आज के वक़्त में न्यूज़ वेबसाइट जैसी दिखने वाली साइट गलत जानकारियां और नफ़रत परोसने का सबसे लोकप्रिय तरीका हैं. ऐसा ही एक उदाहरण है पिछले कुछ दिनों में लोकप्रिय हुई वेबसाइट ‘क्रियेटली’. इस वेबसाइट की मालिक टेक्सस की ‘Waiable Media Inc’ कंपनी है. इस कंपनी को अमेरिका में रहनेवाले भारतीय लोग चलाते हैं. बीते काफ़ी वक़्त से ये वेबसाइट भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ नफ़रत फैलाने का काम कर रही है.
इस वेबसाइट के बारे में ज़्यादा जानकारी जुटाने से पहले ये देख लेते हैं कि इस वेबसाइट ने पिछले दिनों में कौन सी गलत जानकारियां फैलाई हैं.
ग़लत जानकारियां, षडयंत्र भारी साजिश और नफ़रत
हाल ही में क्रियेटली का मुस्लिमों के खिलाफ़ नफ़रत फैलाता एक आर्टिकल देखने को मिला. वेबसाइट ने लिखा कि ‘वामपंथी’ और ‘कम्युनिस्ट’ भारत को इस्लामिक देश बनाने की साज़िश कर रहे हैं. इसके कुछ आर्टिकल में बताया गया है कि इस्लाम – लोकतंत्र के लिए एक ख़तरा, भारतीय मुस्लिम मानसिकता पर एक नज़र और कैसे इस्लाम आपके सोचने से पहले ही भारत को अपने शिकंजे में ले लेगा. ये लोगों में डर का माहौल बनाने के लिए कुछ ऐसे आर्टिकल भी पब्लिश करते हैं – “5 स्टेप लव जिहाद – मुस्लिम लड़कियों की भूमिका और हिन्दू पीड़ितों का विश्वास” और “सावधान : हिन्दुओं के लिए बेहद ख़राब परिस्थिति“.
नीचे के इंस्टाग्राम पोस्ट में आप मुस्लिमों के ख़िलाफ़ चल रहा प्रोपगेंडा देख सकते हैं.
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एक दूसरी रिपोर्ट में क्रियेटली ने हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ हुई कथित बलात्कार की घटना को नकारते हुए आरोप लगाया कि ‘वामपंथी’ और ‘जिहादी’ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ़ साज़िश रच रहे हैं. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने दिसम्बर 2020 में कथित उच्च जाति के 4 लोगों पर गैंगरेप और हत्या का चार्ज लगाया था. इसके अलावा, वेबसाइट ने एक और दावा भी किया कि पीड़ित लड़की का अंतिम संस्कार यूपी पुलिस ने उसके परिवारवालों के साथ मिलकर किया था. जबकि ग्राउन्ड रिपोर्ट्स में इससे अलग ही बातें सुनने को मिलीं.
ये वेबसाइट नियमित तौर पर गलत जानकारियां शेयर करती है. हाल ही में इसने ट्वीट कर दावा किया कि पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स के एक पायलट ने ‘अल्लाह के आदेश’ पर प्लेन में पेशाब किया. जबकि क्रियेटली ने डॉन के एक आर्टिकल की एडिटेड तस्वीर के आधार पर ये झूठा दावा पब्लिश किया था. इसपर लिखा गया ऑल्ट न्यूज़ का फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल आप यहां पर पढ़ सकते हैं.
Saving fuel? pic.twitter.com/beNW2FQWBH
— Kreately.in (@KreatelyMedia) February 17, 2021
गलवान विवाद के चलते, क्रियेटली ने झूठी कहानी शेयर करते हुए दावा किया कि चीनी सेना के अधिकारी ने भारतीय सेना द्वारा 100 चीनी सैनिकों की हत्या करने की बात स्वीकारी है.
इस वेबसाइट ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को ‘हत्या’ बताने या फ़िर ताज महल को वास्तव में हिन्दू मंदिर बताने की विवादास्पद कहानियां शेयर की हैं.
