19 जून को कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया कि चीन के साथ बॉर्डर पर बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय वायुसेना (IAF) ने लद्दाख में गश्त करने के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर भेज दिए. इसके बाद पानी के ऊपर उड़ते हेलीकॉप्टर्स का 12 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इस वीडियो के साथ किए जा रहे दावों के मुताबिक लद्दाख़ के पैंगोंग त्सो के ऊपर अपाचे हेलीकॉप्टर्स उड़ते देखे जा सकते हैं. इसे ट्विटर, व्हाट्सऐप और यूट्यूब पर खूब शेयर किया जा रहा है. यहां तक कि कई मीडिया वेबसाइट्स ने ये वीडियो या इसके स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं. 23 जून को नेशन नेक्स्ट नाम के वेरिफ़ाइड न्यूज़ प्लेटफॉर्म ने यूट्यूब पर वीडियो पोस्ट किया है (आर्काइव लिंक).
मेजर जनरल ब्रजेश (@bkum2000) ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “सुपर्ब…हमारे अपाचे हेलीकॉप्टर्स की लद्दाख़ के पैंगोंग त्सो पर गश्त सराहनीय है.” यहां वीडियो को ढाई लाख से ज़्यादा बार देखा गया.
Superb…Our Apache attack helicopters patrol over Pangong Tso in Ladakh 👏🏼👏🏼 Appreciate pic.twitter.com/D20wwDsRdg
— Maj Gen Brajesh Kr (@bkum2000) June 24, 2020
25 जून को अमर उजाला ने वायरल हो रहे दावे के साथ वीडियो के पांच स्क्रीनशॉट लगाए (आर्काइव लिंक).
फ़ैक्ट-चेक
फ़ेसबुक में कीवर्ड सर्च करने पर हमें यही वीडियो कैलिफ़ोर्निया के पेज Hangar 24 Craft Brewing पर मिला. वीडियो के साथ कैप्शन लिखा था, “कुछ लोगों को मालूम होता है कि टाको ट्यूसडे की आमद कैसे करनी होती है.” इसके साथ ही ‘हैंगर 24’ के 3 रेस्टोरेंट्स और ऑफ़िस के फेसबुक पेजों को टैग किया गया था. (‘हैंगर 24’ असल में अमरीकी क्राफ़्ट बियर का एक ब्रांड है.)
कमेंट्स पर जाकर देखा गया तो ‘रॉन वॉरेन’ नाम के शख्स ने रिप्लाई में उसी दिन के और विजुअल्स शेयर किए थे.
दरअसल, वॉरेन इन हेलिकॉप्टर को उड़ाने वाले पायलट्स में से एक थे. उन्होंने लिखा था कि हवासू लेक पर उड़ान भरना उनके करियर का सबसे शानदार एक्सपीरिएंस था.
वॉरेन के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर सरसरी निगाह डालने पर पता चला कि वे अमेरिकी सेना में रह चुके हैं. वॉरेन ने एक तस्वीर अपलोड की है जिसमें बैकग्राउंड में ठीक उसी ब्लैक कलर का अपाचे हेलीकॉप्टर देखा जा सकता है.
यानी अमेरिका की हवासू लेक के ऊपर उड़ रहे अपाचे हेलीकॉप्टर्स को लद्दाख़ की पैंगोंग लेक के ऊपर गश्त करते भारतीय हेलीकॉप्टर बताया गया है.
विज़ुअल एनालिसिस
ऑल्ट न्यूज़ ने एक डिफ़ेंस जर्नलिस्ट और सेना के सूत्र (पहचान गुप्त रखी गई है) से बात की जिसने बताया कि वीडियो में दिख रहे हेलीकॉप्टर्स का रंग भारतीय हेलीकॉप्टर्स से मैच नहीं कर रहा है.
वायरल वीडियो में दिख रहे और भारतीय हेलीकॉप्टर्स में जो बुनियादी अंतर हैं, वो नीचे बताए जा रहे हैं.
1) रंग
वायरल वीडियो में दिख रहे हेलीकॉप्टर्स काले रंग के हैं जबकि भारतीय वायुसेना में ये ग्रे कलर के होते हैं.
