किसान संगठनों की सरकार के साथ बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही. बिल पर 18 महीनों के लिए रोक लगाने वाले सरकारी प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया. 22 जनवरी को हुई बैठक के बाद किसान संगठनों ने इस प्रस्ताव को लेकर आपस में वोटिंग की थी. अधिकतर किसान इसके पक्ष में नहीं थे. साथ ही, 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने के लिए किसानों को दिल्ली पुलिस से इजाज़त मिल गयी है, यानी पुलिस खुद बॉर्डर से बैरिकेड हटाएगी.

इसी बीच सोशल मीडिया पर किसान आन्दोलन को बदनाम करने के लिए एक और ग़लत सूचना वायरल हुई. फे़सबुक और ट्विटर यूज़र्स ने रैली में मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोगों का एक वीडियो पोस्ट किया. बैनर्स को देखकर मालूम होता है कि ये रैली किसानों की है. वायरल वीडियो के नीचे लिखा है, “किसान मोर्चा मुंबई (Kisan morcha mumbai).”

प्रो-भाजपा प्रोपगेंडा आउटलेट क्रिएटली ने वीडियो ट्वीट किया. आर्टिकल के लिखे जाने तक इसे 1,300 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं. ये आउटलेट समय-समय पर ग़लत दावे फैलाते रहता है.

ट्विटर यूज़र धर्मेन्द्र छोंकर ने ये वीडियो पोस्ट किया जिसे भाजपा नेता रमेशनायडू नगोथू ने रीट्वीट करते हुए लिखा, “मुंबई की इस किसान रैली में मुझे कोई किसान नहीं दिख रहा.” उन्होंने पोस्ट में भाजपा नेता कपिल मिश्रा और रमेश सोलंकी को टैग किया.

रमेशनायडू के इस पोस्ट को कपिल मिश्रा और रमेश सोलंकी दोनों ने रीट्वीट किया. ये दोनों नेता पहले भी ग़लत दावों वाला कॉन्टेंट शेयर करते आये हैं. (पहला, दूसरा)

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ट्विटर यूज़र @ExSecular ने भी ये वीडियो शेयर किया जिसे 1 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. ये अकाउंट अक्सर भ्रामक और ग़लत दावे करता रहता है.

फै़क्ट-चेक

कांग्रेस नेता सुरभि द्विवेदी और बॉलीवुड हस्तियों कोंकणा सेन शर्मा, फ़राज़ आरिफ़ अंसारी और स्वरा भास्कर के ट्वीट के मुताबिक, मुंबई में 16 जनवरी को किसान आन्दोलन के समर्थन में प्रदर्शन आयोजित किया गया था.

आम आदमी पार्टी के सदस्य अभिजीत दिपके ने 16 जनवरी को मुंबई में हो रही रैली का वीडियो शेयर किया जिसमें बुर्का पहनी महिलाएं नज़र आ रही हैं.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में ‘किसान अलायन्स मोर्चा’ के बैनर तले करीब 100 संगठन किसान आंदोलनों के समर्थन में एकजुट हुए थे. ये रैली मरीन लाइन्स के पास जिमखाना से शुरू होते हुए आज़ाद मैदान तक चली. यूट्यूबर ओवैस खान ने इस रैली को डॉक्युमेंट किया है. इसमें 2 मिनट 48 सेकंड पर बुर्के में महिलाएं देखी जा सकती हैं.

न्यूज़ क्लिक ने रिपोर्ट किया था कि 18 जनवरी को मुंबई के दादर में वीर कोतवाल गार्डन में सैकड़ों महिलाएं ‘ऐंटी-फ़ार्मर्स बिल’ का विरोध करने जमा हुई थीं. ये रिपोर्ट लिखने वाली आमी तिरोड़कर ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मुंबई में 16 जनवरी से ही किसान प्रदर्शन हो रहे हैं और ये 25 जनवरी तक चलेंगे. 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के मौके पर पंजाब और हरियाणा के किसानों के समर्थन में कई किसान आये. किसी भी अन्य आन्दोलन की तरह यहां भी हर तबके के लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.”

इसकी पुष्टि करने के लिए कि वायरल वीडियो इसी प्रदर्शन का है, ऑल्ट न्यूज़ ने #MumbaiWithFarmers हैशटैग के साथ शेयर किये गये कई वीडियोज़ को ध्यान से देखा. हमने वायरल वीडियो की इन वीडियोज़ से तुलना की.

विज़ुअल वेरिफ़िकेशन

वायरल वीडियो में 2 सेकंड पर एक महिला पोस्टर लिए दिखती है जिसपर लिखा है, “No Farmers, No Food” 16 जनवरी को मुंबई प्रोटेस्ट में मौजूद लेखक हुसैन हैदरी ने भी इस पोस्टर की तस्वीर शेयर की थी.

वायरल वीडियो में 14 सेकंड पर एक महिला के हाथ में पोस्टर है जिसपर ‘Mumbai With Farmers’ लिखा है. आम आदमी पार्टी सदस्य अभिजीत दिपके ने भी 16 जनवरी को इसकी तस्वीर ट्वीट की थी.

वायरल वीडियो में लोग किसान आन्दोलन के समर्थन में रैली निकाल रहे हैं. आन्दोलन को बदनाम करने के लिए बार-बार ऐसा नैरेटिव देने की कोशिश की जा रही है कि इसमें केवल किसान ही भाग ले सकते हैं. 19 जनवरी को भी स्टेज पर बैठी महिलाओं की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा गया, “किसान मंच पर महिला शक्ति- पंजाब की महिलाएं कब से बुर्का पहनने लगीं?” ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये उन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर थी जो टिकरी बॉर्डर पर किसान आन्दोलन में समर्थन देने के लिए मौजूद थीं.


ज़ी न्यूज़, सोशल मीडिया यूज़र्स ने ट्रैक्टर रैली की तैयारी के वीडियो के नाम पर आयरलैंड का वीडियो दिखाया

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.