सफ़ेद साड़ी पहनी हुई एक महिला का वीडियो इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है कि यह महिला उलूबेरिया, पश्चिम बंगाल से टीएमसी उम्मीदवार है जो कह रही हैं कि वो राम नाम, हरि नाम को पश्चिम बंगाल में अनुमति नहीं देंगी और रोहिंग्या शरणार्थियों को आश्रय देंगी। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोगों ने महिला को घेर रखा है, जिसमें पुलिस और पत्रकार भी शामिल है। प्रणब दास नाम के एक फेसबुक यूज़र द्वारा इस वीडियो को साझा किया गया है, जिसे करीब 25000 लोगों ने देखा है।

इस वीडियो को फेसबुक यूज़र्स द्वारा व्यापक रूप से इस संदेश के साथ साझा किया गया कि, “उलूबेरिया की टीएमसी उम्मीदवार सजदा अहमद ने घोषणा की कि वह हरिनाम और रामनाम और मार्क्सवाद को पश्चिम बंगाल में कभी अनुमति नहीं देंगी और वह रोहिंग्या शर्णार्थीओ को आश्रय देंगी”। -(अनुवाद)

इसी वीडियो को एक अन्य संदेश, “ममता के नेता और सरकार…इसे जरूर देखे…तृणमूल नेता काकोली घोष दास्तीदार ने रोहिंग्या मुसलमानो का खुल कर समर्थन किया। पुलिस भी उनका खुल कर समर्थन कर रही है की रामनाम हरिनाम का जप नहीं होने देंगे। खुलेआम पत्रकार को धमकाया जा रहा है की उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा। बंगाल किस और जा रहा है…शर्म है हमें अपने आप पर।” (अनुवाद) उपरोक्त वीडियो कैप्शन में टीएमसी उम्मीदवार का नाम सजदा अहमद बताया गया है और इस वीडियो के कैप्शन में महिला का नाम काकोली घोष दस्तीदार बताया गया है।

 

Must watch….
Trinamul leader KAKOLI GHOSH DASTIDAR supports ROHINGYA Muslims unabashedly
Police also openly supports her
Says, will not allow RAM naam, Hari naam to be chanted.
Openly threatens Reporter calling for cancellation of his licence.
Where is West Bengal heading to….Shame on us

Posted by Manoj Choudhary on Saturday, 4 May 2019

2 मिनट के इस वीडियो क्लिप में, पत्रकार ने पूछा कि,“दीदी आपने कहा कि आप उनको यहां रहने देंगी,तो फिर पश्चिम बंगाल वासियों का क्या होगा” इसके ऊपर महिला ने प्रतिक्रिया दी कि,“पश्चिम बंगाल के लोग जैसे रहते थे वैसे ही रहेंगे और वो लोग भी जैसे रहना चाहते है वैसे ही रहेंगे। आपको इस तरह के सवाल पूछने की हिम्मत कैसे हुई?” इसके बाद भीड़ में खड़े लोग महिला के समर्थन में चिल्लाना शुरू कर देते है। उसके बाद महिला कहती है कि, “अल्लाह है। अल्लाह देख रहा है। अल्लाह उनकी रक्षा करेगा। मैं यहां हु और मेरे भाई बहन भी यहां पर रहेंगे और में रामनाम,हरिनाम और मार्क्सवाद को बर्दास्त नहीं करुंगी।”

जब आतंकवादी घुसपैठ और पश्चिम बंगाल के नागरिको की रक्षा के बारे में पत्रकार ने उनसे पूछा तो महिला ने जवाब में कहा कि ,“वह लोगो के साथ जो भी होगा उसे संभाल लेंगी” और फिर वह पुलिस से पत्रकार का लाइसेंस छीनने के लिए कहती है। महिला ने एंकर की निंदनीय टिपण्णी “वाह दीदी वाह” के जवाब में कहा कि,“में केंद्र की नीति को हावी नहीं होने दूंगी।” लोगो से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि,“में 2 रुपये प्रति किलो चावल, आधार और साइकिल के साथ अन्य चीजे भी दूंगी।”

चेहरे की तुलना

इस वीडियो को दो अलग अलग दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। पहले दावे में महिला को उलूबेरिया की टीएमसी उम्मीदवार सजदा अहमद बताया गया और दूसरे दावे में उलूबेरिया की टीएमसी उम्मीदवार काकोली घोष दास्तीदार बताया गया है, जबकि इस नाम के तृणमूल महिला उम्मदवारो का चेहरा इस वीडियो में मौजूद महिला के चेहरे के साथ नहीं मिलता है।

नीचे दिए गए फोटो कॉलाज में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि काकोली घोष वीडियो में दिख रही महिला से अलग दिख रही है। सजदा अहमद और वीडियो में दिख रही महिला भी समान नहीं है। दोनों के चेहरे में नाक के आकर में अंतर है और चश्मे की फ्रेम भी समान नहीं है।

यह वीडियो नुक्कड़ नाटक का है

वीडियो में की हुई सारी बातचीत, जिसमे पुलिस और पत्रकार की बातचीत भी शामिल है, वह बंगाली भाषा में है। सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता जो बंगाली भाषा नहीं जानते है वह इसे समझ नहीं पाएंगे। हालांकि वीडियो में सुराग के तौर पर मिला कि पत्रकार महिला को “दीदी” कह कर सम्बोधित करता है जो अक्सर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए उपयोग में लिया जाता है। इसके अलावा वीडियो में कैमरा पर पुलिस अधिकारी के जैसे दिख रहा आदमी राजनेता के इशारे पर गोली चलाने की बात करता है। यह पूरी घटना संभावनाओं से हटकर है।

इस वीडियो को पहले भी बूम लाइव द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था। वीडियो में दिख रही महिला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भूमिका निभा रही है। इस वीडियो का लंबा संस्करण यूट्यूब पर पाया गया, जिसे पिछले साल मार्च में अपलोड किया गया था। इसे 14 लाख लोगो ने देखा है।

जिस कलाकार ने पत्रकार का रोल निभाया है उसने 2:40 मिनट पर कहा,“आपने उन सभी वादों को देखा जो हमारे माननीय मुख्यमंत्री ने किये है लेकिन रोहिंग्या घुसपैठ के कारण हमारे राज्य या देश की सुरक्षा खतरे में है इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”

उस व्यक्ति ने सपष्ट रूप से उस महिला का ज़िक्र किया, जिसे ममता बनर्जी के जैसे कपड़े पहनाकर मुख्यमंत्री के रूप में दिखाया गया है। इससे स्पष्ट होता है की यह लोग एक नाटक का हिस्सा थे।

2019 के लोकसभा चुनाव की शुरुआत से ही पश्चिम बंगाल और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गलत सूचनाओं का शिकार बनाया गया है।

अनुवाद: किंजल परमार

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.