सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें पति, पत्नी और उनका नवजात बच्चा पेड़ पर फांसी लगाकर लटके हुए देखे जा सकते हैं. तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के चलते हए लॉक डाउन के दौरान भूख से परेशान होकर एक परिवार ने आत्महत्या कर ली है. बुनियादी ज़रूरतों को छोड़कर भारत 25 अप्रैल से पूरी तरह से लॉक डाउन पर है. अब इसे बढाकर 3 मई तक कर दिया गया है. लॉक डाउन ने अप्रवासी मजदूरों के लिए मुश्किल पैदा कर दी है जो न तो नियमित रूप से खाना पा सकते हैं और न ही अपने घरों को वापस जा सकते हैं.

यह तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि परिवार गुजरात के सूरत तक पैदल जा रहा था. आगे बताया गया है कि इस परिवार ने भूख से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. नीचे आलोक के नाम से शेयर किया गया एक ट्वीट है जिसमें लिखा है, “सुरत से आ रहें थे पैदल भुख बरदाश नहीं हुआ तो सूसाईट कर लिए इसकी जिम्मेदार भारत सरकार ….प्रधानमंत्री के राहत कोष , पैसे दे रहे हैं सब कुछ कर रहे हैं क्या राहत लोगों तक पहुंच रही है और अगर पहुंच रही है तो लोग आत्महत्या करने पर मजबूर क्यों हैं.”

मौर्य वंश सम्राट अशोक’ नाम के फेसबुक अकाउंट से यह तस्वीर शेयर की गई है जिसके 1000 से ज़्यादा शेयर हैं.

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफिशियल एंड्राइड ऐप पर इस तस्वीर का फैक्ट चेक करने की कई रिक्वेस्ट हमें मिली हैं.

पुरानी, अप्रासंगिक घटना

गूगल में रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि इस घटना का कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है और यह घटना 2018 की है. लल्लनटॉप ने इस तस्वीर की खबर छापी थी जब इसे इस दावे के साथ शेयर किया गया था कि एक किसान ने कर्ज में दबे होने के चलते अपनी पत्नी व बच्चों सहित फांसी पर लटककर आत्महत्या कर ली. जबकि असल में इस व्यक्ति ने अपनी पत्नी व बच्चे के साथ आत्महत्या इसलिए की थी क्योंकि वह अपने परिवार के तानों से परेशान हो गया था.

ये महाराष्ट्र के वर्धा जिले की घटना थी. अष्टि पुलिस के मुताबिक 37 साल का अनिल नारायण वानखेड़े मध्य प्रदेश में एक कंपनी में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था. कंपनी बंद होने की वजह से अनिल की नौकरी चली गई और उसे मजबूरी में अपने परिवार के साथ वर्धा के अरवी में स्थित अपने पिता के घर आना पड़ा. अनिल का परिवार उसके माता पिता के साथ 2 महीने से ज़्यादा समय तक उनके घर पर रहा और इस दौरान उसकी नौकरी जाने की वजह से लगातार ताने सुनने पड़े. पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने कई बार घर के झगड़ों की आवाजें सुनी हैं.

एक दिन अनिल के पिता ने उसे पत्नी और बच्चे के साथ घर से निकाल दिया. अनिल अपनी ससुराल में जाकर रहना नहीं चाहता था और वापस मां-बाप के घर जाने का कोई रास्ता नहीं बचा था. वह अपनी पत्नी और बच्ची को खेत की तरफ ले गया. वहां सभी को कीटनाशक पिलाया और दोनों के साथ खुद को भी एक पेड़ से लटका लिया.

इस घटना की खबर मराठी मीडया संस्थान Ain न्यूज़ और दैनिक भास्कर के दिव्य मराठी पर भी छापी गई थी.

यानी 2018 की इस तस्वीर को गलत तरीके से सूरत में कोरोना वायरस लॉक डाउन की वजह से भूख के चलते एक परिवार की आत्महत्या बताकर वायरल किया जा रहा है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.