सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक महिला भारत माता की तस्वीर पकड़े और आसपास के लोगों से बहस करते हुए दिख रही है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि गणतंत्र दिवस पर महाराष्ट्र में एक मुस्लिम महिला ने लोगों को राष्ट्रीय झंडा फहराने से रोका और भारत माता की तस्वीर छीन ली.
भीड़ में मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला से कई बार कहते हैं कि मैम फ़ोटो छोड़ दो, बाकि जो बोलना है बोलो.. लेकिन महिला ने ये कहते हुए मना कर दिया कि “माता रानी की” फ़ोटो किसी मर्द के हाथ में नहीं होना चाहिए. ये विवाद जल्द ही हिंसक हो गया जब महिला ने कुछ लोगों को थप्पड़ मार दिया और वीडियो रिकॉर्ड करने वालों के फ़ोन तोड़ दिए.
ये वीडियो ट्विटर से लेकर फ़ेसबुक पर वायरल है.
A Muslim lady in Maharashtra blocking flag hoisting n trying to snatch bharat Mata photo. Look at the liberty we have given them n unexplainable, stupid tolerance. Can anyone imagine, that, this thing can happen in Pakistan… pic.twitter.com/utmp4jeWgf
— Chandu (@dominardevil) February 2, 2022
ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप (एंड्रॉइड, iOS) पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट आयी हैं.
एक यूट्यूब चैनल ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया जिसे 1 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की जांच की और पाया कि वीडियो के साथ सुनाई जा रही कहानी गलत है. नवभारत टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि ये घटना महाराष्ट्र के ठाणे में लोढ़ा अमारा आवासीय परिसर में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन हुई थी. स्थानीय लोगों ने महिला के खिलाफ़ कपूरबावड़ी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
लेकिन पत्रकार रौनक कोटेचा की एक वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, महिला का कथित तौर पर मानसिक बीमारी से ग्रसित है. रौनक कोटेचा ने ये भी कहा कि पुलिस ने महिला के खिलाफ़ एनसी (गैर-संज्ञेय अपराधों के लिए शिकायत) दर्ज की है.
ऑल्ट न्यूज़ को ठाणे शहर की पुलिस का एक ट्वीट भी मिला जिससे ये बात कंफ़र्म होती है कि महिला के खिलाफ़ एक एनसी दर्ज किया गया है.
इसके अलावा, वीडियो को शेयर करने वाले एक ट्वीट के जवाब में महिला के हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले एक व्यक्ति ने लिखा कि महिला का “साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट” चल रहा है. जब ऑल्ट न्यूज़ ने उनसे संपर्क किया तो यूज़र्स ने अपना ट्वीट हटा दिया और कुछ बोलने से मना कर दिया. नीचे उनके ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट है जहां यूज़र की पहचान उजागर न करने के लिए यूज़रनेम और डिस्प्ले पिक्चर ब्लर कर दिया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए कपूरवाड़ी पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ निरीक्षक ने बताया, “महिला पंजाबी हिंदू है. वो मुस्लिम नहीं है और लोगों को सोशल मीडिया पर इस तरह की ग़लत सूचना शेयर करने से बचना चाहिए”. उन्होंने आगे कहा, “मैं उनकी मानसिक स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर सकता. क्योंकि मैं डॉक्टर नहीं हूं लेकिन उनका व्यवहार किसी मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की तरह ही था. लेकिन पुलिस मुख्य रूप से सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर ग़लत सूचना शेयर करने वाले लोगों से चिंतित है.”
इस तरह, वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि गणतंत्र दिवस पर एक मुस्लिम महिला ने लोगों को भारतीय राष्ट्रीय झंडा फहराने से रोका और भारत माता की तस्वीर छीन ली.
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