काफ़ी भारी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों का नारेबाज़ी करने का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. दावा है कि गुजरात के अहमदाबाद में लोग सड़कों पर निकल कर राशन की मांग कर रहे हैं और “राशन दो या गोली दो” के नारे लगा रहे हैं. 8 मई 2020 को ‘news24ncr’ नाम के फ़ेसबुक पेज ने ये वीडियो पोस्ट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 48 हज़ार बार देखा और 1,500 बार शेयर किया जा चुका है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
अहमदाबाद (गुजरात) में सड़को पर निकले लोग.? राशन दो या गोली दो.?
अहमदाबाद (गुजरात) में सड़को पर निकले लोग.?
राशन दो या गोली दो.?Posted by news24ncr.com on Friday, 8 May 2020
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सूरज यादव मण्डल ने इस वीडियो को ट्वीट किया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
अहमदाबाद (गुजरात)में सड़को पर निकले लोग…
*राशन दो या गोली दो…
ये कैसा गुजरात मॉडल है भाई?#अडाणी_अम्बानी_मोदी_संघ_सरकार #ModiGovtFailsIndia pic.twitter.com/ffyYEG1pgh— Dr Suraj Yadav Mandal डॉ सूरज मंडल ڈاکٹر سورج منڈل (@suraj_yadav2005) May 8, 2020
हमने पाया कि ये वीडियो एक कॉमन मेसेज – “अहमदाबाद (गुजरात) में सड़को पर निकले लोग.? राशन दो या गोली दो.?” – के साथ फ़ेसबुक और ट्विटर पर खूब वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो के शुरुआत में ही एक पुलिसकर्मी की ड्रेस पर ‘हैदराबाद सिटी पुलिस’ लिखा हुआ दिखाई देता है.
इसी के आधार पर आगे की-वर्ड्स सर्च करने से ‘द हिन्दू’ का 3 मई का एक ट्वीट मिला जिसमें इस वायरल वीडियो को शेयर किया गया है. ट्वीट के मुताबिक, हैदराबाद के प्रवासी मज़दूर सरकार से घर भेजे जाने की मांग कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने एक जुलूस निकाला जो कि पश्चिमी हैदराबाद के गोलकोंडा के टोलीचौकी की ओर जा रहा था. इस जुलूस में बंजारा हिल्स, गोलकोंडा, आसिफ़नगर, हुमायूंनगर में रहनेवाले मज़दूर शामिल थे.
#COVID19 #TELANGANA Migrant workers living in Banjara Hills Golconda Asifnagar Humayunnagar march towards Tolichowki in Golconda in western part of Hyderabad urging government to send them back to their respective States @MARRIRAMU @TelanganaCMO @TelanganaDGP pic.twitter.com/ASHGbEukAk
— The Hindu-Hyderabad (@THHyderabad) May 3, 2020
3 मई की ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 1 हज़ार की संख्या में प्रवासी मज़दूर टोली चौकी एरिया में इकट्ठा हुए थे. वो अपने घर लौटने के लिए सरकार की ओर से ‘ई-पासेज़’ की मांग कर रहे थे. रिपोर्ट में हैदराबाद पश्चिमी ज़ोन के डीसीपी एआर श्रीनिवास के हवाले से बताया गया, “हमने सभी मज़दूरों के नाम ले लिए हैं. जैसे ही कोई बस या ट्रेन का इंतज़ाम होगा तो हम उन्हें इसके बारे में जानकारी दे देंगे.”
हैदराबाद के उर्दू अख़बार ‘सियासत डेली’ ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस घटना के वीडियो को शेयर किया है.
इस तरह हमने देखा कि हैदराबाद के टोली चौकी में इकट्ठा हुए मज़दूरों का वीडियो अहमदाबाद, गुजरात का बताकर शेयर किया गया. असल में हैदराबाद के टोली चौकी में मज़दूर इकट्ठा होकर अपने राज्य वापस जाने की मांग कर रहे थे. इसके अलावा, वीडियो में कही पर भी “राशन दो या गोली दो” के नारे नहीं सुनाई देते हैं और रिपोर्ट्स में भी इन नारों का कोई ज़िक्र नहीं हैं. इससे नारे लगने का दावा भी झूठा मालूम होता है.
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