कुछ दिनों पहले न्यूज़ ऐंकर सुधीर चौधरी ने ज़ी न्यूज़ से इस्तीफ़ा दे दिया. इसके बाद उन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप का हिंदी न्यूज़ चैनल आज तक जॉइन किया. 19 जुलाई को सुधीर चौधरी का नया शो ‘ब्लैक&व्हाइट’ आज तक पर लॉन्च हुआ. इस शो के पहले दिन ऐंकर सुधीर चौधरी ने अग्निपथ स्कीम के बारे में फैली अफवाह का ज़िक्र करते हुए अमेरिकी लेखक ‘मार्क ट्वैन’ का ज़िक्र किया. उन्होंने शो में मार्क ट्वैन के हवाले से ये बयान दिखाया, “सच जब तक अपने जूते पहन रहा होता है, तब तक झूठ आधी दुनिया का सफर तय कर लेता है.”

आज तक के इंस्टाग्राम पेज से 9 जुलाई, 2022 को ऐंकर चित्रा त्रिपाठी ने भी मार्क ट्वैन का बताकर ये कोट कहा था.

 

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बता दें कि समय-समय पर इस कोट का क्रेडिट अलग-अलग लोगों को दिया जाता रहा है. नीचे ट्वीट में यही कोट विंस्टन चर्चिल का बताया गया है. (आर्काइव लिंक)

इसके अलावा, बिहार कांग्रेस, दैनिक भास्कर के पत्रकार अर्पित शर्मा, NDTV से जुड़े पत्रकार उमा शंकर सिंह ने भी कुछ महीने पहले यही कोट मार्क ट्वैन का बताकर शेयर किया था. हिंदी पंक्तियां नाम के वेरीफ़ाइड ट्विटर हैंडल ने भी ट्वीट किया था.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने इस कोट के बारे में पता लगाने के लिए की-वर्ड्स सर्च किया. हमें ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स‘ की एक रिपोर्ट मिली. इसमें रिसर्चर गारसन ओ टूले कहते हैं कि आमतौर पर जिस कोट के लिए मार्क ट्वैन को क्रेडिट दिया जाता है, वो सदियों पहले व्यंग्यकार जोनाथन स्विफ्ट की एक पंक्ति का अंश प्रतीत होता है. जब तक विक्टोरियन युग के उपदेशक ने इस कोट के एक आधुनिक संस्करण को लोकप्रिय नहीं किया तब तक समय के साथ इसमें कई बदलाव भी किये गए हैं.

गारसन ओ टूले, ‘कोट इन्वेस्टिगेटर‘ नाम की एक वेबसाइट चलाते हैं. इस वेबसाइट पर वो प्रसिद्ध कोट्स के ओरिजिन के बारे में शोध प्रकाशित करते हैं. और जानकारी जुटाने के लिए हम गारसन ओ टूले की वेबसाइट ‘कोट इन्वेस्टिगेटर’ पर गए. वहां मार्क ट्वैन के कोट से जुड़ी डिटेल्ड रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में उन्होंने कई रेफ़रेंस का इस्तेमाल करते हुए कन्क्लूज़न में लिखा कि ये कहावत 300 से अधिक वर्षों से चल रही है. इस कोट का श्रेय उचित रूप से साल 1710 में जोनाथन स्विफ्ट द्वारा लिखे गए कथन को दिया जा सकता है. साथ में इस कोट के लिए मार्क ट्वैन या विंस्टन चर्चिल को क्रेडिट देने के लिए कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है.

हमें BBC के टीवी शो QI का एक ट्वीट मिला. इसमें बताया गया है कि ये कोट, मार्क ट्वैन, विंस्टन चर्चिल और थॉमस जेफ़रसन का नहीं है.

इंटरनेशनल फ़ैक्ट-चेकिंग नेटवर्क (IFCN) के फ़ैक्ट-चेकिंग विंग PolitiFact ने भी 2017 में रिसर्चर गारसन ओ टूले की वेबसाइट ‘कोटइन्वेस्टिगेटर’ का ज़िक्र करते हुए लिखा कि समय-समय पर ये कोट विकसित हुआ है. और फिर अलग-अलग लोगों को इसका श्रेय दिया जाता रहा है. लेकिन ये कोट संभावित रूप से 1710 में जोनाथन स्विफ्ट के एक संस्करण से शुरू हुआ था.

कुल मिलाकर, आजतक पर अपने नए शो ‘ब्लैक-एंड-व्हाइट’ को होस्ट करते हुए पहले ही दिन सुधीर चौधरी ने अमेरिकन लेखक मार्क ट्वैन का बताकर एक कोट दिखाया. लेकिन असल में इस कोट का कहीं भी कोई ठोस प्रमाण नहीं है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).