एक पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. तस्वीर में युवा नरेंद्र मोदी के साथ एक शख्स दिखाई दे रहा है जिसने उनके कंधे पर हाथ रखा हुआ है. दावा किया जा रहा है कि उनके साथ दिख रहे ये शख्स अन्ना हज़ारे हैं. इसे एक ग्राफ़िक के रूप में भी शेयर किया जा रहा है. फ़ेसबुक पेज ‘सेव द किसान’ ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ पोस्ट की है. (आर्काइव लिंक)
Posted by ਕਿਸਾਨ ਨੂੰ ਬਚਾਓ Save The Kisan on Sunday, 27 December 2020
फ़ेसबुक यूज़र रविन्द्र रवि सैन ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ पोस्ट की है. (आर्काइव लिंक)
बहुत पुराना याराना लगता है। शोके फिल्म का यह डायलाग आज सार्थक हो गया है।
वास्तव में कांग्रेस सरकार के विरुद्ध जबरदस्त आन्दोलन करने वाले अब खामोश क्यों हैं यह बात अब सिध्द हो गयी है।Posted by रविन्द्र रवि सैन on Friday, 25 December 2020
फ़ेसबुक पेज ‘अकाल मीडिया’ ने ये तस्वीर पंजाबी मेसेज के साथ पोस्ट की है. (आर्काइव लिंक)
ਇਸ ਬਾਰੇ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਖਿਆਲ ਹੈ
ਕੀ ਇਹ ਵੀ Editing ਹੈ …..???Posted by Akaal Media on Sunday, 27 December 2020
फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+917600011160) पर तस्वीर की हकीकत जानने के लिए कुछ रीक्वेस्ट भी मिली हैं.
फ़ैक्ट-चेक
आसान से रिवर्स इमेज सर्च से हमें नरेंद्र मोदी की ये तस्वीर द इकोनॉमिक टाइम्स के 22 सितंबर 2017 के एक आर्टिकल में मिली. आर्टिकल में नरेंद्र मोदी के साथ दिख रहे व्यक्ति की पहचान लक्ष्मण राव इनामदार उर्फ़ वकील साहब के रूप में की गई है.
द इकोनॉमिक टाइम्स का ये आर्टिकल गुजरात में RSS के संस्थापक सदस्यों में से एक लक्ष्मण राव इनामदार के बारे में है. बकौल नरेंद्र मोदी, लक्ष्मण राव इनामदार ने उनके जीवन के शुरुआती दौर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लक्ष्मण राव इनामदार, नरेंद्र मोदी को उनके बचपन से ही जानते थे.
साल 2014 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट में भी प्रधानमंत्री मोदी और लक्ष्मण राव इनामदार की ये तस्वीर शेयर की गई थी. आर्टिकल के मुताबिक, नरेंद्र मोदी ने लक्ष्मण राव इनामदार के जीवन पर एक किताब भी लिखी थी. साल 1984 में लक्ष्मण राव इनामदार की मृत्यु हो गई थी.
इस तरह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु लक्ष्मण राव इनामदार उर्फ़ वकील साहब के साथ की तस्वीर अन्ना हज़ारे की बताकर शेयर की गई. हाल ही में नरेंद्र मोदी से जुड़ी कुछ पुरानी तस्वीरें ग़लत दावों के साथ शेयर की गई हैं.
भयंकर बर्फ़ में पहरेदारी कर रहे सेना के जवान सियाचिन में इंडियन आर्मी के नहीं बल्कि रशियन आर्मी के हैं:
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