26 अगस्त को चार लोगों द्वारा एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. एक ट्विटर यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “गाज़ियाबाद में दिनदहाड़े राजू को ताहिर और उसके गिरोह ने बेरहमी से पीटा.”

एक दिन बाद सुदर्शन न्यूज़ ने गाज़ियाबाद और यूपी पुलिस को टैग करते हुए एक रिपोर्ट ट्वीट की. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

सुदर्शन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि ताहिर इस हमले का मास्टरमाइंड था.

घटना को ग़लत सांप्रदायिक ऐंगल दिया गया

26 अगस्त को दैनिक भास्कर के पत्रकार सचिन गुप्ता ने वीडियो ट्वीट करते हुए हिंदी में लिखा, “यूपी में गाज़ियाबाद के खोड़ा नामक कस्बे में राजू नाम के एक लड़के को पैरोल पर बाहर आए हत्या के आरोपी ताहिर,और उसके साथियों ने वर्चस्व बनाने के लिए सड़क पर सरेराह पीटा, दो आरोपी विकास/सौरभ गिरफ्तार हैं.”

FIR में ‘जावेद अली’ नाम के आरोपी का ज़िक्र नहीं है. (FIR देखें)

सुदर्शन न्यूज़ की रिपोर्ट से एक दिन पहले गाज़ियाबाद पुलिस ने पुलिस अधीक्षक (SP) ट्रांस हिंडन का एक बयान पोस्ट किया था. SP ने बताया कि घटना 19 अगस्त की शाम करीब 7 बजे खोड़ा क्षेत्र की है. उन्होंने ये भी बताया कि विकास और सौरव को गिरफ़्तार कर लिया गया था. साथ ही कहा, “स्थानीय NGO, सामाजिक संगठन संघर्ष सेवा के रजनीश कुमार झा को सौरव, विक्की, ताहिर और रोशन और कुछ अज्ञात लोगों ने उनके कार्यालय में पीटा था. कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और स्टाफ़ मेम्बर ऋतिक के साथ भी लड़ाई की और उसका फ़ोन चुरा लिया.”

ऑल्ट न्यूज़ ने 28 अगस्त को खोड़ा के SSI, मधुर श्याम से बात की. उन्होंने बताया, “ये एक साधारण लड़ाई थी और दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. अदालत में मामला लंबित है साथ ही अभी और लोगों की गिरफ़्तारी होनी बाकी है. इसका कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है.”

रजनीश कुमार झा द्वारा दर्ज FIR के मुताबिक, चार आरोपियों के नाम थे- विक्की, ताहिर, संदीप उर्फ़ खली और रोशन. FIR में एक अज्ञात व्यक्ति का भी नाम है. रजनीश झा ने बताया कि उनके स्टाफ़ मेम्बर ऋतिक और उनके दोस्त राजू कुमार को भी पीटा गया, और ऋतिक का फ़ोन भी चोरी हो गया. जावेद अली नाम का ज़िक्र था ही नहीं. (FIR देखें)

FIR में रजनीश कुमार झा की गवाही में ये भी कहा गया है कि ताहिर अपने पिछले अपराधों के कारण पेरोल पर है. लेकिन इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि उसके अपराध क्कौया थे.

ऑल्ट न्यूज़ ने रजनीश झा से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने मुझ पर हमला क्यों किया. लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये घटना सांप्रदायिक थी.” उन्होंने यह भी कंफ़र्म किया कि वो जावेद अली नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानते हैं.

जब हमने ताहिर के पिछले अपराधों के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया, “ताहिर मुझसे सिर्फ 300 मीटर दूरी पर रहता है और मैंने 2016 या 2017 में हत्या के मामले और उसकी पिछली आपराधिक गतिविधियों के बारे में सुना है.” दैनिक भास्कर ने भी ये रिपोर्ट किया कि ताहिर पर पहले भी हत्या का आरोप लगा था.

कुल मिलाकर, मामले में दर्ज FIR के अनुसार, यूपी के गाज़ियाबाद में रजनीश कुमार झा और दो अन्य को पांच लोगों ने पीटा. उनमें से तीन हिंदू समुदाय के थे और एक मुस्लिम समुदाय से था. FIR में एक अज्ञात व्यक्ति का भी नाम है. सुदर्शन न्यूज़ की रिपोर्ट से अलग, पीड़ित ने बताया कि आरोपियों में जावेद अली नाम का कोई नहीं था और स्पष्ट किया कि ये घटना सांप्रदायिक नहीं थी. सांप्रदायिक रंग देने के लिए ताहिर का नाम सोशल मीडिया पर हाईलाइट किया गया.


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