“देखिये की कौन सा समुदाय भारत के तमिलनाडु में पाकिस्तानी झंडे लहरा रहा है? बौद्ध? पारसी? या यहूदी?”(अनुवाद )– यह संदेश तारेक फ़तह के 9 जून का एक ट्वीट है। संदेश के साथ वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग बाइक रैली के दौरान हरे रंग के झंडे लहरा रहे हैं। फ़तह की ट्वीट के मुताबिक, यह रैली तमिलनाडु की है और वीडियो में दिख रहे झंडे पाकिस्तान के हैं। इस लेख के लिखे जाने तक इस वीडियो को 58,000 लोगों ने देखा है।
Guess which community is waving Pakistan flags in India’s Tamilnadu state? Buddhists? Zoroastrians? Must be Jews. pic.twitter.com/ypeXYknY0o
— Tarek Fatah (@TarekFatah) June 9, 2019
फ़तह द्वारा साझा किये गया यह वीडियो ट्विटर पर मूल रूप से SahaJio(@oldhandhyd) नाम के ट्विटर हैंडल ने साझा किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि यह घटना पलानी, नेकरापट्टी में रमज़ान के दौरान हुई थी। ऐसा लगता है कि यह वीडियो किसी फेसबुक पोस्ट से रिकॉर्ड किया गया है।
Ramzan in TN
Palani, Neykarapatti.
A clear pattern of provoking, testing the reactions is emerging, pan India. pic.twitter.com/S9nOJwTyDs— SahaJio🇮🇳 (@oldhandhyd) June 8, 2019
इस वीडियो को फेसबुक पर भी साझा किया गया है।
पाकिस्तानी झंडे नहीं है
अगर वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो बाइक पर बैठे हुए लोग पाकिस्तानी झंडे नहीं लहरा रहे हैं। पाकिस्तानी झंडे में दाई ओर आधा चंद्र और तारा होता है और बाई ओर सफ़ेद रंग की पट्टी होती है।
वीडियो में दिख रहे झंडो में सफ़ेद पट्टी नहीं है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वीडियो में दो तरह के झंडे दिखाई दे रहे हैं। इसमें पहले झंडे में आधा चंद्र और तारे मध्य भाग में है और दूसरे झंडे में मध्य भाग में आधा चंद्र और तारे है और बाई ओर भी तीन अन्य तारे दिख रहे हैं।
पहले दिख रहा झंडा इस्लामिक झंडा है, जिसे अक्सर उप-महाद्वीप में मुस्लिम समुदाय द्वारा उपयोग किया जाता है। दूसरे झंडे के बारे में स्पष्ट रूप से पता नहीं लगाया जा सकता, हालांकि दूसरा झंडा भी इस्लामिक झंडे के जैसा ही प्रतीत होता है।
द क्विंट ने भी इस वीडियो की जाँच की थी और इस बात की पुष्टि की थी कि वीडियो में दिख रहे झंडे इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के थे। जबकि ऑल्ट न्यूज़ द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। द क्विंट ने पलानी तालुका के पुलिस से बात की, जिन्होंने बताया कि,“यह वीडियो नेकरापट्टी का है। यह एक तरह का जुलूस है जिसे रमज़ान के महीने में कोट्टिमन्थई इलाके में निकाला जाता है। यह एक वार्षिक प्रक्रिया है और यह हर साल निकलता है”। –(अनुवाद) उन्होंने आगे बताया कि इस वीडियो में दिखाई दे रहे झंडे IUML के है, पाकिस्तान के नहीं।
इस क्लिप का पूरा वीडियो को 5 जून को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। यहां झंडे को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि उनमें से कोई भी झंडा पाकिस्तान का नहीं है क्योंकि किसी भी झंडे में बाई ओर सफ़ेद पट्टी मौजूद नहीं है।
https://www.youtube.com/watch?time_continue=3&v=gS1KCtCAjzg
तथ्य जांच से यह बताया जा सकता है कि वीडियो में किये गए दावे के मुताबिक रमज़ान में तमिलनाडु में पाकिस्तानी झंडे नहीं लहराए गए। इस तरह की कई गलत जानकारियां सोशल मीडिया में नियमित तौर पर फैलाई जा रही है, जिसे तारेक फतह द्वारा कई बार साझा किया गया है। पिछले साल, पाकिस्तानी-कनेडियन लेखक ने एक पुराना वीडियो साझा किया था। जिसमें दिखाया गया था कि राजस्थान के मुसलमानों ने विधानसभा चुनावो में कांग्रेस की जीत की ख़ुशी में पाकिस्तानी झंडे लहराए। मगर वीडियो में दिखाए दे रहे झंडे IUML के थे, जिसे उत्तर प्रदेश में लहराया गया था।
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