एक महिला को गोली मारते हुए कुछ आदमियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये घटना अफ़ग़ानिस्तान की है. ये वीडियो तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा करने के संदर्भ में वायरल हो रहा है.
वीडियो शेयर करने वालों में बीजेपी सदस्य ऋषिकेश के शुक्ला भी शामिल हैं.
इस वीडियो को कई लोगों ने शेयर किया है.
ये वीडियो इटैलियन और स्पेनिश सहित कई भाषाओं में वायरल हो रहा है. ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर कई रिक्वेस्ट मिलीं.
सीरिया का वीडियो
2015 के एक वाइस आर्टिकल के मुताबिक, “राइट्स ग्रुप ने इस सप्ताह रिपोर्ट किया कि सीरिया के उत्तर-पश्चिमी शहर में अल कायदा से संबंध रखने वाले एक उग्रवादी समूह ने कथित तौर पर एक महिला पर गलत आचरण का आरोप लगाकर मार डाला.”
इस वीडियो के बारे में उस समय द इंडिपेंडेंट और रॉयटर्स सहित कई दूसरे मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया था.
हालांकि, तालिबान शासन के तहत महिलाओं को इसी तरह के व्यवहार का सामना करना पड़ता है. द कन्वर्सेशन के एक आर्टिकल के मुताबिक, “तालिबान शासन के अंदर, महिलाओं को खुद को ढंकना पड़ता था और किसी पुरुष रिश्तेदार के साथ ही सिर्फ वे घर से बाहर निकल सकतीं थीं. तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के घर से बाहर काम करने पर भी रोक लगा दिया. उनके वोट देने पर भी रोक लगा दी गई थी. महिलाओं को इन नियमों का उल्लंघन करने पर क्रूर सज़ा दी जाती थी. जिसमें गलत आचरण का दोषी पाए जाने पर पीटा जाना, कोड़े मारना और पत्थर मारकर हत्या करना शामिल था. दुनिया में सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु दर अफ़ग़ानिस्तान में थी.”
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने तालिबान के कब्जे के बाद कहा, “हमें पूरे देश में मानवाधिकारों पर गंभीर प्रतिबंधों की चौंकाने वाली रिपोर्ट मिल रही हैं. मैं विशेष रूप से अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में चिंतित हूं.”
कुल मिलाकर, 2015 का सीरिया का ये वीडियो अफ़ग़ानिस्तान में एक महिला को सार्वजनिक रूप से मारे जाने के गलत दावे के साथ वायरल है.
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