क्रियेटली भाजपा सरकार के खिलाफ़ आलोचनात्मक रवैया रखने वाले लोगों पर निशाना साधती रहती है. स्वरा भास्कर के बारे में क्रियेटली ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था जिसकी फ़ीचर इमेज उनकी एक फ़िल्म से ली गई तस्वीर थी. ये तस्वीर असल में स्वरा को बुरी स्थिति में दिखाती है. आर्टिकल में जो लिखा गया है, वो ख़राब लेखनी का अप्रतिम उदाहरण है – “आशा है कि वो रसभरी इंडस्ट्री बॉलीवुड से रिटायरमेंट और सन्यास लेने का विचार न करने लगें और हमें क्लाइमैक्स के बाद क्लाइमैक्स देती रहें. डिल्डो की ज़रूरत नहीं है.”
ये वेबसाइट ‘व्यंग्यात्मक’ आर्टिकल भी पब्लिश करती है. हास्यास्पद बात है कि क्रियेटली ने एक काल्पनिक स्टोरी का ‘फ़ैक्ट-चेक’ भी किया था. इस वेबसाइट ने ‘एथीस्ट रिपब्लिक’ के फ़ाउन्डर अर्मिन नवाबी के बारे में किये गए दावे कि अर्मिन ने अपनी मां के शव के साथ बलात्कार किया था, का फ़ैक्ट चेक किया था.
इस बेहद घटिया आर्टिकल को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी ट्वीट किया था. (आर्काइव लिंक)
Kreately Satire 10/10
Fact-Check : No, Armin Navabi did not Rape the dead body of His Mother
Although, Armin Navabi shown tendencies of seeing ‘mother’ as a ‘sexual object’ in many of his tweets
Seems things were ‘complicated’ in the family
Read: https://t.co/gSeiYZuG28
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 6, 2020
कपिल मिश्रा का क्रियेटली से कनेक्शन
‘Kreately.in’ वेबसाइट मई 2020 में अस्तित्व में आई थी. बीते एक साल में इस वेबसाइट की भारत में एलेक्सा रैंक 10 हज़ार है. इस वेबसाइट की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे कपिल मिश्रा ज़िम्मेदार है क्योंकि वो समय-समय पर इसे प्रमोट करते रहते हैं.
वेरिफ़ाइड हैन्डल वाले कपिल मिश्रा नियमित रूप से इस वेबसाइट के आर्टिकल शेयर करते रहते हैं.
नीचे दिए गए वीडियो में आप देख सकते है कि कपिल मिश्रा इस वेबसाइट के आर्टिकल्स कितने नियमित रूप से शेयर करते हैं.
क्रियेटली के कुछ आर्टिकल्स में भी भाजपा नेता कपिल मिश्रा का ज़िक्र “हिंदुओं की आवाज़” और दिल्ली दंगों में “आसानी से बलि का बकरा” के तौर पर किया गया है. क्रियेटली पर दिल्ली दंगों पर लिखे एक आर्टिकल के पहले पैराग्राफ़ में बताया गया है कि कपिल मिश्रा ने सार्वजनिक रूप से दिल्ली पुलिस को एंटी-CAA प्रदर्शनकारी द्वारा रोकी गई सड़के खाली करवाने की मांग की थी. जबकि असल में ये ‘मांग’ प्रदर्शनकारियों को 3 दिनों के अंदर जाफ़राबाद और चांद बाग खाली करने की चेतावनी थी. इसके साथ ही कपिल मिश्रा ने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा न किया गया तो वो और उनके समर्थक “सड़कों पर उतर आयेंगे”. ये भाषण कपिल ने नॉर्थ इस्ट DCP वेद प्रकाश सूर्या के सामने ही दिया था लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा दंगों के ऊपर दी गई चार्जशीट में ‘बली के बकरे’ कपिल मिश्रा का नाम तक नहीं है.
