सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें बुर्का पहनी महिलाएं कतार में खड़ी हैं. दावा है कि ये महिलाएं सरकार द्वारा मुफ़्त में दिए जा रहे राशन के लिए जमा हुई हैं. सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ़ सुरेश चव्हाणके ने ये वीडियो ट्वीट किया.

[पढ़िए – सुदर्शन न्यूज़ का सांप्रदायिक-विभाजनकारी गलत सूचनाओं का इतिहास]

भाजपा समर्थक रेणुका जैन ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत सरकार से फ्री में राशन मिलने वाली भीड़ तो देखिए ,आपका इनकम टैक्स कहाँ जा रहा समझिए”. रेणुका जैन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ़ॉलो करते हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 3,200 देखा जा चुका है.

पिछले महीने केंद्र सरकार ने मई और जून 2021 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के 80 करोड़ लाभार्थियों को 5 किलो अनाज मुफ़्त में देने का फ़ैसला लिया था. ये फ़ैसला कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते गरीब बेरोज़गार लोगों के लिए किया गया था.

ट्विटर हैन्डल ‘@cbpunjabi’ और ‘@premcand_k’ ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया है.

This slideshow requires JavaScript.

1.5 लाख से ज़्यादा मेम्बर्स वाले फ़ेसबुक ग्रुप ‘Sudarshan News channel Fans’ में भी एक यूज़र ने ये वीडियो पोस्ट किया था.

 

भारत सरकार से फ्री में राशन मिलने वाली भीड़ तो देखिए आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएगी 😳🙄😲

Posted by Ravi Shrivastav on Tuesday, 25 May 2021

फ़ेसबुक और ट्विटर पर वीडियो वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ के मोबाइल ऐप (iOS, Android) पर इस वीडियो की जांच के लिए कुछ रीक्वेस्ट भी आयी हैं.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो में दिख रहे सुरागों से हमें मालूम चला कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर का है. वीडियो में बाइक की नंबर प्लेट, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का बोर्ड और एक होर्डिंग पर ‘मुज़फ्फ़रनगर’ लिखा दिखता है.

This slideshow requires JavaScript.

यूट्यूब पर की-वर्ड्स करने से हमें 20 अप्रैल 2020 की न्यूज़18 की वीडियो रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर में महिलाएं बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बाहर जमा हुई थीं. क्योंकि उन्हें ये गलत जानकारी मिली थी कि सरकार द्वारा उनके जन धन अकाउंट में डाले गए 500 रुपये वापस ले लिए जाएंगे. बाद में अधिकारियों ने महिलाओं को समझाया था कि उनके अकाउंट से पैसे वापस नहीं चले जाएंगे क्योंकि सरकार ने ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लिया है. अधिकारियों ने महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हूए कतार में खड़े रहने को कहा था.

मार्च 2020 में केंद्र सरकार ने महिलाओं के जन धन अकाउंट में अगले 3 महीनों तक 500 रुपये डालने का फ़ैसला लिया था. द प्रिन्ट के मुताबिक, महिलाओं के खाते में पहली क़िस्त 3 अप्रैल 2020 को जमा हुई थी.

दैनिक जागरण ने बताया था कि कई लोग एक अफवाह का शिकार हुए थे जिसमें कहा जा रहा था कि लोग अगर अपने खाते से पैसे नहीं निकालेंगे तो पैसे वापस चले जायेंगे.

वित्तीय सेवा विभाग ने सरकार के हवाले से बताया था कि लोग अपने पैसे कभी भी निकाल सकते हैं.

ऐसी अफ़वाह के चलते बैंक के बाहर महिलाओं की लंबी कतारें लगने की घटनाएं ओडिशा और झारखंड में भी सामने आयी थीं.

कुल मिलाकर, पिछले साल एक अफ़वाह के चलते बैंक के सामने महिलाओं के जमा होने का वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि मुस्लिम महिलाएं मुफ़्त में मिलने वाला राशन लेने के लिए खड़ी है.


Fact-Check : कोविड निरीक्षण पर आये योगी आदित्यनाथ को बुज़ुर्ग ने अपनी गली में आने से रोका?

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

A journalist and a dilettante person who always strives to learn new skills and meeting new people. Either sketching or working.