कोविड-19 महामारी के संकट की वजह से भारत में 22 मार्च ‘जनता कर्फ़्यू’ के नाम रहा. राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इसका आह्वान किया था. एक तरफ़, केंद्र सरकार कोरोना वायरस से मुक़ाबले के लिए पूरे देश में लॉकडाउन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ़, भ्रामक और झूठी ख़बरें भी जमकर शेयर हो रही हैं.

‘Minorities News’ नाम के यूट्यूब चैनल ने 3:30 मिनट का एक वीडियो अपलोड किया. ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुछ लोगों की भीड़ पब्लिक में नमाज़ अता करते हुए दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि लोग चीन में इस्लाम अपना रहे हैं और अपनी मर्ज़ी से नमाज़ पढ़ रहे हैं. चीन में तीन महीने की बंदी के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी कमी आई है.

इस वीडियो को 6.5 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका था. इसका टाइटल था, “बसें भर भर कर नमाज़ पढ़ने आ रहे हैं और झुंड के झुंड अपनी मर्ज़ी से इस्लाम अपना रहे हैं.” बाद में इसे यूट्यूब पर प्राइवेट कर दिया गया.

वीडियो के डिस्क्रिपशन में लिखा था, “लोगों का कहना है कि चायना में बसें भर भर कर नमाज़ पढ़ने आ रहे हैं और झुंड के झुंड अपनी मर्ज़ी से इस्लाम अपना रहे हैं, वीडियो में दिख रही बसों पर क्या लिखा है कोई जानता हो तो हिंदी में ट्रांसलेशन करके कमेंट में लिखें,साथ ही वीडियो कहाँ का है बताने की कोशिश करें.”

10 मार्च को, फ़ेसबुक पेज आसिफ़ ख़ान लाइव 24 ने इसी दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया. इस पोस्ट को 17 हज़ार से अधिक बार शेयर किया जा चुका है और लगभग चार लाख बार इस वीडियो को देखा जा चुका है.

 

लोगों का कहना है कि चायना में बसें भर भर कर नमाज़ पढ़ने आ रहे हैं और झुंड के झुंड अपनी मर्ज़ी से इस्लाम अपना रहे हैं, वीडियो में क्या लिखा है कोई जानता हो तो हिंदी में ट्रांसलेशन करके कमेंट में लिखें,

Posted by ASIF KHAN LIVE 24 on Tuesday, 10 March 2020

इस वायरल वीडियो को फ़ेसुबक और ट्विटर पर भी शेयर किया गया है. ऑल्ट न्यूज़ को अपने व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) और अपने ऑफ़िशियल एंड्रायड ऐप पर इस वायरल दावे का फ़ैक्ट-चेक करने की कई रिक्वेस्ट्स मिली थीं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो वेरिफ़िकेशन टूल, InVid की मदद से इस वीडियो की छानबीन की. यानडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि ये वायरल वीडियो Pavel Rytíř ने 12 अगस्त, 2011 को यूट्यूब पर अपलोड किया था. टाइटल के अनुसार, ये वीडियो चीन के चिंगहई प्रांत की राजधानी, शिनिंग, में रमज़ान के दौरान नमाज़ पढ़ने का है.

हफ़्फ़िंग्टन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 2011 में रमज़ान का त्यौहार 1 अगस्त से 30 अगस्त के बीच मनाया गया था.

इस वायरल वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा है. इसमें ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि चीन में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने के बाद बड़ी संख्या में लोग इस्लाम क़बूल रहे हैं.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.