कपिल मिश्रा ने क्रियेटली के लिए साध्वी ऋतंभरा के साथ पहला इंटरव्यू भी किया था. साध्वी ऋतंभरा हिन्दुत्व नेता और विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी की फ़ाउन्डर है. ऋतंभरा साल 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के वक़्त अपने रोल को लेकर लिए कुख्यात है. उन्हें विध्वंस के एक दिन बाद गिरफ़्तार भी किया गया था. जांच के लिए गठित लिब्रहान आयोग ने “देश में सांप्रदायिक माहौल पैदा करने के लिए दोषी” 67 लोगों में ऋतंभरा का नाम भी दिया था. सितंबर 2020 में CBI स्पेशल कोर्ट ने ऋतंभरा और बाकी आरोपियों को ये कहते हुए बरी किया कि ये एक “आकस्मिक घटना थी, न कि पहले से प्लान की हुई.”
कपिल मिश्रा ने ऋतंभरा की पहचान देते हुए उन्हें ‘साहसी’ हिन्दू और ‘दीदी मां’ कहा और बताया कि उन्होंने राम मंदिर को वास्तविकता बनाया है.
Kreately presents Kapil Mishra Live with Sadhvi Ritambhara – ONE BRAVE HINDU https://t.co/PZpR2PBg1R
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 3, 2020
क्रियेटली के संस्थापक कौन हैं?
क्रियेटली ने अपनी वेबसाइट के अंत में पेरेंट कंपनी का नाम – ‘Waiable Media Inc’ – बताया है.
यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमिशन के एक दस्तावेज़ में सचिन चितलांगिया को ‘Waiable Media Inc’ कंपनी के चीफ़ फ़ाइनेंशियल ऑफ़िसर (CFO) बताया गया है. 10 मार्च 2021 के इस डॉक्यूमेंट में बताया गया है, “Waiable Media Inc ने 245,000 USD के लिए 20 प्रतिशत शेयर्स इश्यू किये हैं. ये कंपनी के शेयर्स की एक्सचेंज ऑफ़र है” और ये बताता है कि सचिन ने अपने स्टॉक सब्सक्रिप्शन का इस्तेमाल किया है.
सचिन चितलांगिया नामक व्यक्ति ट्विटर हैन्डल ‘@InternetYodha’ चलाता है.
Roads were made by @garimaguptabjp ji upon our humble request. Doctors are coming from @JapanHSS team. Find out what is HSS. Don’t they deserve water? The mosquito nets were provided by @garimaguptabjp @arunuday7 ji call them and ask them why the heck they provided to them 1/3
— Internet Yodha (@InternetYodha) August 29, 2018
पिछले साल सचिन चितलांगिया ने ट्वीट कर बताया था कि वो अमेरिका में रहते हैं और ‘कपिल मिश्रा एंड टीम के लिए काम करते हैं.
I live in US and working with Kapil Mishra ji and team, several of us are in US who is supporting this mission to help the Hindus. Here is the story of Vinod ji
If you would like to call Nitin, I can DM you the # Thank you for asking all good questionshttps://t.co/6522aIIGFJ
— Internet Yodha (@InternetYodha) March 16, 2020
सचिन भाजपा समर्थक है और उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को वोट देने की अपील भी की थी. सचिन टेक्सस के ह्यूस्टन में रहता है.
बिज़ापीडिया नाम के ऑनलाइन कम्पनी सर्च पोर्टल पर मौजूद आंकड़े बताते हैं कि क्रियेटली मीडिया अमरीका के टेक्सस में बतौर फ़ॉर-प्रॉफ़िट कंपनी रजिस्टर हुई है. ये 6 अगस्त 2020 को रजिस्टर हुई थी. कंपनी के रजिस्टर्ड एजेंट सचिन चितलांगिया है जबकि कंपनी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी विजया विश्वनाथन है.
विजया विश्वनाथन इन्फ़िनिटी फ़ाउंडेशन के प्रेसिडेंट हैं. रिटायर्ड आईएएस अफ़सर संजय दीक्षित ने पिछले साल अगस्त में विजया का इंटरव्यू लिया था. इंटरव्यू में संजय दीक्षित ने बताया था कि विजया क्रियेटली मीडिया को फ़ंड देनेवाले लोगों में से एक है. नीचे दिए गए इंटरव्यू के वीडियो में संजय 1 मिनट 30 सेकंड पर कहते हैं – “मैं आपको ये बताना चाहता हूं कि वो (विजया) अमेरिका में बने एक नए, अच्छे, उत्साहवाले पोर्टल Kreately.in को फ़ंड देती हैं. ये नई दिशा लाता है और विजया इसके पीछे की एक वजह है.”
