29 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिसमें एक व्यक्ति किसी इमारत पर भगवा झंडा लहरा रहा है. वहीं बैकग्राउंड में लोग ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे हैं. ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के गंगानगर के पदमपुरा तहसील में कुछ शरारती तत्वों ने मस्जिद पर भगवा झंडा लहराया. ट्विटर यूज़र ‘सरपंच रफीक मो. लोधी’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए यही दावा किया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

मुस्लिमों के खिलाफ़ होने वाली गतिविधियों का रिकार्ड रखने वाले संगठन DOAM ने ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया. (ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न)

ट्विटर हैन्डल ‘@Hamed_Alali’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि रमज़ान के शुरू होने के बाद से भारत में चरमपंथी हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा मस्जिदों पर हमले किये जा रहे हैं. ये पीएम मोदी द्वारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से मुस्लिमों को परेशान करने की नीति का एक हिस्सा है.

व्हाट्सऐप पर भी ये वीडियो ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो के संबंध में सर्च करते हुए गंगानगर पुलिस का ट्वीट मिला. ट्वीट में पुलिस ने बताया है कि सोशल मीडिया पर किया गया दावा गलत है. मस्जिद पर झंडा फहराने का गलत दावा करने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं ट्वीट में लिखा है कि ये ध्वज मस्जिद पर नहीं बल्कि एक व्यक्ति के घर पर लगा है.

आगे, ऑल्ट न्यूज़ ने गंगानगर के एसपी देशमुख पारिस से बात की. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर गंगानगर के बिजवायला में एक मस्जिद पर भगवा झंडा फहराने का दावा गलत है. असल में इन लोगों ने एक घर पर झंडा लगाया था और बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए झूठा दावा चलाया कि उन्होंने मस्जिद पर झंडा फहराया है. एसपी ने बताया, “इस मामले में 2 लोगों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज की गई है. ये दोनों शख्स हिन्दू समुदाय से हैं. इन्होंने एक घर पर भगवा झंडा फहराया था. वहीं इस घर के बाजू में एक मदरसा भी है. हालांकि इन दोनों व्यक्तियों को कथित वीडियो सोशल मीडिया पर भ्रामक मेसेज के साथ शेयर करने के आरोप में गिरफ़्तार कर कार्रवाई की जा रही है.”

एसपी देशमुख ने हमें FIR कॉपी भी भेजी जिसमें बताया गया है कि 30 मार्च को सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर मावडियॉ धरानियॉ मंदिर से कस्बा बीझबायला में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के खत्म होने के बाद दोपहर में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें बोला गया कि बीझबायला मस्जिद पर राम ध्वज फ़हराया जा रहा है. इसपर कारवाई करते हुए रणवीरसिंह को घटनास्थल पर भेजा गया. वहां पता चला कि मस्जिद के पास बने ताराचंद्र के मकान पर झण्डा फहराया गया था. और इसका वीडियो गलत संदर्भ से सोशल मीडिया पर शेयर करने पर पुलिस ने बीझबायला के रहवासी अंकित और मनीष नाम के 2 लोगों से पूछताछ की गई. वहीं इन दोनों को मुस्लिम समुदाय की भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

एसपी देशमुख ने ऑल्ट न्यूज़ को मनीष के बयान का एक ऑडियो क्लिप भेजा. इसमें मनीष ने बताया कि उनके द्वारा ये वीडियो ग़लत मेसेज के साथ दूसरे ग्रुप्स में ग़लती से शेयर हो गया था. उन्होंने बाद में वीडियो डिलीट कर दिया था लेकिन तब तक वो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था. उन्होंने अपनी इस भूल के लिए माफी भी मांगी.

ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना का एक दूसरा वीडियो भी मिला जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि ये झंडा मस्जिद या मदरसे के बाजू में मौजूद इमारत पर लगाया गया था.

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए ग़लत दावा किया गया कि कुछ लोगों ने राजस्थान की एक मस्जिद पर भगवा झंडा लहराया. दो व्यक्तियों ने एक घर पर भगवा झंडा लहराया था जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ़्तार कर लिया.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.