2) IAF का निशान और तिरंगा
वायरल वीडियो में दिख रहे हेलीकॉप्टर्स पर भारतीय एयर फ़ोर्स का गोल निशान (roundel) और तिरंगा स्टैंप (हरी, सफ़ेद और केसरिया पट्टियां) नहीं दिख रही हैं. एक वर्तमान IAF अफ़सर के मुताबिक हेलीकॉप्टर पर तिरंगे का निशान उसके देश की निशानी है और गोल निशान बताता है कि वह IAF का है.
बोइंग (ऊपर) और ANI(नीचे) ने अपाचे हेलीकॉप्टर की तस्वीरें पोस्ट की थीं. दोनों तस्वीरों में roundel और तिरंगा स्पष्ट देखा जा सकता है.
मई 2019 में भारत को पहला अपाचे गार्डियन हेलीकॉप्टर मिला था, तब IAF ने ट्वीट किया था, “#ApacheInduction: 10 मई 2019 को एरिज़ोना, USA के मेसा बोइंग प्रोडक्शन फ़ैसिलिटी में पहला AH-64E(I) अपाचे गार्डियन हेलीकॉप्टर IAF को सौंपा गया. बोइंग प्रोडक्शन फ़ैसिलिटी में एक समारोह में एयर मार्शल AS बुटोला ने IAF का प्रतिनिधित्व करते हुए पहला अपाचे प्राप्त किया.” IAF के अपाचे हेलीकॉप्टर्स की बाकी तस्वीरें और वीडियोज़ देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
#ApacheInduction: First AH-64E (I) Apache Guardian helicopter was formally handed over to the IAF at Boeing production facility in Mesa, Arizona, USA on 10 May 19. Air Mshl AS Butola, represented the IAF & accepted the first Apache in a ceremony at Boeing production facility. pic.twitter.com/FzA0IfRine
— Indian Air Force (@IAF_MCC) May 11, 2019
11 मई को भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय और प्रेस इन्फ़ॉर्मेशन ब्यूरो के संयुक्त बयान के मुताबिक, “इस हेलीकॉप्टर को IAF को भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों के लिए कस्टमाइज़ किया गया है और यह पहाड़ की तराई में काम करने में पर्याप्त सक्षम है. हेलीकॉप्टर स्टैंडऑफ रेंज में हमला करने की क्षमता से लैस है और ग्राउंड पर दुश्मन के एयरस्पेस में मार करने में सक्षम है.”
वायरल वीडियो शेयर करने वाले बाकी यूज़र्स
यह वीडियो बिना किसी दावे के शेयर किया गया. 23 जून को @Rotarywings1 नाम के ट्विटर हैंडल से शेयर की गई क्लिप को 5.6 लाख बार देखा जा चुका है (आर्काइव लिंक).
Apaches in low flying (getting wet) pic.twitter.com/ZBWuLW0kCm
— Rotarywing (@Rotarywings1) June 23, 2020
@Rotarywings1 का ट्वीट एविएटर अनिल चोपड़ा ने भी रिट्वीट करते हुए लिखा, “ये अपाचे हैं. #PangongTso लेक से ये दृश्य काफ़ी मिल रहा है, और क्यों नहीं?” यहां याद रखना ज़रूरी है कि चोपड़ा के ट्विटर बायो में लिखा है कि वे भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर मार्शल हैं. उनके ट्वीट को 1500 से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया है (आर्काइव लिंक).
इसी तरह @Rotarywings1’s के ट्वीट को एक और यूज़र मिहिर शाह (@elmihiro) ने शेयर करते हुए दावा किया कि वायरल वीडियो में दिख रहा हेलीकॉप्टर इंडियन नेवी का ‘सी किंग’ है और पैंगोंग त्सो में एंटी-सबमरीन ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं. इसे 400 से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया है (आर्काइव लिंक).
The Indian Navy’s Sea King helicopters with mast-mounted sonars conducting anti-submarine operations at Pangong Tso. pic.twitter.com/bpVcuoeoCG
— Mihir Shah (@elmihiro) June 23, 2020
मिहिर शाह जो विमान से जुड़ी तमाम बातों पर लिखते हैं और लाइवफ़िस्ट से जुड़े हैं, उनका ट्वीट व्यंग्यात्मक था. हालांकि, इनका ट्वीट पैंगोंग त्सो का दावा करने वाले शुरुआती ट्ववीट्स में से एक था. जिस कारण इस गलत जानकारी को बढ़ावा मिला.
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