“2008 में कम्युनिस्ट ने त्रिपुरा में #लेनिन से प्रभावित होकर भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मूर्ति गिराई, इससे ना तो बुद्धिजीवियों को कोई दिक्कत थी ना कांग्रेस को।” ऐसा प्रफुल्ल केतकर ने ट्वीट किया। केतकर आरएसएस की पत्रिका ऑर्गनाइजर के संपादक हैं।
In 2008, the Commies brought down former PM Rajiv Gandhi's statue in Tripura with the inspiration of #Lenin, neither their intellectual voices nor @INCIndia had a problem with his. pic.twitter.com/P6nb7A3YkU
— prafulla ketkar (@prafullaketkar) March 7, 2018
केतकर और कई दक्षिणपंथी समर्थकों के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी के वे नेता और समर्थक जो त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने विरोध कर रहे हैं वे खुद इस प्रकार के राजनीति के दोषी हैं। गौरव प्रधान जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ट्वीटर पर फॉलो करते हैं उन्होंने भी ऐसा ही कुछ कहते हुए ट्वीट किया, उनके ट्वीट को 1100 से भी अधिक बार रिट्वीट किया जा चूका है।
Dear @JhaSanjay @priyankac19 @rssurjewala & other @incindia PIDIs
This is Shri Rajiv Gandhi statue in Tripura which was brought down by LEFT in the most humiliating manner in 2008
Would u guys say something about it or Lenin is your new father now? pic.twitter.com/IcAIYIgNZd
— #GauravPradhan 🇮🇳 (@DrGPradhan) March 7, 2018
इस तस्वीर को कई सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्वीट किया है। हमने यहाँ कुछ उदाहरण पेश किए हैं। नीचे दिया गया @Sootradhar अकाउंट को ट्वीटर पर मोदी जी फॉलो करते हैं।
CPIM demolished Rajiv Gandhi Statue in 2008 in Tripura, CPIM also demolished Netaji Bose Statue in Birbhum , West Bengal. pic.twitter.com/TkiOWOwaO7
— Jiggs 🚩 (@Sootradhar) March 7, 2018
Communists of Tripura broke and dismantled Rajiv Gandhi’s statue in 2008. Did you hear a squeak from anyone, even from the party who elected him as PM? Nobody uttered a word. That is why the present outrage is purely hypocritical. I support removal of Lenin statues by law pic.twitter.com/t04qQw5Tz7
— Sanjay Dixit संजय (@Sanjay_Dixit) March 7, 2018
क्या कम्युनिस्ट ने 2008 में त्रिपुरा में राजीव गाँधी की मूर्ति गिराई थी?
तो क्या ये सच है कि कम्युनिस्ट ने त्रिपुरा में 2008 में राजीव गाँधी की मूर्ति गिराई थी जैसा कि सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथी समर्थक दावा कर रहे हैं? इस दावे में सच्चाई नहीं है।
ऊपर की तस्वीर डेक्कन क्रोनिकल ने साल 2013 में छापी थी और यह तस्वीर आंधप्रदेश में खिंची गयी थी। राजीव गांधी की इस मूर्ति को आँध्रप्रदेश के उन आन्दोलनकारियों ने गिराई थी जो आँध्रप्रदेश की एकता के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। साल 2014 में आँध्रप्रदेश का दो राज्यों में बटवारा हुआ था इसको लेकर तब की UPA सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था। ऊपर पोस्ट की गई तस्वीर को यहाँ देखा जा सकता है।
हाल ही में ऐसा देखा गया था कि त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने का कुछ भाजपा नेताओं ने समर्थन किया था। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव, भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली और राज्यसभा सदस्य स्वप्न दासगुप्ता शामिल थे। इस गुमराह करने वाली तस्वीर को जरिया बनाकर कुछ दक्षिणपंथी समर्थक सोशल मीडिया पर दूसरों पर ऊँगली उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
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