मुख्य न्यायाधीश D Y चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट के तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने 22 अगस्त, 2024 को कोलकाता RG कर रेप और हत्या मामले की सुनवाई की. ये शीर्ष अदालत में मामले की दूसरी सुनवाई थी. सुनवाई के दौरान, 9 अगस्त को घटनाओं के कालक्रम के बारे में कई सवाल उठाए गए कि किस तरह सरकारी अस्पताल की तीसरी मंजिल के सेमिनार रूम में जूनियर डॉक्टर का शव मिला था.

इस संदर्भ में राईटविंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट, ऑपइंडिया की प्रधान संपादक नुपुर जे शर्मा ने एक ट्वीट में दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि RG कर अस्पताल में क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई थी. ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को करीब 2.5 लाख बार देखा गया और 7,200 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया.

कई X (ट्विटर) यूज़र्स ने इस दावे को बढ़ाया. इनमें ‘कह के पहचानो’ (@coolfunnytshirt), 𝑫𝒓। 𝑲 (@smilesalotlady_), रवि कुकरेजा (@RaviKuk15405190), भरत सुथार (@bhart_sut78304), AG (@akg7091), कृष्णा (मोदी अंध भक्त) (@My IndianKrishna), 𝐍𝐚𝐫𝐞𝐧𝐝𝐫𝐚 भारतीय (@NarendraVictory), प्रदीप जाखड़ (@PradeepkJakhar) जैसे हैंडल्स शामिल हैं.

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नूपुर जे शर्मा सहित ऊपर दिए गए ज़्यादातर ट्वीट्स 15 अगस्त को कोलकाता पुलिस के एक ट्वीट के जवाब में शेयर किए गए थे जिसमें उन्होंने दावा किया था कि पिछली रात के प्रदर्शन का सेमिनार रूम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की पुष्टि करने के लिए लाइव लॉ और बार एंड बेंच की X टाइमलाइन खंगाली. इन दोनों कानूनी-रिपोर्टिंग हैंडल्स ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लाइव-ट्वीट किया था.

लाइव लॉ (@LiveLawIndia) ने 22 अगस्त को सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर रिपोर्ट किया कि CBI के वकील, भारत के सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि उनके पास मामले में आरोपी की कोई मेडिकल जांच रिपोर्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि वो पांचवें दिन जांच में शामिल हुए थे और तब तक सब कुछ बदल गया था.

जूनियर डॉक्टर की लाश 9 अगस्त को मिली थी. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को ये जांच सेंट्रल एजेंसी को सौंप दी थी. 14 अगस्त को CBI ने जांच संभाली.

आगे, लाइव लॉ का ट्वीट है:

इसे बार और बेंच ने ठीक एक ही समय (सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर) लाइव-ट्वीट किया था.

बार और बेंच ने अदालती कार्यवाही की पूरी रिपोर्ट भी पब्लिश की. सबंधित हिस्सा आगे के स्क्रीनशॉट में हाइलाइट किया गया है.

कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी किया गया. हमने मीडिया आउटलेट मिरर नाउ (@MirrorNow) के X हैंडल से अदालत की कार्यवाही का वीडियो भी लिया जहां हमें ये बातचीत मिली:

इस वीडियो में 20 सेकंड पर, SG को ये कहते हुए सुन जा सकता है, “माई लॉर्ड, हमने पांचवें दिन प्रवेश किया.. स्थानीय पुलिस ने जो कुछ भी जमा किया था, माई लॉर्ड हमें दे दिया गया, और हमारी जांच शुरू हो गई है.. और ये अपने आप में एक चुनौती है.. क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है…”

हमने 22 अगस्त की पूरी कार्यवाही देखी लेकिन हमें CJI या बेंच के अन्य सदस्यों को ये कहते हुए नहीं पाया कि अपराध स्थल को बदल दिया गया था.

सभी प्रमुख अखबारों ने अपने 23 अगस्त के वर्ज़न में CBI वकील की टिप्पणियां पब्लिश की हैं:

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उनमें से किसी ने भी अदालत द्वारा ऐसी टिप्पणी किये जाने का ज़िक्र नहीं किया.

यानी, ऑपइंडिया संपादक नूपुर जे शर्मा और बाकी यूज़र्स का दावा झूठा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये नहीं कहा कि क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ हुई. ये दावा भारत के सॉलिसिटर जनरल, CBI वकील तुषार मेहता ने किया था.

दिलचस्प बात ये है कि ऑपइंडिया ने खुद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसकी हेडलाइन में ज़िक्र किया गया था कि CBI ने अदालत में कहा कि कक्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई.

अंकिता महालनोबिश ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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