एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एक कार में बैठे व्यक्ति से कुछ कांवड़िये मारपीट कर रहे हैं. बाद में कांवड़ियों ने कार में तोड़फोड़ की और कार पलट दी. इसी वीडियो में दिखता है कि बुर्का पहने एक महिला कार से उतर रही है. इसी को लेकर कई न्यूज़ आउटलेट्स और सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि कांवड़ियों ने मुस्लिम दम्पति के साथ मारपीट की. लोगों ने इसे सांप्रदायिक ऐंगल के साथ भी शेयर किया.

सुदर्शन न्यूज़ से जुड़े सागर कुमार ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि जहां कांवड़ियों की भीड़ थी वहां मुस्लिम दम्पति जबरदस्ती गाड़ी लेकर घुसे और कांवड़ियों को टक्कर मार दी. इसके बाद कांवड़ियों का गुस्सा देखने को मिला. (आर्काइव लिंक)

कई न्यूज़ आउटलेट्स जैसे द क्विन्ट, ज़ी सलाम Time8 ने दावा किया कि उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ियों के एक समूह ने गाड़ी चला रहे एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई दी और कार पलट दी. इसी प्रकार Journo Mirror, आसिफ मुज़तबा, जगदीश सोलंकी इत्यादि ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि कार चलाने वाला व्यक्ति मुस्लिम था और कांवड़ियों ने मुस्लिम परिवार के साथ मारपीट की.

This slideshow requires JavaScript.

क्या है मामला?

ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले को लेकर उत्तराखंड पुलिस से बात की. मालूम चला कि ये मामला हरिद्वार के मंगलोर थाना क्षेत्र का है. हमने ज़्यादा जानकारी जुटाने के लिए मंगलोर थाना के SHO से बात की. उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार का सांप्रदायिक एंगल नहीं है. गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति का नाम प्रताप सिंह है और वो मुस्लिम नहीं है.

SSP हरिद्वार अजय सिंह ने वीडियो के माध्यम से बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह घटना एक संयोग मात्र थी जिसे कुछ लोग सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर कर रहे हैं. मामले में दोनों पक्ष हिन्दू हैं. उन्होंने बताया कि लोकल निवासी प्रताप सिंह अपनी कार से जा रहे थे जिनकी गाड़ी से एक्सीडेंट होने के कारण कांवड़ खंडित हो गया जिसके बाद वहां मौजूद कांवड़ियों ने उनकी गाड़ी में तोड़-फोड़ कर दी. इस मामले में दोनों पक्ष हिन्दू हैं, प्रताप सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया और मौके से 2 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था और उनपर विगत कारवाई की गई.

वीडियो के एक फ्रेम में कार का रजिस्ट्रेशन नंबर दिखाई दे रहा है. हमने CarInfo ऐप पर इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर सर्च किया तो पाया कि ये प्रताप सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है.

क्या कहते हैं पीड़ित?

ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले में पीड़ित प्रताप सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि वो रूड़की से आ रहे थे और मंडी में खाना खाने के लिए रूके और कार में ही खाना मंगवा लिया था. जब उन्होंने कार पार्क की थी तब उसके सामने कुछ नहीं था और वो जगह खाली थी, इसी बीच कोई कांवड़िया अपनी कांवड़ उनकी गाड़ी के सामने रखकर चला गया था जिसे उन्होंने नहीं देखा था. जैसे ही उन्होंने गाड़ी आगे की, उनकी गाड़ी कांवड़ पर चढ़ गई. इसके बाद उन्होंने गाड़ी को पीछे कर लिया. देखते ही देखते कुछ कांवड़िये इकट्ठा हो गए और उन्हें खींच कर उतारने और चाभी छीनने की कोशिश की. कांवड़ियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनका जल खंडित कर दिया जिसपर प्रताप सिंह ने कहा कि ‘मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया और मैं आपका जल भी मंगवा देता हूं.’

आगे उन्होंने बताया कि एक मुस्लिम महिला गाड़ी में उनके साथ थी जिसे देखकर कुछ कांवड़ियों ने कहा की ये मुसलमान है, इसे मारो. प्रताप सिंह ने बताया की वो भाजपा हरिद्वार के वरिष्ट ज़िला उपाध्यक्ष रह चुके हैं. चूंकि वो आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की टोपी लगा रखी थी. उन्होंने कहा की उन्होंने लोगों को बहुत समझाया और हाथ जोड़कर माफी भी मांगी. लेकिन वो नहीं माने. लोग इकट्ठा होकर कहने लगे कि ये मुसलमान है, इसको मारो. इसके बाद उन लोगों ने प्रताप सिंह के साथ धक्का-मुक्की की और गाड़ी तोड़कर तहस-नहस कर दी. किसी स्थानीय व्यक्ति ने उन्हें अपनी मोटर साइकिल पर पुलिस स्टेशन तक छोड़ा. प्रताप सिंह ने बताया कि वीडियो में जो महिला बुर्के में दिख रही हैं वो भाजपा की पदाधिकारी हैं और वो उन्हीं के काम से गए हुए थे. प्रताप सिंह ने महिला का नाम मीडिया में जारी न करने आग्रह किया.

कुल मिलाकर, कई न्यूज़ आउतलेट्स और सोशल मीडिया यूज़र्स ने हरिद्वार के मंगलोर में एक कार चालक और कांवड़ियों के बीच हुई हिंसा का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि मुस्लिम दम्पति पर हमला किया गया. जबकि असल में प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति गाड़ी चला रहे थे जो हिन्दू हैं.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).