सोशल मीडिया पर फिर से एक वीडियो कोरोना वायरस से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में काले रंग की ड्रेस, जिसपर पुलिस लिखा हुआ है, पहने कई लोग दिखाई देते हैं. इन्होंने ट्रेन के आस-पास लोगों को पकड़ा हुआ है. वीडियो में लोगों को इधर-उधर भागते हुए देखा जा सकता है. इसके बाद वो ट्रेन पर कुछ स्प्रे करते हैं. फिर वो ट्रेन के अंदर घुस जाते हैं. अब लोगों में भगदड़ मच जाती है. वीडियो के अंत में मास्क पहना एक व्यक्ति एक बच्चे को पुलिस से बचाता हुआ नज़र आता है. वहां मौजूद कई लोग इस घटना को कैमरे में कैप्चर करते हुए देखे जा सकते हैं.

रवीश कुमार NDTV‘ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “हम यहां बैठकर.. व्हाट्सएप और फेसबुक पर.. *कोरोना वायरस* का मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं 🤔 अगर.. कोरोना का असली कहर देखना है तो.. चाइना से आई इस वीडियो को देखें एक बार नहीं , दो बार नहीं , 3 बार बड़े ध्यान से देखें कि इस महामारी के शिकंजे में फंसे हुए लोगों को.. पकड़ने के लिए.. वहां पुलिस प्रशासन को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं आपका दिल भी दहल उठेगा इस वीडियो को देखकर.”

 

हम यहां बैठकर.. व्हाट्सएप और फेसबुक पर.. *कोरोना वायरस* का मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं 🤔
अगर.. कोरोना का असली कहर देखना है तो.. चाइना से आई इस वीडियो को देखें
एक बार नहीं , दो बार नहीं , 3 बार बड़े ध्यान से देखें कि इस महामारी के शिकंजे में फंसे हुए लोगों को.. पकड़ने के लिए.. वहां पुलिस प्रशासन को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं आपका दिल भी दहल उठेगा इस वीडियो को देखकर

Posted by Ravish Kumar NDTV on Monday, 16 March 2020

इस दावे से ये वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल है.

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फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर वीडियो के एक फ्रेम का रिर्वस इमेज सर्च करने से वही वीडियो हमें मिलता है, जिसे हांग-कांग का बताया गया है. एक ट्विटर यूज़र ने ये वीडियो 1 सितम्बर, 2019 को शेयर किया था.

आगे इस वीडियो की सच्चाई यूट्यूब पर एक की-वर्ड सर्च से सामने आ जाती है. सर्च रिज़ल्ट में हमें पता चला कि वीडियो चीन का नहीं बल्कि हांगकांग का है. और ये 6 महीने पहले की घटना है.

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‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ के 1 सितम्बर, 2019 को अपलोड किये गए वीडियो में बताया गया है – “सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी ट्रेन में अन्य पैसेंजरों के भिड़ गए. ऐसा हांगकांग में पुलिस के क्लियरेंस ऑपरेशन के बाद हुआ. शहर के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारियों ने ये सबवे ट्रेन पकड़ी थी. पुलिस ने बताया कि उन्हें स्टेशन पर झड़प के इमरजेंसी कॉल्स आए थे. जिसके बाद कई पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. पुलिस ने कहा कि 60 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. उन्होंने ये भी बताया कि प्रदर्शनकारियों ने 2 सबवे स्टेशंस पर तोड़-फोड़ की थी. कई स्टेशनों पर ट्रेन सर्विस रोक दी गयी है.”

‘बीबीसी’ ने भी इस घटना को विस्तार से कवर किया है.

हांग-कांग में हुए प्रदर्शन का कारण

2019 में हांगकांग में लोगों को चीन को प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन चला. ब्रिटेन ने 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपा था. प्रस्तावित क़ानून के मुताबिक़ अगर कोई शख़्स अपराध करके हांगकांग भाग जाता है तो उसे जांच प्रक्रिया में शामिल होने के लिए चीन भेजा जाता. विधेयक के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हांग-कांग में एक हज़ार से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. इसके अलावा कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे, जिनमें सैकड़ों लोग ज़ख्मी हुए. जून 2019 से इस बिल को लेकर शहर की सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे थे. तीन महीने तक लगातार हुए प्रदर्शन के बाद हांगकांग ने सितम्बर में ये बिल वापस लेने का ऐलान कर दिया था. लेकिन इसके बाद भी प्रदर्शन चालू रहे क्यूंकि हांग-कांग के लोग अपने देश में पूरी तरह से डेमोक्रेसी चाहते हैं. हांगकांग में चलने वाले इन प्रदर्शनों के बारे में और भी ज़्यादा जानकारी पाने के लिए आप बीबीसी के इस आर्टिकल की मदद ले सकते हैं.

इस प्रकार ये साबित हुआ कि ट्रेन में हो रही इस घटना का कोरोना वायरस से कोई सम्बन्ध नहीं है. ये वीडियो चीन का नहीं बल्कि हांगकांग का है और वहां 2019 में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई का है.

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