कश्मीरी नागरिकों के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा में कई हिंदुओं और कुछ सिखों के मारे जाने के बाद कई सोशल मीडिया अकाउंट से दो तस्वीरें शेयर की गई हैं. दोनों तस्वीरों में सफ़ेद कपड़े में लिपटे कुछ लोग दिखते हैं. कपड़े पर कुछ लिखा हुआ भी दिखता है. तस्वीर को अंग्रेज़ी और उर्दू टेक्स्ट के साथ शेयर किया गया है, जिसके मुताबिक इन्हें कश्मीर में गोली मार दी गयी.
قال صلي الله عليه وسلم :
((ليسَ منا من لم يهتم بأمور المسلمين))#انقذوا_كشمير#كشمير_تباد#الهندوسية_تذبح_المسلمين#india_is_the_terrorist_country #help_kashmir#Modi_is_a_terrorist #save_kashmir#free_kashmir#UnitedNationsHumanRights pic.twitter.com/l7dLU3bWBe— محمد فكري (@mf66563806) October 9, 2021
एक यूज़र ने उर्दू में ट्वीट किया, ‘कश्मीर में संचार का माध्यम काट दिया गया है. वे नरसंहार करना चाहते हैं.”
इस तस्वीर को अंग्रेजी टेक्स्ट (पहला ट्वीट, दूसरा ट्वीट, तीसरा ट्वीट) के साथ भी ट्वीट किया गया था. नीचे दिये गये ट्वीट्स को मिलाकर करीब 500 रीट्वीट किया गया.
That making me heart breaking to see innocent muslims be killed from terrorist people 💔💔#SAVE_KASHMIR #help_kashmir #كشمير_تباد #أنقذوا_مسلمي_الهند #انقذوا_مسلمي_كشمير #Kashmir #MuslimLivesMatter pic.twitter.com/ez1UMkcYUy
— zvxbts (@ZriouileZineb) October 8, 2021
That making me heart breaking to see innocent muslims be killed from terrorist people💔💔😔.#SAVE_KASHMIR
#كشمير_تباد
#انقذوا_مسلمي_كشمير pic.twitter.com/VoiJu1I7pe— Jenin98 (@ninplas98) October 9, 2021
महाराष्ट्र में CAA विरोध प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर
वायरल तस्वीरों को गौर से देखने पर पता चलता है कि लेटे हुए लोगों में से एक के उपर रखी तख्ती पर “CAA NRC” लिखा है.
Bing पर एक रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि वायरल तस्वीर फ़रवरी 2020 में JJP न्यूज़ नामक एक हिंदी वेबसाइट ने पब्लिश की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, ये तस्वीर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में हुए एक विरोध प्रदर्शन की है.
हमने ये भी देखा कि NSUI की सोशल मीडिया की नेशनल कोऑर्डिनेटर साबिर सैफ़ी राजधन ने फ़रवरी 2020 में #औरंगाबाद के साथ तस्वीर को ट्वीट किया था.
#औरंगाबाद
काले कानून के खिलाफ कफ़न पहन कर,
इतिहास में पहली बार इस तरीके के आंदोलन देखने को मिल रहा है..!सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजू -ए- कातिल में है !!#REJECT_CAA_NRC_NPR #TrumpInIndia#GoBackTrump #Ahmedabad #an pic.twitter.com/XQjnFJfG8j— Sabir Saifi Rajdhan (@saifisabir155) February 24, 2020
इस तस्वीर को पहले AFP ने मार्च में खारिज किया था. उन्हें 2020 की तस्वीरों के सोशल मीडिया पोस्ट के अलावा यूट्यूब पर 2020 के विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो भी मिला था.
कुल मिलाकर, फ़रवरी 2020 में औरंगाबाद में सीएए के विरोध की तस्वीरों को ग़लत तरीके से कश्मीर में हुई हिंसा से जोड़ा गया.
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