हमें बिज़ापीडिया पर क्रियेटली मीडिया कंपनी का आर्काइव लिंक मिला. क्रियेटली मीडिया के फ़ाइल नंबर से लेकर रजिस्ट्रेशन की तारीख़ तक सारी जानकारी ‘Waiable Media’ के जैसी ही है. लेकिन यहां पर 2 और प्रिंसिपल के नाम दिए गए हैं – परीक्षित सिंह (फ़्लोरिडा से) और विक्रम टीकू (नॉर्थ कैरोलिना). ऑल्ट न्यूज़ ने पेरेंट कंपनी का नाम क्रियेटली मीडिया से ‘Waiable Media Inc’ किये जाने को लेकर कंपनी के फ़ाउंडर से कॉन्टैक्ट किया था. लेकिन हमें इस बारे में उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला.
विक्रम टीकू ने सोशल मीडिया पर कुछ पर्सनल डिटेल्स शेयर की थीं जिससे हम ट्विटर अकाउंट ‘@TapasNiyama’ तक पहुंचे. ये अकाउंट विक्रम ही चलाता है. नीचे के स्क्रीनशॉट से मालूम होता है कि विक्रम क्रियेटली वेबसाइट के बैक-एंड का इस्तेमाल कर सकता है. ऑल्ट न्यूज़ विक्रम द्वारा शेयर की गई पर्सनल जानकारी, जिसमें उनका पता और अन्य जानकारियां शामिल है, जारी नहीं कर रहा है.
सचिन चितलांगिया ने फरवरी 2021 में एक और कंपनी बनाई थी जिसका नाम है ‘क्रियेटली कन्सल्टेन्सी’. विक्रम टीकू इस कंपनी के को-फ़ाउन्डर हैं. इन दोनों के नाम कंपनी की वेबसाइट से हटा लिए गए हैं लेकिन आप इन नामों को आर्काइव वर्ज़न में देख सकते हैं.
विक्रम और सचिन अमेरिका में संघ परिवार के एक सेवा-समूह से भी जुड़े हुए हैं.
बिज़ापीडिया पर दिए गए चौथे प्रिन्सपल का नाम है परीक्षित सिंह. परीक्षित सिंह की क्रियेटली पर ऑथर प्रोफ़ाइल है और हाल ही में ट्विटर पर क्रियेटली ने परीक्षित को टैग भी किया था. एक और ट्वीट में क्रियेटली ने परीक्षित को “प्रसिद्ध लेखक और CEO, फ्लोरिडा के हेल्थ केयर फिज़िशन” बताया है.
🚨Join Professor Dr. Makarand Paranjape, renowned Indian novelist, poet, and literary critic, in conversation with Dr. Pariksith Singh as they discuss Dr. Makarand’s Poetry.@MakrandParanspe @PariksithSingh#FacebookLive https://t.co/YHdNGuHsoY pic.twitter.com/SEQSwF1EbS
— Kreately.in (@KreatelyMedia) February 12, 2021
इस तरह, अमेरिका के भाजपा और RSS समर्थक, कपिल मिश्रा के साथ मिलकर एक वेबसाइट चला रहे हैं जो कि भारत में भाजपा के समर्थन में प्रोपगेंडा और गलत जानकारियां शेयर करती है. क्रियेटली की मौजूदगी सिर्फ़ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है. ये वेबसाइट उत्तर प्रदेश के IIP फाउंडेशन के एक मोबाईल जर्नलिज़्म (मोजो) के साथ जुड़ी है. इस कोर्स से जुड़ने वाले छात्रों को क्रियेटली में 1 महीने की इंटर्नशिप दी जाएगी. इस कोर्स के बारे में ट्वीट करते हुए क्रियेटली ने कपिल मिश्रा और पूर्व आईएएस अफ़सर संजय दीक्षित को टैग किया था. ये लोग इस कोर्स के ‘मेंटर’ हैं और ये कोर्स के दौरान क्लासिस भी लेंगे.
