आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को पुलिस ने बुक किया है. उनपर दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान हुई इंटेलिजेंस ब्यूरो में तैनात कांस्टेबल की हत्या में शामिल होने का आरोप है. आम आदमी पार्टी ने भी उन्हें निलंबित कर दिया है. लेकिन उनके बचाव में आये आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता प्रिंस सोनी. सोनी ने 27 फ़रवरी को एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में ताहिर हुसैन कह रहे हैं कि ‘स्थिति काफ़ी बिगड़ती जा रही है. पुलिस को बार-बार कॉल करने पर भी अभी तक कोई कारवाई नहीं हुई है.’ प्रिंस सोनी ने दावा किया कि वीडियो उस समय बनाया गया था जब दंगे हो रहे थे और ताहिर हुसैन खुद उस समय पुलिस बुला रहे थे.
दंगे के समय AAP पार्षद #ताहिर_हुसैन का यह विडियों देखिए। दंगो में पीड़ित व्यक्ति बार-बार फ़ोन कर स्वयं पुलिस बुला रहा था, उसपर आरोप लगा रहे? pic.twitter.com/ILBQzGUWyh
— Prince Soni (@PrinceAAP) February 27, 2020
इस वीडियो के सामने आने के तुरंत बाद कई सोशल मीडिया यूज़र्स ये दावा करने लगे कि ये वीडियो दंगे के समय का नहीं है बल्कि जब इसे अपलोड किया गया, उसी वक़्त का है. फ़ैक्ट-हंट नाम की वेबसाइट चलाने वाले शशांक सिंह (ट्विटर हैंडल – @pokershash) ने भी यही दावा किया. उन्होंने लिखा कि इस वीडियो का EXIF डेटा ये बताता है कि इसे 27 फ़रवरी की सुबह 10 बजकर 22 मिनट पर शूट किया गया है.
exif data says video was created on 27 Feb 2019 10:22 am, which means today. Over to experts @zoo_bear and @free_thinker 👍🏻 pic.twitter.com/1YFqRAS82N
— Shash (@pokershash) February 27, 2020
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने आम आदमी पार्टी के नेता दीपक बाजपेयी से बात की. उन्होंने बताया कि ये वीडियो ताहिर हुसैन ने उन्हें 24 फ़रवरी को भेजा था. दोनों की बातचीत के स्क्रीनशॉट भी यही कहते हैं. वीडियो ताहिर हुसैन ने उन्हें 24 फ़रवरी की शाम 6 बजकर 44 मिनट पर भेजा था.
व्हाट्सैप स्क्रीनशॉट को आसानी ने मेन्युफ़ैक्चर किया जा सकता है. इसलिए बाजपेयी ने हमें वीडियो बनाकर भेजा है जिसमें वो पूरी बात रख रहे हैं और साथ ही ताहिर हुसैन का वीडियो भी चला रहे हैं.
इस वीडियो में बाजपेयी ये दावा करते हैं कि हुसैन ने ये वीडियो ‘आज तक’ के संवाददाता सुशांत के लिए रिकॉर्ड किया था. इस चैनल के दिल्ली ब्यूरो ने 24 फ़रवरी को ये ख़बर दिखाई थी कि नेहरू विहार में आप नेता ताहिर हुसैन के घर में घुस कर हिंसक भीड़ तोड़-फोड़ कर रही है. चैनल ने ये भी बताया था कि हुसैन के घर के आस-पास की दुकानों को भी तोड़ा जा रहा है. सुशांत ये खबर देते हुए कहते हैं, “जो पार्षद हैं (ताहिर हुसैन) उनसे हमारी बातचीत हुई है. उन्होंने कहा है कि वो क़ाफी सहमे हुए हैं और परिवार वालों के साथ मिलकर बैठे हुए हैं. फ़िलहाल जो स्थिति है, वो कह रहे हैं कि अब थोड़ी नॉर्मल है क्यूंकि लगातर पथराव उनके घर पर किया जा रहा था और तमाम आस-पास की दुकानों पर भी तोड़-फोड़ की जा रही थी.” टीवी पर दिखाई गए इस ख़बर को नीचे वीडियो में देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे की 24 फ़रवरी की एक रिपोर्ट कहती है- “शाम 5 बजकर 57 मिनट पर नेहरू विहार में प्रदर्शनकारी, आप पार्षद ताहिर हुसैन के घर में घुसे. उनके घर के सामान को नुकसान पहुंचाया. ताहिर हुसैन अपने परिवार के साथ घर में बंद थे. इंडिया टुडे के दिल्ली ब्यूरो से संवाददाता सुशांत मेहरा की रिपोर्ट.”
AAP’s Nehru Vihar Corporator Mohammad Tahir Hussain was inside his residence along with his family when the incident occurred.
(@sushantm870)https://t.co/7h7ISrQCbv— India Today (@IndiaToday) February 24, 2020
दीपक बाजपेयी ने हमें अच्छी क्वालिटी वाला वो वीडियो भी भेजा जिसमें हुसैन पुलिस से अपील कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे के विपरीत ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो में ऐसा कोई स्पॉट नहीं मिला, जिससे ये कहा जाए कि वीडियो एडिटेड था.
यहां ये साफ़ हो जाता है कि आम आदमी पार्टी के पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन का ये वीडियो 24 फ़रवरी को भेजा गया था.
EXIF डेटा क्या होता है?
EXIF का मतलब एक्सचेंजेबल इमेज फ़ाइल फ़ॉर्मेट (Exchangeable Image File Format) है. इसका उपयोग तस्वीरों की जानकारी इकठ्ठा करने के लिए किया जाता है. आसान भाषा में समझें तो EXIF डाटा बताता है कि फ़ोटो कब, कहां ली गई है. एक तस्वीर के EXIF डेटा से कैमरे के GPS कोऑर्डिनेट्स (फ़ोटो किस जगह पर ली गयी है) के अलावा अन्य मेटा-डेटा जैसे समय, तारीख़ पता किए जा सकते हैं.
वीडियो के लिए ऑनलाइन और ऑफ़लाइन सॉफ़्टवेयर के जरिये मेटा-डेटा पता किए जा सकते हैं. मगर ये ध्यान रखने वाली बात है कि इस तरह के डेटा असली फ़ाइल से निकाले जाने पर ही सटीक होते हैं. मेटा-डेटा उस प्लेटफ़ॉर्म के आधार पर रिजल्ट दिखाती है, जहां फोटो या वीडियो अपलोड किया जाता है. जैसे ट्विटर फ़ाइल का मेटा-डेटा इस प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड किए जाने का डेट और समय दिखाएगा, न कि वो जब इसे शूट किया गया था. व्हाट्सैप से डाउनलोड की गई फाइल का कोई मेटा-डेटा नहीं होता है. अगर असली फ़ाइल को पेन ड्राइव या ईमेल से भेजा जाता है, तो ही मेटाडेटा सटीक होता है.
शशांक सिंह (@Pokershash) ने जो मेटा-डेटा बताया था, वो उस वीडियो को ट्विटर पर अपलोड किए जाने की जानकारी है. ये बात इस वेबसाइट के जरिये देखी और समझी जा सकटी है. डेट – 27 फरवरी, 2020 और टाइम – 10 बजकर 22 मिनट, वो समय नहीं है जब इसे प्रिंस सोनी ने अपलोड किया था. ये टाइम GMT के आधार पर है, अगर इसे स्थानीय समय (जीएमटी + 5 घंटे 30 मिनट) के साथ रखें, तो यह 15:52 (दोपहर 3 बजकर 52 मिनट) होता है – ठीक इसी समय ये वीडियो ट्विटर पर अपलोड किया गया था.
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