सुदर्शन न्यूज़ ने 15 अप्रैल को एक शो के दौरान पवन हंस लिमिटेड में ‘नौकरी जिहाद’ का दावा किया. शो में दावा किया गया कि सरकारी कंपनी पवन हंस लिमिटेड सिर्फ मुस्लिमों को ही नौकरी दे रही है और हिन्दू छात्रों के साथ भेदभाव कर रही है. (आर्काइव लिंक) पवन हंस लिमिटेड भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक सरकारी मिनी रत्न कंपनी है.

सुदर्शन न्यूज़ के 16 अप्रैल के एक कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ में सुरेश चव्हाणके ने कहा, “पूरे हिंदुस्तान में एविएशन का कोर्स करके, लाखों की फ़ीस भरके जॉब लेस हैं, बेकार हैं. लेकिन जामिया मिल्लिया इस्लामिया क्या जामिया मिल्लिया इस्लामिया! ये दिल्ली के अंदर जो कैंपस है उसके साथ पवन हंस ने न जाने क्या गुल खिलाएं हैं. उसका एग्रीमेंट का कागज़ भी है मेरे पास. लेकिन पवन हंस ने हालिया की गई भर्ती का सौ प्रतिशत लोगों को जामिया से लिया गया है. कोई विज्ञापन नहीं, किसी प्रकार की कोई अपील नहीं. मानो कि किसी शेख़ के कंपनी हो और उसके मन में आ गया उसको ले लिया. भारत सरकार के रिक्रूटमेंट के नियमों के उल्लंघन से लेके और भी कई प्रश्न हैं.” सुरेश चव्हाणके ने इस शो के दौरान इन नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की.

DD न्यूज़ के सीनियर एडिटर अशोक श्रीवास्तव ने एक लिस्ट की तस्वीर 7 अप्रैल को ट्वीट की थी. इसमें 9 इंटर्न्स के नाम दिए गए हैं. ये सभी नाम मुस्लिम हैं. अशोक श्रीवास्तव ने दावा किया कि पवन हंस ने वेकेंसी का कोई विज्ञापन नहीं निकाला. सीधे जामिया से संपर्क किया और जामिया के को-ऑर्डिनेटर ने ये लिस्ट भेज दी. इस ट्वीट को 7 हज़ार से अधिक लाइक्स मिले. (आर्काइव लिंक)

ऑप इंडिया सहित कई राइट विंग यूज़र्स ने ऐसा ही दावा किया. सुदर्शन न्यूज़ के सागर कुमार ने क्रिएटली का बनाया एक ग्राफ़िक शेयर करते हुए इसे हिन्दुओं के खिलाफ़ बहुत बड़ी साजिश बताया.

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एक छात्र अंश अग्रवाल के पिता राजीव अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अंश का CGPA में सबसे ज़्यादा मार्क्स आया था जिसके बावजूद उसका सेलेक्शन नहीं हुआ. उन्होंने भारत सरकार से इस मामले में इन्क्वायरी बिठाने की मांग की.

फ़ैक्ट-चेक

पवन हंस की वेबसाइट पर जारी नोटिफ़िकेशन के मुताबिक, पवन हंस जामिया मिल्लिया इस्लामिया के साथ मिलकर ढाई साल का फ़ुल टाइम बेसिक एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस ट्रेनिंग कोर्स कर रहा है. पवन हंस लिमिटेड और जामिया के बीच 27 जुलाई 2017 को ये समझौता किया गया था. जामिया के फ़ेसबुक पेज से भी इस बात की जानकारी उस वक़्त दी गई थी. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, ‘इस कोर्स का वार्षिक शुल्क 1 लाख 30 हज़ार है और वर्ष 2018 के दौरान कुल 60 छात्रों को भर्ती कराया गया (श्रेणी बी 1 में 30 छात्र और श्रेणी बी 2 में 30 छात्र).’ इस कोर्स के बाद 30 छात्रों का चयन इंटरव्यू के लिए होता है जिसके बाद 10 छात्र फ़ाइनल इंटर्न्स के लिए सेलेक्ट होते हैं. इन इंटर्न्स को एक साल तक ट्रेनिंग के लिए रखा जाता है और हर महीने 15 हज़ार रुपये दिए जाते हैं.

सुदर्शन न्यूज़ का दावा है कि पवन हंस ने हिन्दू छात्रों के साथ भेदभाव किया. हमने इस दावे के बारे में पवन हंस से संपर्क करने की कोशिश की. मेल का कोई जवाब अभी तक हमें नहीं मिला है और न ही फ़ोन कॉल का कोई जवाब मिला. हमने कोर्स में शामिल छात्रों से बात की. कुछ के नाम इस लिस्ट में हैं और कुछ वो छात्र भी हैं जो सेलेक्ट नहीं हुए. इनमें कुछ हिन्दू छात्र भी हैं.

