23 अगस्त को, फेसबुक पेज Pyara Uttarkhand ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें तीन युवकों को भीड़ द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। वीडियो को इस दावे से साझा किया गया है कि बच्चा चोर गिरोह को हिमाचल के चैल चौक इलाके में स्थानीय लोगों द्वारा पकड़ा गया। इस वीडियो को 1,400 से ज़्यादा बार साझा और करीब 50,000 बार देखा गया है। संदेश में चेतावनी दी गई है कि,“सावधान रहें चेतावनी :आप सभी अपने बच्चे का विशेष ध्यान रखें।”
सावधान रहें चेतावनी :
आप सभी अपने बच्चे का विशेष ध्यान रखें
चैलचौक हिमांचल में बच्चा गिरोह समझकर औरतो के भेष में घूम रहे व्यक्तियों को पकड़ा, जनता ने किया पुलिस के हवाले ।Posted by प्यारा उत्तराखंड on Friday, 23 August 2019
समान फेसबुक पेज ने इस वीडियो को इसी दावे से कई अन्य ग्रुपों में भी साझा किया है।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वीडियो में किन्नर के वेश में दो व्यक्ति और एक महिला को भीड़ द्वारा गलती से बच्चा चोर समझ कर पीटा गया है। यह घटना हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गोहर में हुई। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, वे शहर में इसी वेश में पिछले तीन दिनों से घूम रहे थे और लोगों से चंदा (चंदा) इकट्ठा कर रहे थे। स्थानीय लोगों को उन पर शक हुआ और उन्होंने उनसे पूछताछ शुरू कर दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि वे लोगों के सवाल का टेढ़ा जवाब दे रहे थे, जिसके कारण लोगों को उन पर ज़्यादा संदेह हुआ और आखिर में उन्होंने उनकी पिटाई शुरू कर दी। समूह के तीनो सदस्य, जिसमें पति पत्नी भी शामिल है, पंजाब के रहने वाले हैं।
हालांकि, नीचे पोस्ट की गई एक स्थानीय समाचार रिपोर्ट में, समूह के सदस्यों में से एक को पंजाबी में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे किन्नर नहीं थे, बल्कि वह विभिन्न वेशभूषाओं से लोगों का मनोरंजन कर अपना भरण पोषण करते हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने मंडी पुलिस से संपर्क किया। SP गुरदेव चंद शर्मा ने बताया,“कुछ ग़लतफहमी ने की वजह से उन्हें पीटा गया। यह तीनो नशे में थे। हमें पता चला कि यह पंजाब के रूपनगर जिले के रहने वाले हैं। यह अफवाह फैली कि यह तीनों बच्चा चोर है।” यह पूछे जाने पर कि क्या भीड़ के खिलाफ या संदेह पूर्ण बच्चा चोर के खिलाफ कोई FIR दर्ज़ हुई है या नहीं, उन्होंने बताया –“उन्हें छोड़ दिया गया है और उनके खिलाफ कोई भी FIR दर्ज़ नहीं की गई है।”
निष्कर्ष के तौर पर, एक वीडियो जिसमें कथित तौर पर किन्नर जैसा वेश धारण किए हुए लोगों पर बच्चा चोरी का झूठा आरोप लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया था और इस घटना के वीडियो को सोशल मीडिया में बच्चा चोरी की अफवाहों को बढ़ावा देने के लिए साझा किया गया।
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