वायरल वीडियो के हिंसक ग्राफ़िक को देखते हुए इस स्टोरी में ट्वीट के सिर्फ स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है.

इज़राइल और हमास में जारी युद्ध के बीच ज़ंजीरों से बंधे दो सैनिकों को ज़िंदा जलाए जाने की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. कई यूज़र्स ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि ये अत्याचार हमास के आतंकियों ने इज़रायली सैनिकों पर किया है.

वीडियो में 1 मिनट 45 सेकेंड पर, एक व्यक्ति को वीडियो पर सुपरइम्पोज्ड किए गए अरबी टेक्स्ट के साथ बोलते हुए सुना जा सकता है. इसका हिंदी अनुवाद है, “अल्लाह ओ अकबर. हमने मुसलमानों का बदला ले लिया है. अगर आप अपने सैनिक वापस नहीं बुलाएंगे तो उनका यही हाल होगा. ऐसे दृश्यों की आदत हो जाएगी, आप इन्हें हमारे हाथों जलते हुए देखोगे, आप अपने कानों में उंगली डाल लोगे ताकि आपको उनकी चीखें न सुनाई दें. अगर आप इस्लामिक स्टेट की ज़मीनें नहीं छोड़ेंगे तो ये ज़मीनें आपके सैनिकों के लिए कब्रें बन जाएंगी. आपको इसमें घुसने पर पछतावा होगा. आने वाला वक्त और भी बुरा होगा. तो रुक जाओ, हम इंतज़ार में हैं. आपने मुसलमानों को, तुर्की सरकार को जला दिया है. आपने US इंसर्लिक बेस खोला. वहां से अमेरिकी विमानों ने इस्लामिक स्टेट के सैनिकों पर बमबारी की. अल्लाह ने चाहा तो आपका हाल भी यही होगा. जैसा आपने हमारे भाइयों के साथ किया.” इसके बाद हत्यारे ने दो वर्दीधारी व्यक्तियों के जलते हुए शरीर पर ईंधन डाल दिया.

दिल्ली में बीजेपी के पूर्व मीडिया प्रमुख और प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ”हमास के आतंकियों का क्रूर चेहरा देखिये. ये अमानवीय और पैशाचिक कार्यों का वीडियो हमास के आतंकियों द्वारा ही बनाया गया है जिसमें दो इजरायली सैनिकों को चेन से बांध उनके शरीर पर बारूद लपेट कर आग लगा दी गई और वे तड़प तड़प का मर रहे हैं। लेकिन फिर भी कुछ गद्दार हमास का समर्थन कर रहे है। हमास आतंकियों का सफाया बहुत जरूरी है, हम सबको @Israel का साथ देना चाहिये.” ट्वीट को करीब 5,000 रिट्वीट मिले. (आर्काइव)

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे X (ट्विटर) पर शेयर किया है जिसमें यूज़र अमिताभ चौधरी (@MithilaWaala) भी शामिल हैं, इन्हें पहले भी कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर करते हुए पाया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले हमने देखा कि लगभग पूरे वीडियो में ऊपर दायीं तरफ एक काला लोगों दिखाई दे रहा था, जो ISIS के झंडे जैसा दिखता है. नीचे इनकी तुलना दी गई है:

हमने Invid सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करके वायरल वीडियो से की-फ़्रेम्स लिए और फिर उनमें से एक को गूगल पर रिवर्स सर्च किया. इससे हमें टर्किश मिनट की 2016 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के टाइटल का हिंदी अनुवाद है, ‘ISIL ने कथित तौर पर 2 तुर्की सैनिकों को जलाकर मार डाला.

इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से लिया गया एक दृश्य भी मौजूद है. रिपोर्ट के मुताबिक, “इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवंत (ISIL) ने कथित तौर पर दो तुर्की सैनिकों को ज़िंदा जला दिया. इन दोनों सैनिकों को उसने तीन हफ्ते पहले उत्तरी सीरिया के अल-बाब क्षेत्र में बंधक बनाया था. सोल्हाबर ने सैनिकों की पहचान फेथी साहिन और सेफ़र तास के रूप में की. ISIL से जुड़ी एक न्यूज़ एजेंसी ने 29 नवंबर 2016 को ख़बर दी कि ISIL बलों ने अल-बाब में दो तुर्की सैनिकों को बंदी बना लिया था. कथित तौर पर दो सैनिकों की तस्वीरें और एक वीडियो गुरुवार देर रात ISIL एकाउंट्स पर ऑनलाइन शेयर किए गए थे.

अलाराबिया न्यूज़ की 2016 की एक अन्य रिपोर्ट के टाइटल का हिंदी अनुवाद है, ‘ISIL वीडियो में तुर्की सैनिकों को ‘ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है.’ इस रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो जैसा दृश्य मौजूद है. रिपोर्ट में कहा गया है, ”ISIS आतंकवादियों ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें पकड़े गए दो तुर्की सैनिकों को ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है. वीडियो में दो वर्दीधारी व्यक्तियों को पिंजरे से बाहर निकाला जा रहा है और फिर उन्हें बांधकर आग लगा दिया गया. इस वीडियो को आतंकवादी वेबसाइटों पर पोस्ट किया गया था.” रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि “19 मिनट का फ़ुटेज कथित तौर पर उत्तरी सीरिया में ISIS द्वारा घोषित “अलेप्पो प्रांत” में शूट किया गया था. दो सैनिकों की हत्या करने वाला तुर्की में बोलते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के बारे में बात करता है और तुर्की में “विनाश बोने” का आह्वान करता है.

इस घटना की रिपोर्ट अल जज़ीरा, AFP, बीबीसी और VOA न्यूज़ सहित अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी की थी.

कुल मिलाकर, दो ज़ंजीरों में बंधे सैनिकों को जलाकर मार डालने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसे लेकर कई यूज़र्स ने ये दावा किया कि ये अत्याचार इज़रायल-हमास युद्ध के बीच इज़रायली सैनिकों के खिलाफ़ हमास के आतंकवादियों द्वारा किया गया था. हालांकि, हमारी फ़ैक्ट-चेक से पता चला कि वीडियो ISIS द्वारा 2016 में जारी किया गया था जब ISIS आतंकवादियों ने सीरिया में दो तुर्की सैनिकों को ज़िंदा जलाकर मार डाला था.

अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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