अगर बात करें कि मुस्लिम छात्रों की संख्या ज़्यादा क्यूं है तो ये इसलिए है क्यूंकि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 50% मुस्लिम छात्रों का कोटा है. जाहिर सी बात है कि मुस्लिम छात्रों की संख्या ज़्यादा रहेगी. B.SC एरोनॉटिक्स मेकेनिकल और B.SC एरोनॉटिक्स एवियोनिक्स में शामिल छात्रों की लिस्ट नीचे दी गई है. ये लिस्ट 6 सेमेस्टर की है. मेकेनिकल में 29 छात्र और एवियोनिक्स में 28 छात्र हैं. टोटल 57 छात्र आखिरी सेमेस्टर तक रहे. 57 छात्रों में से 11 छात्र हिन्दू हैं. B.SC एरोनॉटिक्स मेकेनिकल से 5 और B.SC एरोनॉटिक्स एवियोनिक्स से 6 छात्र हिन्दू हैं.

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अशोक श्रीवास्तव ने जो लिस्ट शेयर की थी उनमें 9 छात्रों के नाम हैं. ये बीएससी मेकेनिकल और बीएससी एवियोनिक्स दोनों से मिलाकर आखिरी में सेलेक्ट हुए फ़ाइनल इंटर्न्स हैं. 10 छात्रों को सेलेक्ट किया गया था जिसमें एवियोनिक्स से एक छात्रा ने अपना नाम वापस ले लिया. एक छात्र ने बताया कि बीएससी एरोनोटिक्स के मार्क्स के आधार पर कुल 30 छात्रों का चयन हुआ था. जिसमें 4 छात्रों ने हायर स्टडी या कुछ और काम की बात कर अपना नाम वापस ले लिया. इन 4 छात्रों में 3 छात्र हिन्दू थे. हमने इन चारों छात्रों से बात की. इन सभी ने सेलेक्शन प्रोसेस में किसी तरह का भेदभाव होने की बात से इनकार किया.

एक छात्र शुभ सोलंकी ने बताया, “ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुस्लिम बच्चों को ले लिया गया है. अगर आपके पास अच्छे मार्क्स हैं तो आपको लिया जायेगा. मुझे कॉल आया था लेकिन मैंने रिजेक्ट कर दिया क्यूंकि मैं कुछ और तैयारी कर रहा हूं. सिलेक्शन प्रोसेस सभी सेमेस्टर में प्राप्त CGPA के आधार पर किया गया है. CGPA एक ग्रेडिंग सिस्टम है जिसमें मार्क्स को ग्रेड में कन्वर्ट किया जाता है. मेरे अनुसार, 10 में से जिनके CGPA 8.5 होंगे उन्हें इंटरव्यू के कॉल आयें होंगे. दूसरा फैक्टर था DGCA मॉड्यूल. ये डायरेक्टर जनरल ऑफ़ सिविएशन एकाडमी 10 मॉड्यूल कंडक्ट करता है. 10 में से जिसके ज़्यादा मॉड्यूल क्लियर हैं उनके सेलेक्शन के चांसेज होते हैं. किसी के 2 भी होते हैं और किसी के 6 भी होते हैं. मैंने सुना था मैनेजमेंट से कि लड़कियों के लिए 30% आरक्षण था. पवन हंस का एक कॉलेज मुंबई में भी है.”

हमने मुंबई में पवन हंस हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में सेलेक्ट हुए छात्रों की लिस्ट देखी. यहां 13 छात्रों का चयन हुआ है जिनमें 10 छात्र हिन्दू हैं. ये लिस्ट हम पब्लिक नहीं कर रहे हैं क्यूंकि हमतक ये इंटरनल सोर्स से पहुंची है.

वायरल लिस्ट में शामिल 9 छात्रों में से एक मुस्लिम छात्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया, “हमारे कोर्स में 2 ब्रान्चेज़ हैं. एक मेकेनिकल है और दूसरा एवियोनिक्स. दोनों में 30-30 छात्रों के लिए जगह होती है. कुछ बच्चों ने कोर्स के दौरान फर्स्ट इयर-सेकंड इयर में ही छोड़ दिया था तो टोटल 56 बच्चे थे. दोनों में से मिलाकर 30 बच्चों का चयन हुआ था इंटरव्यू के लिए. ये 30 फ़ाइनल सेमेस्टर के मार्क्स के बेसिस पर और जो DGCA मॉड्यूल के आधार पर चयनित होते हैं. इन 30 में से 4 ने इंटरव्यू देने से मना कर दिया था. कुल 26 बच्चों का इंटरव्यू हुआ था इसमें मुस्लिम और नॉन-मुस्लिम दोनों थे.”

