[डिस्क्लेमर: आर्टिकल में शामिल वीडियो में काफ़ी हिंसा है जो परेशान कर सकती है. पाठकों को अपने विवेक से वीडियो देखने की सलाह दी जाती है.]

ट्विटर यूज़र @p4pakipower जिसके 70 हज़ार फ़ॉलोवर्स हैं, ने एक वीडियो क्लिप पोस्ट की जिसमें एक व्यक्ति को दो लोग डंडे से पीटते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में बुर्का पहने एक महिला उस व्यक्ति को बख्श देने के लिए गुहार लगा रही है. @p4pakipower ने अपने पोस्ट में दावा किया कि हमलावर इसलिए नाराज़ थे क्योंकि महिला ने बुर्का पहना था. इस वीडियो को 50 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

कुवैत स्थित पत्रकार अहमद अलवाहिदा ने भी वीडियो पोस्ट करते हुए भारतीय सामानों के बहिष्कार का अनुरोध किया. इस ट्वीट को 500 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया.

ट्विटर यूज़र @MuhassileenNet ने वीडियो को उर्दू टेक्स्ट के साथ पोस्ट करते हुए लिखा, “हिंदुओं ने मुसलमानों पर फिर से अत्याचार करना शुरू कर दिया है, मुसलमानों को खुलेआम और बेरहमी से मार रहे हैं.”

मामले में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है

पिछले साल, दैनिक भास्कर के पूर्व मुख्य उप-संपादक प्रशांत शुक्ला ने यही वीडियो ट्वीट किया था. वायरल वीडियो के साथ, उन्होंने पीटे गए व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य का वीडियो भी पोस्ट किया. परिवार के सदस्य ने अपराधियों की पहचान चिरकू, राजू, किस्मत अली, सलीम और सोनू के रूप में की. उन्होंने ये भी कहा कि महिलाओं सहित उनके परिवार के कई सदस्य घायल हुए. ऑल्ट न्यूज़ ने प्रशांत शुक्ला से बात की. उन्होंने कंफ़र्म किया कि जानकारी देने वाला शख्स उस व्यक्ति के परिवार का सदस्य था जिसे पीटा गया था.

उसी दिन सिद्धार्थनगर पुलिस थाने ने प्रशांत शुक्ला के ट्वीट का जवाब देते हुए बताया था कि इस मामले में 3 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. दो दिन बाद, पुलिस ने इस मामले के बारे में और जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि ये घटना 6 जुलाई, 2020 की थी और आरोपी और पीड़ित एक ही समुदाय के थे. पुलिस ने 4 आरोपियों के नाम बताये – इस्तेखार पुत्र मोहम्मद हलीम, अनवर रजा पुत्र राजीउद्दीन, मोहम्मद कलीम पुत्र मोहम्मद साई, और हलीम पुत्र मोहम्मद साई. ऑल्ट न्यूज़ ने सिद्धार्थनगर में संबंधित पुलिस अधिकारी से बात की, उन्होंने कंफर्म किया कि घटना सांप्रदायिक नहीं थी.

6 जुलाई, 2020 को सिद्धार्थनगर पुलिस ने भी एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें अधिकारी ने कहा कि ये लड़ाई सिद्धार्थनगर के पिपरी बुजुर्ग गांव में दो पड़ोसियों के बीच थी. अधिकारी के अनुसार, लड़ाई दो परिवारों के बच्चों के बीच झगड़े से शुरू हुई जो इतनी बड़ी बन गयी.

इस तरह इस घटना को सोशल मीडिया पर एक झूठा सांप्रदायिक ऐंगल दिया गया.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.