20 जून को थाईलैंड की वेबसाइट एशिया न्यूज़ ने ‘भारत के साथ तनाव के बाद चीनी बॉर्डर पर बैलिस्टिक मिसाइल तैनात की’ हेडलाइन के साथ आर्टिकल पब्लिश किया. आर्टिकल में दावा किया गया कि “जापान इस साल जून में अपने चार मिलिट्री बेसेज़ पर पैट्रियट PAC-3 MSE एयर डिफ़ेंस मिसाइल सिस्टम तैनात करेगा.” यह रिपोर्ट कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्विटर और फ़ेसबुक पर शेयर की है.

22 जून को रिपब्लिक टीवी (आर्काइव लिंक) ने एशिया न्यूज़ की रिपोर्ट को आधार बनाकर एक आर्टिकल पब्लिश किया. यह आर्टिकल 1,200 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया (आर्काइव लिंक).

इस आर्टिकल को भाजपा आईटी सेल हेड अमित मालवीय, भाजपा नेशनल पैनलिस्ट रोहित चहल, ABP एंकर नम्रता वागले, एक्टर प्रवीण डबास और ब्लॉगर नारायणन हरिहरन ने भी शेयर किया (आर्काइव लिंक).

प्रशांत पटेल उमराव, जिनकी फैलाई फ़ेक न्यूज़ का रिकॉर्ड हमने इस आर्टिकल में रखा है, उन्होंने ट्वीट किया, “जापान ने भारत से विवाद के बाद चीन बॉर्डर पर बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर दी हैं. मिसाइल तैनात करने के अलावा जापान ने चीन बॉर्डर पर आर्मी (सैनिकों) की संख्या भी बढ़ा दी है और दियाओयू आइलैंड को जापान का हिस्सा बताते हुए चीन से उसे खाली करने को कहा है.” यह आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3,000 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है (आर्काइव लिंक).

फ़ैक्ट-चेक

एशिया न्यूज़ के आर्टिकल की हेडलाइन में जापान के चीन बॉर्डर पर मिसाइल तैनात करने की बात कही गई है लेकिन अंदर आर्टिकल में इसका कोई ज़िक्र नहीं है. यहां तक कि भारत-चीन तनाव का रेफरेंस दिए बिना कहा गया है कि, “जापान इस साल जून में अपने चार मिलिट्री बेसेज़ पर पैट्रियट PAC-3 MSE एयर डिफ़ेंस मिसाइल सिस्टम तैनात करेगा.” इस फ़ैक्ट-चेक में हम इन सवालों के जवाब देंगे:

1) पैट्रियट PAC-3 MSE क्या है?
2) जापान ने कब PAC-3 MSE तैनात किए?
3) क्या एशिया न्यूज़ की जानकारी पर विश्वास किया जा सकता है?
4) जापान और चीन के बीच कौन सा सीमा विवाद है?

1) क्या है PAC-3 MSE?

जापान के रक्षा मंत्रालय (MoD) के मुताबिक पैट्रियट एडवांस कैपेबिलिटी-3 मिसाइल सेगमेंट इन्हैंसमेंट (PAC-3 MSE) या एडवांस PAC-3 हवाई हमले, ख़ास तौर से बैलिस्टिक मिसाइल की मार से बचाने के लिया तैयार की गई डिफ़ेंस टेक्नोलॉजी है. यह PAC-3 MSE का डबल रेंज के साथ अपडेटेड वर्जन है. नीचे ‘डिफ़ेंस ऑफ जापान 2017’ की ग्राफ़िक रिपोर्ट(PDF देखें) PAC-3 MSE की इम्प्रूव्ड रेंज दिखाती है.

2) जापान ने कब PAC-3 MSE तैनात किए?

ऑल्ट न्यूज़ ने जैपनीज़ में कीवर्ड सर्च किया और क्योडो का एक आर्टिकल देखा, जो कि जापान की वेबसाइट है. आर्टिकल के मुताबिक जापान की एयर सेल्फ़ डिफ़ेंस फ़ोर्स के जनरल ऑफ़िसर योशिनारी मारुमो ने बताया था कि PAC-3 MSE को मार्च तक 4 स्टेट्स में उपलब्ध होने थे. इसे द सेंकेई न्यूज़, ‘टोक्यो वेब, द होक्काईडो शिम्बन प्रेस के अलावा कई और वेबसाइट्स ने रिपोर्ट किया था.

क्योंकि ये मिसाइल मार्च में तैनात होने थे इसलिए इन्हें हाल ही के भारत-चीन तनाव से नहीं जोड़ा जा सकता.

2016 में छपी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जापान अपने इलाके में उत्तरी कोरिया के बढ़ते खतरे को देखते हुए 2020 तक अपने PAC-3 को अपग्रेड कर PAC-3 MSE बनाने का फ़ैसला किया है.

PAC-3 के इस आर्टिकल में भी कहीं इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए जापान मिसाइल तैनात कर रहा है. जापान टाइम्स में जून 2017 को छपे आर्टिकल के मुताबिक उत्तर कोरिया ने जब ऐलान किया कि वह कोरिया के बाहर कोऑपरेशन साइट्स पर सेना तैनात करने की योजना बना रहा है, उसके बाद PAC-3 को टोक्यो में रक्षा मंत्रालय के इचिगाया मिलिट्री बेस में तैनात किया गया था.

18 जून 2018 को जापान मिनिस्ट्री ऑफ डिफ़ेंस/सेल्फ़ डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ ने होक्काईडो के नाइबो कैंप में PAC-3 की तस्वीरों को ट्वीट किया.

यानी PAC-3 to PAC-3 MSE मिसाइल्स को चीन बॉर्डर पर तैनात करने का एशिया न्यूज़ का दावा झूठा और भ्रामक है.

3) एशिया न्यूज़ कितना विश्विसनीय है?

एशिया न्यूज़ के आर्टिकल पर बायलाइन भी वेबसाइट के नाम की ही है- ‘एशिया न्यूज़.’ इसी से पता चलता है कि वेबसाइट के पास कोई ‘टीम पेज’ क्यों नहीं है. इसके ‘अबाउट सेक्शन‘ में लिखा है कि यह थाईलैंड की वेबसाइट है और थाईलैंड, भारत, नेपाल, कंबोडिया, म्यांमार, वियतनाम, लाओस और इंडोनेशिया की ख़बरें देती है. हालांकि पिछले 6 महीने में इसके अनवेरिफ़ाइड यूट्यूब चैनल (आर्काइव लिंक) पर पोस्ट किए गए सारे वीडियो भारत से संबंधित हैं. यहां तक कि इस पर मौजूद आख़िरी वीडियो हिंदी में है, जो कि थाईलैंड की वेबसाइट के लिहाज़ से ठीक नहीं लगता.

इसी तरह एशिया न्यूज़ का कोई भी सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफ़ाइड नहीं है.

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आर्टिकल पर शक़ के निशान

जापान-चीन की स्टोरी पर शक पैदा करने वाली पहली बात ये थी कि थाईलैंड से चलने वाली वेबसाइट पर बुडापेस्ट से रिपोर्ट पब्लिश कर रही है. इसके अलावा पहले पैराग्राफ़ में एक वाक्य, “However, to respond to his intentions, India, as well as Japan, have created a mood” लिखा है. बता दें कि यह वाक्य ग्रामर के लिहाज़ से गलत है और ख़बर में किसी तरह भारत-चीन विवाद को लाने के लिए भारत का नाम लिखा गया है.

हमने नोटिस किया कि एशिया न्यूज़ के अन्य आर्टिकल्स की तरह इस वायरल आर्टिकल में किसी सोर्स का हवाला नहीं दिया गया है. उदाहरण के लिए 24 जून के आर्टिकल, “दक्षिण कोरिया: WTO जॉब के लिए पहली महिला ट्रेड मिनिस्टर” में न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को सोर्स बताया गया है.

जापान-चीन विवाद का संक्षिप्त विवरण

इन दोनों देशों में जापान के सेनकाकू आइलैंड और चीन के दियावोयू आइलैंड नाम के निर्जन आइलैंड्स को लेकर विवाद चल रहा है. 22 जून को CNN ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें पुराने रेफ़रेंस के साथ ताज़ा विवाद के बारे में बताया गया है. नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में होक्काईडो के नाइबो में कैंप दिखाए गए हैं जहां जून में PAC-3 मिसाइल तैनात की गईं और उन निर्जन आइलैंड्स की नज़दीकी लोकेशन दिखाई गई है जो जापान और चीन के बीच दशकों से विवाद का कारण बने हुए हैं.

10 मई को जापान टाइम्स ने रिपोर्ट किया, “जापान कोस्ट गार्ड के मुताबिक अगस्त 2016 के बाद लगातार दो दिन तक तोनोशिरो सेनकाकू के पास चीन सरकार के शिप जापान के पानी में घुस गए हैं.”

22 जून को रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया कि जापान ने आइलैंड्स के एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया का नाम 1 अक्टूबर से बदलकर तोनोशिरो सेनकाकू करने के लिए एक बिल पास किया है. उसी रिपोर्ट के मुताबिक चीन रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, “ये बिल चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता को चुनौती देने के लिए है. यह अवैध और अमान्य है.”

यह साफ़ है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है, लेकिन युद्ध जैसे हालात अभी नहीं बने हैं. पाठक ध्यान दें कि जापान के रक्षा मंत्रालय में लिस्टेड जापान-US सिक्योरिटी ट्रीटी का आर्टिकल कहता है, “हर पार्टी ध्यान रखे कि जापान एडमिनिस्ट्रेशन के अंदर आने वाले किसी भी क्षेत्र में आर्म्ड अटैक से ख़ुद की शांति और सुरक्षा को ख़तरा है और यह स्पष्ट किया जाता है कि संविधान के प्रावधान और प्रक्रिया के मुताबिक यह सभी के लिए खतरनाक होगा.” इसलिए जापान अगर चीन के ख़िलाफ़ कोई सैन्य कार्रवाई करता है तो अमरीका इसमें शामिल हो जाएगा.

यानी एशिया न्यूज़ नाम की फर्ज़ी वेबसाइट ने झूठ और भ्रामक हेडलाइन के साथ एक आर्टिकल पब्लिश किया कि जापान ने भारत-चीन विवाद के बीच चीन बॉर्डर पर बैलिस्टिक मिसाइल तैनात कर दी हैं. इसे रिपब्लिक टीवी ने फिर से पब्लिश किया और भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने भी शेयर किया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.