पवन हंस ने हिन्दू छात्रों के साथ भेदभाव किया?

सुदर्शन न्यूज़ ने अपने कार्यक्रम में बार-बार ये दावा किया कि पवन हंस ने हिन्दू बच्चों के साथ भेदभाव किया और सिर्फ मुसलमान छात्रों का ही चयन किया. हमने देखा कि 57 बच्चों में से 11 हिन्दू बच्चे हैं. हमने इन 11 छात्रों से संपर्क करने की कोशिश की और जानना चाहा कि इस मामले पर उनका क्या विचार है. B.SC एरोनॉटिक्स मेकेनिकल में 5 हिन्दू छात्र हैं. इनमें से चार छात्र मॉड्यूल के लिए उपस्थित नहीं हुए.

पांचवें छात्र अंश अग्रवाल जिनका जिनका चयन नहीं हुआ था और जिनके पिता राजीव अग्रवाल ने इस सेलेक्शन प्रोसेस पर सवाल उठाया था, हमने उनसे बात की. अंश से ये सवाल पूछे जाने पर कि क्या उनके साथ धर्म के आधार पर कोई भेदभाव हुआ है या नहीं, उन्होंने कहा, “ऐसा हो सकता है क्यूंकि मेरे से कम CGPA वाले भी सेलेक्ट हुए, मेरे से कम मॉड्यूल वाले भी सेलेक्ट हुए. मेरा इंटरव्यू बहुत अच्छा गया था. अब क्या रीजन रहा मुझे नहीं पता.” पूछे जाने पर कि क्या आपके सेक्शन में कम मॉड्यूल और CGPA वालों का हुआ है क्या वो लड़कियां हैं. उन्होंने कहा, हां ये लड़कियां है.

अगर हम इस बारे में बात करें तो जो लिस्ट वायरल हुई है उसमें 5 छात्र बीएससी एरोनॉटिक्स मेकेनिकल से हैं और 4 छात्र बीएससी एरोनॉटिक्स एवियोनिक्स. टोटल संख्या 10 थी लेकिन बाद में एवियोनिक्स से एक छात्रा ने अपना नाम वापस ले लिया. 10 में से 3 लड़कियों का चयन किया गया. जबकि इनमें से 2 लड़कियों के एक भी मॉड्यूल क्लियर नहीं हुए थे फिर भी उनका चयन हुआ. वायरल लिस्ट में ऐसे 2 नाम लड़कियों के हैं जिनका कोई मॉड्यूल क्लियर नहीं होने के बाद भी सेलेक्शन हुआ है. ऐसा इसीलिए क्यूंकि 30% लड़कियों को आरक्षण मिला है. बाकी, जो 7 छात्र हैं उन सभी के मॉड्यूल बाकियों से अधिक हैं. ऑल्ट न्यूज़ के पास मॉड्यूल रिज़ल्ट के लिस्ट हैं. हमने चयनित छात्रों के मॉड्यूल देखे.

इसके अलावा हमने बीएससी एरोनॉटिक्स एवियोनिक्स के 6 हिन्दू छात्रों से भी संपर्क किया. इनमें से 2 लोगों को इंटरव्यू के लिए कॉल आया था लेकिन इनदोनों ने खुद ये ऑफ़र रिजेक्ट कर दिया क्यूंकि इन्हें हायर स्टडी करना था. एक छात्र ने बताया कि उसके मॉड्यूल कम थे इसीलिए उसे इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आया. और बाकी छात्रों ने कहा कि उनका मॉड्यूल और CGPA बाकी छात्रों से कम था.

पवन हंस द्वारा इस साल चयनित टोटल छात्रों की बात करें तो जामिया से 9, मुंबई से 13 और इंजिनियरिंग ग्रेजुएट 5 चयनित हुए हैं. इसके अलावा और कई पोस्ट पर 11 छात्रों का चयन हुआ है. इन 38 छात्रों में से 25 हिन्दू हैं और 13 मुस्लिम. इसीलिए ये दावा पूरी तरह से बेबुनियाद है कि पवन हंस लिमिटेड ने सिर्फ मुस्लिम छात्रों का चयन किया है. जो लिस्ट वायरल हुई है वो सिर्फ जामिया की है. और इस कोर्स में जो हिन्दू बच्चे थे उनमें से कुछ ने खुद हायर स्टडी का हवाला देकर इंटरव्यू नहीं दिया था और कुछ के CGPA और मॉड्यूल बाकी छात्रों से कम थे.

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