सोशल मीडिया पर शेयर हो रही एक तस्वीर में कई सारे मोर, तोते और अन्य पक्षियों को रास्ते पर दाना चुगते हुए देखा जा सकता है. यूज़र्स तस्वीर को शेयर करते हुए इसे ऊटी-कोयम्बटूर रोड की बता रहे हैं. ये तस्वीर सोशल मीडिया में ऊटी-कोयम्बटूर रोड, BHU कैम्पस, पुणे, चंडीगढ़, कोल्हापुर की बताकर शेयर हो रही है. फ़ेसबुक यूज़र जीवन अमृत ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “Ooty-Coimbatore roads have been occupied by original owners. Love to see this scene. Now we are understanding what damage we did to nature till now. 😍 (अनुवाद – ऊटी-कोयम्बटूर रोड, उनके असली मालिकों से भर गया है. ये दृश्य काफ़ी प्यारा है. अब हमें समझ में आएगा कि हमने कुदरत को अब तक कितना नुकसान पहुंचाया है.)” अमृत की इस पोस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 4,200 बार शेयर किया जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

Ooty-Coimbatore roads have been occupied by original owners. Love to see this scene. Now we are understanding what damage we did to nature till now. 😍

Posted by Jeevan Amrit on Saturday, 4 April 2020

‘प्रो केरला’ नाम की एक वेबसाइट ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए इसे लॉकडाउन से जुड़ी हुई बताया. वेबसाइट के मुताबिक ये तस्वीर शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापुर कैम्पस की है.

फ़ैक्ट-चेक

यानडेक्स (Yandex) पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर ट्विटर हैन्डल ‘@AyazBuriroPPP’ द्वारा 4 सितंबर, 2019 को ट्वीट की गई ये तस्वीर मिली. यूज़र ने तस्वीर को सिंध, पाकिस्तान के थारपारकर जिले का बताया है. इससे ये बात तो साफ़ हो जाती है कि ये तस्वीर कम से कम एक साल पुरानी है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

लेकिन अब ये देखना होगा कि क्या वाकई में ये तस्वीर पाकिस्तान की है या नहीं. गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘न्यूज़ मीटर’ की एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘vama_amav’ नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट ने ये तस्वीर 29 जून, 2019 को पोस्ट की है. अकाउंट ने इस तस्वीर को चंडीगढ़ का बताया है.

इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई तस्वीर और वायरल तस्वीर का मिलान करने से पता चला कि ये दोनों तस्वीरें एक ही तो नहीं हैं लेकिन इनमें काफ़ी समानता है. अगर इसमें दिख रही जगह को देखें तो मालूम पड़ेगा कि जिस लोकेशन पर ये दोनों तस्वीरें ली गयी हैं, एक ही है. बदलाव सिर्फ़ तस्वीरों के ऐंगल और मोरों की पोज़ीशन का है.

दोनों तस्वीरों में दिख रही जगह एक जैसी लगने पर हमने ‘vama_amav’ से इस तस्वीर के बारे में जानने के लिए इंस्टाग्राम पर संपर्क किया. उन्होंने बताया कि ये वायरल तस्वीर उन्होंने तो नहीं खींची है लेकिन ये जगह चंडीगढ़ का छतबीर चिड़ियाघर है. वमा ने कहा कि उन्होंने ये जगह देखी हुई है.

तर्क देने को तो ये भी दिया जा सकता है कि चूंकि इन दोनों तस्वीरों में सब कुछ एक जैसा नहीं है इसलिये ये तस्वीर लॉकडाउन के दौरान की हो सकती है. मगर ऐसे में अगर हम ये मानें कि इत्तेफ़ाकन ठीक उसी जगह पर लगभग एक जैसे ऐंगल से साल भर के अंतर पर दो अलग-अलग तस्वीरें ली गईं और दोनों में मोर और तोते दिखाई दिए, तो ये एक बहुत बड़ा इत्तेफ़ाक होगा जिसके होने की संभावना शून्य के क़रीब है.

सितम्बर 2019 के ट्वीट से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि कई सारे मोरों को दिखाती ये तस्वीर क़रीब एक साल पुरानी है. इस तस्वीर का कोरोनावायरस से जुड़े लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, ये तस्वीर चंडीगढ़ की है या नहीं इस बात की पुष्टि हम स्वतंत्र रूप से नहीं कर पाए हैं.

पहले भी रोड पर बैठे हुए कई हिरणों को दिखा रही एक तस्वीर शेयर कर ये दावा किया गया कि लॉकडाउन की वजह से ये हिरण ऊटी-कोयम्बटूर के रास्ते पर बैठे हुए हैं. हमने अपनी जांच में पाया था कि वो तस्वीर जापान के नारा पार्क की है.

अलग-अलग जगह की बताकर ये तस्वीर वायरल

ऑल्ट न्यूज की ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए मिली रीक्वेस्ट से मालूम हुआ कि इस तस्वीर को इंदौर की बताकर भी शेयर किया जा रहा है.

एक यूज़र ने इस तस्वीर को चंडीगढ़ का बताकर शेयर किया, जिसके नीचे कमेन्ट करते हुए एक यूज़र ने इसे BHU कैम्पस का बताया है. वहीं एक ने पुणे का भी बताकर शेयर किया है.

इस तरह तकरीबन एक साल पुरानी तस्वीर, सोशल मीडिया पर अलग-अलग जगह की बताकर शेयर हो रही है.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.