सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरों का कोलाज वायरल है. पहली तस्वीर में कुछ लड़कियां पत्थर फेंकते हुए दिख रही हैं. दूसरी तस्वीर में कुछ बच्चे भारत का झंडा लेकर खड़े हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि पहली तस्वीर कश्मीर में कांग्रेस की सरकार के वक़्त की है. वही दूसरी तस्वीर भाजपा के शासन के समय की. उत्तर प्रदेश भाजपा के नेता ओपी मिश्रा ने ये कोलाज ट्वीट किया है.

ये तस्वीरें ट्विटर पर काफ़ी वायरल है. और भी कई भाजपा समर्थकों ने इसे ट्वीट किया है जिसमें @ravibhadoria @janakraj13@Mithu_nda और भाजपा सदस्य लवप्रीत सिंह (@ldsinghbjp) शामिल है.

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फ़ैक्ट-चेक

पहली तस्वीर

गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2017 का ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ का आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में ये तस्वीर शेयर की गई थी.

आर्टिकल में तस्वीर का श्रेय फ़ारूक खान और द यूरोपियन प्रेसफ़ोटो एजेंसी को दिया गया है.

द यूरोपियन प्रेसफ़ोटो एजेंसी की वेबसाइट पर ये तस्वीर 24 अप्रैल 2017 को अपलोड की गई थी.

तस्वीर के साथ बताया गया है – “भारतीय सिक्युरिटी फ़ोर्सिस ने पुलवामा की एक कॉलेज में छापा मारा था जिसमें 4 दर्ज़न से ज़्यादा छात्र घायल हो गए थे. इसके चलते इलाके में 15 अप्रैल 2017 से छात्रों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था”. वेबसाइट पर प्रदर्शन की और भी तस्वीरें शेयर की गई हैं.

मार्च 2015 से जून 2018 तक कश्मीर में भाजपा और पीडीपी की गठबंधन सरकार थी. इस दौरान, केंद्र में भी 2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है.

यानी, ये तस्वीर कांग्रेस की सरकार के वक़्त की नहीं है.

दूसरी तस्वीर

दूसरी तस्वीर के बारे में ऑल्ट न्यूज़ को कोई विश्वसनीय स्त्रोत नहीं मिला. लेकिन एक वेबसाइट ने ये तस्वीर साल 2021 के गणतंत्र दिवस के मौके की बताई है.

तस्वीर में दिख रहे कुछ बच्चों ने मास्क पहने हैं. इसे देखकर हमें संदेह हुआ कि ये तस्वीर हाल की हो सकती है. गौर से देखने पर बच्चों के पीछे दिख रही इमारत की होर्डिंग में कुछ लिखा हुआ दिखा. इसपर “GOODWILL” शब्द साफ़ तौर पर दिख जाता है. जबकि दूसरा शब्द शायद “PORA” है. पाठक से अनुरोध है कि कि वो इस तस्वीर को दूसरे टैब में खोलकर ज़ूम करके पढ़ने की कोशिश करें.

नीचे तस्वीर में इस हिस्से को हाईलाइट कर दिखाया है.

इन जानकारियों के आधार पर ऑल्ट न्यूज़ ने इस इमारत के बारे में ज़्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश की. गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया. रिज़ल्ट्स में हमें आर्मी गुडविल स्कूल्स की लिंक्स मिलीं.

वेबसाइट चेक करने पर मालूम हुआ कि बांदीपोरा में आर्मी गुडविल स्कूल मौजूद है.

तस्वीर के बारे में ज़्यादा जानकारी जुटाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने स्कूल के कर्मचारी से बात की. कर्मचारी की मांग पर उनकी पहचान गोपनीय रखी गई है. उन्होंने बताया कि ये तस्वीर बांदीपोरा के आर्मी गुडविल स्कूल की ही है. इसे 2021 के गणतंत्र दिवस के आयोजन के वक़्त खींचा गया था. हमने उनसे पूछा कि क्या 2014 से पहले इस तरह का कोई जश्न मनाया गया है या नहीं? जिसके जवाब उन्होंने बताया कि स्कूल में 2004 के बाद से राष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं. ध्यान दें कि इस स्कूल की स्थापना 2004 में हुई थी.

जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना आर्मी गुडविल स्कूल्स चलाती हैं. 2020 में न्यूज़18 से बात करते हुए डिफ़ेन्स स्टाफ़ के चीफ़ जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि कश्मीर में गुडविल स्कूल्स ‘देशद्रोह वाली सोच से बचाने’ वाले कैम्प की तरह है.

कुल मिलाकर, कश्मीर में कांग्रेस और भाजपा के शासन के दौरान हुए बदलाव दिखाने के लिए शेयर की गई 2 तस्वीरें असलियत में भाजपा शासन के वक़्त की ही हैं.


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