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