सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ महिलाएं पुलिस की तरह दिखने वाली एक विकराल आकृति के सामने नग्न होकर प्रदर्शन कर रही हैं. ये वीडियो ईरान में हिजाब के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के दृश्य बताकर शेयर किया जा रहा है.

सितंबर के आखिरी हफ़्ते ईरान में सख्त इस्लामी नियमों को लागू करने वाले मोरॉलिटी पुलिस की हिरासत में 22 साल की महसा अमिनी की मौत हो गई. इसके बाद एंटी-हिजाब प्रोटेस्ट शुरू हुआ जो अब सरकार विरोधी प्रदर्शन में बदल गया है. घटना के बाद से ईरान से कई वीडियोज़ और तस्वीरें सामने आई हैं. इसमें जनता, खासकर महिलाएं हिजाब कानून का विरोध करने के लिए सिर ढंकने वाले कपड़े को फाड़ते और जलाते हुए दिख रही हैं.

पहला वीडियो

इन विरोधों के संदर्भ में राईट विंग प्रोपगंडा आउटलेट क्रिएटली ने ट्विटर पर हैशटैग ‘#IranProtest’, ‘#Hijab’, ‘#AntiHijabProtest’ के साथ ये वीडियो शेयर किया. दावा किया गया कि वीडियो में ईरान की सड़कों के विजुअल्स दिखाई दे रहे हैं. (आर्काइव)

ट्विटर यूज़र ‘हम लोग वी द पीपल’ ने ये वीडियो इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “हिजाब के विरोध में, ईरानी महिलाओं का अनूठा विरोध प्रदर्शन… शर्त थी कि हिजाब पहनना ही होगा… हिजाब तो दूर बेहिसाब बेलिबास सड़कों पर उतर आई ईरानी महिलाएं…” (आर्काइव)

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर ईरान की सड़कों पर कथित तौर पर नग्न महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के इस वीडियो से संबंधित कई रिक्वेस्ट मिली हैं.

दूसरा वीडियो

ईरान की सड़कों पर कथित तौर पर टॉपलेस होकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं का एक और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. एक यूज़र ने इस वीडियो क्लिप को एक कैप्शन के साथ शेयर किया जिसमें लिखा है, “हिजाब विरोधी विरोध अब ईरान में एक टॉपलेस विरोध में बदल गया…”

ट्विटर पर भी ये वीडियो क्लिप इसी तरह के दावों के साथ वायरल है. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

पहला वीडियो:

इस वीडियो को ध्यान से देखने पर शुरूआत से ही ये पता चल जाता है कि ये विज़ुअल्स ईरान के नहीं हो सकते. और ये बात लैंडस्कैप देखकर और वीडियो में बोली जानी वाली भाषा सुनकर मालूम होती है. वीडियो में सुनाई देने वाली भाषा पर गौर करें तो ये विज़ुअल्स साउथ अमेरिका के हो सकते हैं.

इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमने गूगल लेंस का इस्तेमाल करते हुए कई बार रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें पता चला कि वीडियो में दिख रही ईमारत चिली की राजधानी सैंटियागो में स्थित पोंटिफ़िकल कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ चिली है.

हमने स्पेनिश और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में कई की-वर्ड्स सर्च किए. इससे हमें इस घटना की कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. नवंबर 2019 के द सन के एक आर्टिकल में बताया गया है कि “महिलाओं के खिलाफ़ होने वाली हिंसा हटाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मार्क करने के लिए चिली के सैंटियागो की सड़कों पर नग्न महिलाओं ने रैली की.”

इस आर्टिकल की तस्वीरें वायरल क्लिप में देखे गए विज़ुअल्स से मेल खाती हैं. आर्टिकल में इन तस्वीरों का क्रेडिट रॉयटर्स को दिया गया है. नीचे हमने आर्टिकल की एक तस्वीर और वायरल वीडियो के एक फ़्रेम की तुलना की है.

हमें नवंबर 2019 के एक आर्टिकल का ट्वीट भी मिला जिसमें ये वायरल क्लिप थी.

कुल मिलाकर, चिली के सैंटियागो की सड़कों पर महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो ईरान में हुए हिजाब विरोध प्रदर्शन के दृश्य बताकर शेयर किया गया.

दूसरा वीडियो:

पहले वीडियो की तरह, जब हम दूसरे वीडियो क्लिप के विज़ुअल्स ध्यान से देखें तो हमें ये ईरान का वीडियो नहीं लगा. असल में लैंडस्कैप देखने से पता चलता है कि विज़ुअल्स यूरोप के हो सकते हैं. इसे ध्यान में रखकर हमने ट्विटर पर फ़ारसी में की-वर्ड्स सर्च किया जिससे यही विज़ुअल्स सामने आए. आर्टिकल में हम सोर्स को हाइपरलिंक नहीं कर रहे हैं क्योंकि ऐसा लगता है कि इस अकाउंट से वायरल क्लिप में दिख रही महिला को टारगेट किया जा रहा था.

कैप्शन फारसी में है जिसमें लिखा है, “निलोफर फौलादी इस्लामिक गणराज्य की जासूस थी, उसे डच पुलिस ने इस्लामिक गणराज्य की खुफिया सेवाओं के साथ सहयोग के आरोप में गिरफ़्तार किया था…”

नाम सर्च करने पर हमें नैनो गोलेसोर्ख नाम से एक यूट्यूब वीडियो मिला. 6 अक्टूबर को पोस्ट किये गए इस वीडियो का टाइटल है, “नीलोफर फौलादी के बचाव में और पॉलिटिकल एक्ट के रूप में टॉपलेस प्रोटेस्ट.” इस क्लिप में स्पीकर का कहना है कि नीलोफर फौलादी ने हाल ही में एम्स्टर्डम में एक टॉपलेस विरोध प्रदर्शन किया था.

इसके बाद सर्च करने पर हमें 1 अक्टूबर को ट्विटर पर पोस्ट किया गया एक और वीडियो मिला. कैप्शन के मुताबिक, ये विज़ुअल्स हॉलैंड (एम्स्टर्डम) का है और विरोध का नेतृत्व कलाकार नीलोफर फौलादी कर रही हैं.

हमें फ़ारसी में रेडियो ज़मनेह का एक ट्वीट भी मिला जिसमें लिखा था, “एम्स्टर्डम में सरकार द्वारा अनिवार्य हिजाब और महसा अमिनी की हत्या के विरोध में एक कलाकार और एल्खेबल स्ट्रीट की लड़कियों में से एक, नीलोफ़र ​​फौलादी का विरोध आंदोलन. नीदरलैंड्स 1 अक्टूबर, 2022 #महसा_अमिनी.”

कुल मिलाकर, एम्स्टर्डम की सड़कों पर कलाकार नीलोफ़र ​​फ़ौलादी के नेतृत्व में इस्लामी शासन के विरोध का एक वीडियो ईरान की सड़कों के विज़ुअल्स के रूप में शेयर किया गया.

ईरान का बताकर शेयर किये गए 2 वीडियोज़ में से एक चिली के सैंटियागो का निकला तो दूसरा एम्स्टर्डम का.

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Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc