पाकिस्तानी सोशल मीडिया में एक वीडियो साझा किया जा रहा है, जिसमें पुलिसकर्मियों के पीछे बैलों को दौड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया गया है कि भारत के एक गांव में जब पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो गांव के लोगों ने उनके पीछे बैलों को दौड़ाकर उन्हें भगा दिया। साझा किये गए सन्देश के अनुसार, “जब भारतीय पुलिस ने एक गांव में छापा मारा, तो नागरिकों ने पैदल सेना को उनके पीछे लगा दिया।” (अनुवाद)
#TeamAntiMafia
Innovative counter attack…
When Indian police raided a village, the civilians used armoured infantry…..🤣 pic.twitter.com/KZls2G7TC4— Aamir (@risingstr2) December 26, 2019
छापेमारी का नहीं, बैल पोला त्यौहार का वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वीडियो के साथ साझा किया गया दावा, गलत है। यूट्यूब पर ‘बैल पुलिस दौड़ना‘ कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें 30 अगस्त, 2019 को अपलोड किया हुआ यह समान वीडियो मिला। वीडियो के साथ साझा किये गए विवरण के मुताबिक, यह 2019 में महाराष्ट्र के वराडसिम गांव में आयोजित ‘बैल पोला’ नामक त्यौहार को दर्शाता है। दरअसल यह त्यौहार बैलों के सम्मान ने आयोजित किया जाता है, जिसमें बैलों का श्रृंगार किया जाता है और उनकी पूजा कर एक दौड़ स्पर्धा का आयोजन भी किया जाता है।
मराठी में ‘बैल_पोळा’ कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें ट्विटर पर यह वीडियो मिला, जिसे वराडसिम में आयोजित बैल पोला त्यौहार का बताया है।
महाराष्ट्र में किसानों ने अपना तेव्हार धूम धाम से मनाया व्हिडियो जरूर देखें#बैल_पोळा pic.twitter.com/7CVeyTrkv0
— हिन्दू महेंद्र गिरी गोसावी (@12mgoswami) August 30, 2019
आगे सर्च करने पर हमें इस त्यौहार का एक अन्य वीडियो भी मिला, जिसे 9 सितम्बर, 2018 को अपलोड किया गया था। यह वीडियो 2018 में आयोजित किये गए ‘बैल पोला’ यानि कि बैलों की दौड़ स्पर्धा के त्यौहार को दर्शाता है।
इस प्रकार, महाराष्ट्र के वराडसिम गांव में आयोजित ‘बैल पोला’ नामक त्यौहार का वीडियो पाकिस्तानी सोशल मीडिया में इस झूठे दावे से साझा किया गया है कि भारत में पुलिस जब एक गांव में छापेमारी करने पहुंची तब स्थानीय लोगों ने उनके पीछे बैलों को दौड़ा दिया।
पाक सोशल मीडिया में समान दावे से वायरल
यह वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर समान दावे से प्रसारित है।
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