Kreately is collaborating with @iip_india for #OnlineMobileJournalismCourse
We will offer scholarships to a selected few. We will also offer a 1-month internship after the course completion
More details – https://t.co/QsA70p6D0k
cc @rajeshsepia @KapilMishra_IND @Sanjay_Dixit pic.twitter.com/TU3neQgUwz
— Kreately.in (@KreatelyMedia) December 31, 2020
क्रियेटली के लेखक और प्रभावशाली लोग
दक्षिणपंथ की पसंदीदा रति हेगड़े क्रियेटली की ऑथर हैं. रति RSS पब्लिकेशन ऑर्गेनाइज़र में भी लिखती हैं. क्रियेटली ने अपना पहला ट्वीट 22 जून 2020 को किया था. इसी दिन क्रियेटली ने रति का आर्टिकल भी ट्वीट किया था.
RSS पब्लिकेशन ऑर्गेनाइज़र की ऑथर लिस्ट में शामिल रतन शारदा क्रियेटली के लिए भी लिखती है.
खुद को RSS कार्यकर्ता और भाजपा कार्यकर्ता बताने वाली अनुनीत आर्य (@Aryalogics) ने क्रियेटली का स्वरा भास्कर की वेब सिरीज़ ‘रसभरी’ के बारे में लिखा एक आपत्तिजनक आर्टिकल शेयर किया था. फ़िलहाल ये आर्टिकल क्रियेटली पर उपलब्ध नहीं है. अनुनीत ने अपने फ़ॉलोवर्स को क्रियेटली फ़ॉलो करने के लिए कहा था और कपिल मिश्रा को टैग किया था.
रंजीत कार्तिकेयन ने सबसे पहले क्रियेटली का आर्टिकल ट्वीट किया था जो कि RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच का राज्य संयोजक है.
क्रियेटली एक यूज़र जनरेटेड प्लेटफ़ॉर्म है जहां पर कोई भी व्यक्ति अपना अकाउंट बना सकता है और वेबसाइट के कर्ताधर्ताओं को अपना आर्टिकल पब्लिश करने के लिए निवेदन कर सकता है. कई आम लोग भी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में एजेन्डा चलाते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों और वामपंथियों के विरोध में आर्टिकल लिखते हैं.
क्रियेटली की ऑथर अर्पिता सेन ने प्रधान मंत्री मोदी की लीडरशिप को ‘अगाध’ कहते हुए एक आर्टिकल लिखा था. जबकि उनके एक दूसरे आर्टिकल में पश्चिम बंगाल को ‘हिंदुओं की ज़मीन’ बताया गया.
अर्पिता का राजनीतिक झुकाव यहां पर साफ़ देखने को मिलता है. 10 जुलाई 2020 को ट्वीट करते हुए अर्पिता ने AMU के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी को “कॉकरोच” कहा था. ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कृपया उसे और उसके मुजाहिदों को इतनी ज़ोर से मारिए कि वो बोलना बंद कर दें”. बता दें कि शरजील ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ़ चल रहे प्रदर्शनों में आगे बढ़कर हिस्सा लिया था और उसे पिछले साल उत्तर प्रदेश स्थित उसके घर से गिरफ़्तार किया गया था.
कुल मिलाकर, अमेरिका के भाजपा और RSS समर्थकों का समूह क्रियेटली मीडिया चला रहा है. लेकिन इस पूरे तामझाम के पीछे कपिल मिश्रा का चेहरा केंद्र में नज़र आता है. कपिल द्वारा इस वेबसाइट के कॉन्टेंट को नियमित रूप से प्रमोट करने की वजह से ये प्लेटफ़ॉर्म भारतीय मीडिया पर काफ़ी मशहूर हुआ है. ये वेबसाइट अल्पसंख्यकों पर निशाना साधती है और नियमित रूप से गलत जानकारियां शेयर करती है. हमने इन सब के बारे में स्पष्टीकरण पाने के लिए कपिल मिश्रा, सचिन चितलांगिय और विक्रमादित्य टीकू से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला. उनकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया आने पर ये आर्टिकल अपडेट किया जाएगा.
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