ट्विटर उपयोगकर्ता सार्जेंट बिकाश ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें एक नकाबपोश व्यक्ति द्वारा गोलियां बरसाते और पुलिस के समूह को कुशलता पूर्वक आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है। साझा किये गए संदेश के मुताबिक, “हॉलैंड के एम्स्टर्डम में आज सुबह एक शॉपिंग मॉल में गोलीबारी की गई। दुनिया बदल रही है।” (अनुवाद) दावे के मुताबिक, यह वीडियो नीदरलैंड के एम्स्टर्डम के एक मॉल में हुई गोलीबारी को दर्शाता है।
Gun attack at shopping Mall at Amsterdam, Holland this morning. World changes. pic.twitter.com/A7yySaW3C4
— Sergeant Bikash (@bikash63) October 25, 2019
फेसबुक और ट्विटर पर कई उपयोगकर्ता इस वीडियो को समान दावे से साझा कर रहे हैं।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो जर्मन पुलिस द्वारा 15 अक्टूबर, 2019 को किए गए आतंकवाद-रोधी अभ्यास को दर्शाता है। हमने गूगल पर पुलिस द्वारा पहनी गई वर्दी पर अंकित शब्द –“polizei” को सर्च किया और हमें 16 अक्टूबर 2019 को रूसी टेलीविजन नेटवर्क रूस टुडे या RT द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला।
RT के अनुसार, “Nuremberg के केंद्रीय रेल स्टेशन को मंगलवार की शाम को बंद कर दिया गया था क्योंकि 300 जर्मन पुलिस अधिकारियों ने एक आतंकवाद-निरोधी अभ्यास किया था, जिसमें पुलिस ने रेल यात्रियों को निशाना बनाते हुए सशस्त्र हमलावरों की भूमिका निभाई थी।” (अनुवाद)
German police officers took part in ‘largest in 20 years’ counter-terrorism drill amid security concerns over right-wing extremists https://t.co/LjDU16pJRw pic.twitter.com/G2EEwvSxcx
— RT (@RT_com) October 17, 2019
ड्रिल में शामिल सैकड़ों और सहायक कर्मचारी ने मध्य फ्रेंकोनिया के पुलिस हेड रोमन फ़र्मिंगर को सूचित किया, जिन्होंने इस अभ्यास को “20 वर्षों में सबसे बड़ा” अभ्यास बताया। यह अभ्यास पूर्वी जर्मनी के पूजा स्थान (synagogue) पर हुए हमले के बाद किया गया था। पूजास्थान में घुसने के बाद हमलावरों ने दो लोगों की हत्या कर दी थी, जहां दर्जनों यहूदी छुट्टियां मनाने के लिए पहुंचे थे। हालांकि, बवेरियन आंतरिक मंत्री जोआचिम हर्मन ने बताया कि इस अभ्यास को महीनों पहले ही योजनाबद्ध किया गया था, ये हालिया हमले के परिणामस्वरूप आयोजित नहीं किया गया है। उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि वे जर्मनी में मौजूद खतरों में से ही एक है।
निष्कर्ष के तौर पर, जर्मन पुलिस द्वारा की गई मॉक ड्रिल के वीडियो को सोशल मीडिया में इस झूठे दावे से साझा किया गया कि एम्स्टर्डम के शॉपिंग मॉल में गोलीबारी की घटना हुई है।
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