एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति को अरबी भाषा में माइक्रोफ़ोन में कुछ बोलते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में बुर्का पहनी हुई कुछ महिलाएं कतार में खड़ी दिख रही हैं. कहा जा रहा है कि इन महिलाओं को बेचा जा रहा है. इसे शेयर करने वाले लिख रहे हैं, “वक़्त बदलते देर नहीं लगती।जो लोग बोल रहे थे कि हिन्दुओ की बहन,बेटी और बहु 2-2 दीनार बेची थी।अब उन लोंगो की खुद की उसी बाज़ार मे आज बिक रही हैं और वो खुद बेच रहे हैं उसी बाज़ार में…” ट्विटर यूज़र @UmaShankar2054 ने ये वीडियो 16 अगस्त को शेयर किया है जिसे अबतक 15 हज़ार से अधिक बार देखा जा चुका है.
वक़्त बदलते देर नहीं लगती।जो लोग बोल रहे थे कि हिन्दुओ की बहन,बेटी और बहु 2-2 दीनार बेची थी।अब उन लोंगो की खुद की उसी बाज़ार मे आज बिक रही हैं और वो खुद बेच रहे हैं उसी बाज़ार में —–👇 pic.twitter.com/dt7zBNZbcY
— 🚩🇮🇳उमा शंकर राघव 🇮🇳🚩8k (@UmaShankar2054) August 16, 2021
व्हाट्सऐप पर ये वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है.
2019 से शेयर
2 साल पहले इसी वीडियो को शेयर करते हुए लिखा जा रहा था, “औरत को आसमानी ज्ञान वाले लोग कितना सम्मान देते है इस वीडियो से पता चल जाता है, जैसे सब्जी मंडी में सब्जियों की बोली लगाई जाती है वैसा ही शांतिदूत लोग करते हैं.”
वीडियो के नीचे स्क्रीन पर सबटाइटल भी दिख रहा है जिसमें लिखा है, “हमारे पास यज़ीदी महिलाएं हैं, कुर्दी महिलाएं हैं और हमारे पास ईसाई भी हैं. इन्हें पाना आपके लिए अब दाहिने हाथ का काम है. आइए और अपने गुलाम को ले जाइये. खुद के लिए एक सेक्स गुलाम रखिए. हमारे बहादुर सिपाही, बहादुर इस्लामिक स्टेट के लड़ाके इन इलाकों में गए और अपने मुर्तदीन (काफिर) बदमाश को मार डाला ताकि आज आप उनकी महिलाओ को पा सकते हैं. तकबीर, तकबीर, तकबीर (अल्लाह महान है)…”
इसके बाद महिलाओं की नीलामी शुरू होती है और वहां जमा हुए लोगों को 13 साल की ‘आयशा’ की कीमत लगाते हुए सुना जा सकता है. इसके आगे अन्य महिलाओं की नीलामी होती है. पूरा वीडियो 2 मिनट 20 सेकंड का है.
औरत को आसमानी ज्ञान वाले लोग कितना सम्मान देते है इस वीडियो से पता चल जाता है,
जैसे सब्जी मंडी में सब्जियों की बोली लगाई जाती है वैसा ही शांतिदूत लोग करते हैं👇👇@RanaAyyub @Nationalist_Om @TarekFatah pic.twitter.com/qM4Fx8eiRn— Ola Speaks (@ola_speaks) July 22, 2019
इस वीडियो को एक व्यंगपूर्ण संदेश के साथ पोस्ट किया है, जिसमें मुस्लिम समुदाय का मज़ाक उड़ाते हुए उन्हें ‘शांतिदूत’ कहा गया है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबधित की-वर्ड्स से सर्च किया तो हमें 20 अक्टूबर, 2014 को BBC न्यूज़ द्वारा प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. इसका शीर्षक था, “लंदन में इस्लामिक स्टेट के गुलाम की नीलामी करने का नाटक”. इस रिपोर्ट में वायरल हो रहा वीडियो भी शामिल है.
ये वीडियो लंदन के लीसेस्टर चौक पर रिकॉर्ड किया गया था. लेख के मुताबिक, “कुर्दिश कार्यकर्ताओं द्वारा इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान जारी है – यूट्यूब पर “इस्लामिक स्टेट सेक्स स्लेव मार्केट” लंदन के केंद्र भाग में नाटक के इस वीडियो को दस लाख से अधिक बार देखा गया.”
वीडियो में इस समूह के मुखिया को माइक्रोफ़ोन में कुछ बोलते हुए सुना जा सकता है. उनके पीछे बुर्का पहनकर कतार में खड़ी हुई महिलाओं के समूह को देखा जा सकता है. वह व्यक्ति घोषणा करता है कि, “हमारे पास आपके लिए चार महिलाएं है.” वो आगे कहता है, “और हम उन्हें इस्लामिक स्टेट के सौजन्य से बेच रहे हैं.”
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, “वीडियो 14 अक्टूबर, 2014 को लिया गया था. इस कार्य का आयोजन कम्पैशन फ़ॉर कुर्दिस्तान नामक एक कुर्दी प्रवासियों के समूह द्वारा किया गया था जो इराक में आईएस की कथित कार्यवाहियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इसे अब तक 250,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है. उसी रात को इस समूह ने डाउनिंग स्ट्रीट और संसद के सदनों के बाहर भी अपने नाटक का प्रदर्शन किया था.”
ये वीडियो 2014 में कूर्द प्रदर्शनकारियों द्वारा सेक्स स्लेव नीलामी के नाटक का है. इराक में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा किए गए अत्याचारों पर इससे प्रकाश डालने की कोशिश की गई है. उस समय को दिखाने की कोशिश की गयी है जब आतंकी संगठन चरम पर थे और इराक और सीरिया के बड़े इलाकों पर कब्जा कर लिया गया था. यह ध्यान देने योग्य है कि ये एक नाटक का वीडियो है. इस कार्यक्रम के मूल वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था जो फ़िलहाल मौजूद नहीं है.
ISIS द्वारा महिलाओं को गुलाम बनाना
ISIS द्वारा महिलाओं को अगवा करना और उन्हें गुलाम बनाना कोई छुपी हुई बात नहीं है. CNN के मुताबिक, ISIS ने अपने अंग्रेजी भाषा के प्रकाशनदबीक में एक लेख प्रकाशित किया था. इसका शीर्षक है, “एक घंटे के भीतर गुलामी का पुनर्जीवन”. इसमें इस्लामिक कानून का हवाला देते हुए महिलाओं की गुलामी को उचित बताया है. इसे द न्यू यॉर्क टाइम्स ने भी प्रकाशित किया था. अन्य कई रिपोर्ट में ISIS द्वारा महिलाओं को अगवा करने की डरावनी कहानियों और उन्हें गुलाम बनने के लिए मज़बूर करने की घटना को प्रकाशित किया गया है. 2014 की संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यज़ीदियों को सबसे ज़्यादा निशाना बनाया गया है.
इस तरह ट्विटर पर पोस्ट किया गया वीडियो ISIS सेक्स स्लेव की नीलामी करने का एक नाटकीय वीडियो है, जिसे ISIS के विरोध में 2014 में लंदन में एक कुर्द समूह द्वारा प्रदर्शित किया गया था.
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