केरल में आरएसएस के सदस्य के हत्या के रूप में मैक्सिकन वीडियो किसने फैलाया? hindutva.info ने। किसी अनजान को भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से रवीश कुमार की बहन बताकर निलंबित कर दिया गया यह नकली दुष्प्रचार किसने किया? hindutva.info ने। रोहित सरदाना के खिलाफ फतवा जारी होने का झूठा अफवाह किसने फैलाया? hindutva.info ने। पश्चिम बंगाल में मुसलमानों द्वारा हिन्दू की हत्या के रूप में बांग्लादेशी वीडियो को किसने बढ़ावा दिया? hindutva.info ने।
hindutva.info सभी नकली वेबसाइटों की मुख्य वेबसाइट है, इनकी पहुंच अभूतपूर्व है। जबकि postcard.news जैसी कुछ अन्य संदिग्घ वेबसाइट है जो वास्तविक ट्रैफिक के सन्दर्भ में hindutva.info से ज्यादा लोकप्रिय है। hindutva.info इसलिए सबसे खतरनाक है क्यूंकि ये जो नकली समाचार फैलाते है वो हिंदी में होते है। जो छोटे छोटे शहरों, गांवों में जनता तक पहुँचती है जहाँ लोग ऐसा सोचते भी नहीं है या उन्हें यह जरा सा अंदाज़ा भी नहीं होता कि वो जो पढ रहे है या देख रहे हैं वो पूरी तरह से झूठा है।
जैसा की अक्सर ऐसी वेबसाइट के मामले में होता है इस वेबसाइट को कौन चलाता है छिपा हुआ है। hindutva.info का ‘About Us‘ पेज वेबसाइट के बारे में कुछ नहीं बताता है। ऑल्ट न्यूज़ पर हमने हाल ही में Dainikbharat.org की विस्तृत जाँच की है जो कि एक और लोकप्रिय नकली समाचार साइट है और हमने बताया कि इस नकली साइट को किसने चलाया है। इस पोस्ट के अंत तक हम केवल यही नहीं जान पाएंगे कि hindutva.info कौन चलाता है बल्कि यह भी पता लगा पाएंगे की hindutva.info के लेख को वायरल किये जाने के लिए गुप्त राज क्या है, और किस तरह से हमने पड़ताल की।
WHOIS जो कि डोमेन को चलाने वाले का नाम, पता, फोन नंबर आदि बता सकती है, DainikBharat.org के मामले में जब हमने WHOIS से साइट की जाँच की तो इससे हमें कुछ प्रारंभिक जानकारी ढूंढने में मदद मिली, जैसे कि उनका फोन नंबर इत्यादि। हालांकि hindutva.info के मामले में WHOIS की जानकारी (https://www.whois.com/whois/hindutva.info) ‘Domains By Proxy‘ नामक भुगतान सेवा का उपयोग कर छिपा हुआ है। नाम, पता, फोन नंबर जैसा की नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है, ये कंपनी ‘Domains by Proxy’ के है न की hindutva.info के। हम केवल इतना जान सकते है कि डोमेन 18 अगस्त 2015 को पंजीकृत हुआ था।
आम तौर पर ऐसी वेबसाइटें अस्तित्व के शुरुआती दिनों में लोकप्रिय होने से ज्यादा व्यक्तिगत जानकारी प्रकट करते है। एक सेवा जिसे Wayback Machine कहते है हमें यह देखने में मदद करती है कि वेबसाइट शुरूआती दिनों में विभिन्न बिंदुओं पर कैसा दिखता था। ये इंटरनेट पर लगभग सभी वेबसाइटों का नियमित, स्वचालित स्क्रीनशॉट्स लेती है। हमलोगों ने wayback Machine पर hindutva.info का 11 सितम्बर 2015 का स्नैपशॉट्स देखा। (http://web.archive.org/web/20151109010752/http://hindutva.info:80/) जो कि डोमेन नाम के पंजीकरण के सिर्फ एक महीने बाद का है।
ऊपर वर्णित वेबसाइट पर दो लेखकों के नाम है। यदि आप Wayback Machine के माधयम से स्क्रॉल करेंगे तो एक तथ्य जिससे यह स्पस्ट होगा कि वेबसाइट के शुरुआती संस्करण में विशाल कश्यप और जिंदल ये दो लेखक सबसे अधिक सफल थे। अंग्रेजी में लिखी गयी सभी विषय-वस्तु विशाल कश्यप ने लिखी थी जब्कि हिंदी में जिंदल ने लिखी थी। हमने विशाल कश्यप और hindutva.info को गूगल पर ढूंढा पर ऐसी कोई जानकारी उप्लब्ध नहीं थी जिससे यह पता चले की विशाल कश्यप ही hindutva.info को चलाते है। फिर हमने जिंदल जी को ढूंढ़ा।
तो हमें ये मिल गया कि राजेश जिंदल Quora (https://www.quora.com/profile/Jindal-Rajesh) और LinkedIn https://www.linkedin.com/in/rajesh-jindal-2b623933/ पर खुद को hindutva.info के संस्थापक होने का दावा करते है। (उनके द्वारा यह linkedin अकाउंट अभी बंद कर दिया गया है) चलिए ऊपर जो साइट ऑपरेटर उपयोग हुआ है उसके बारे में थोड़ा संक्षेप में जान लेते है। यह एक गूगल सर्च द्वारा दी गयी सुविधा है जिसमे यदि आप एक विशिष्ट साइट खोजना चाहते है जैसे कि आप केवल hindutva.info खोजना चाहते है कोई अन्य साइट नहीं, तो आप अपनी सर्च क्वैरी में “site:hindutva.info” जोड़ सकते है, हालाँकि यदि आप विशेष साइट से आने वाले सभी परिणामो को फ़िल्टर करना चाहते हैं तो आप ‘site’ ऑपरेटर को माइनस साइन => ‘-site‘ के साथ प्रस्तुत कर सकते है। उपरोक्त खोज क्वेरी में हमने hindutva.info वेबसाइट से सभी विषय को फ़िल्टर किया क्यूंकि यह अधिक संभावना है कि hindutva.info के अलावा अन्य वेबसाइटों पर जिंदल की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त हो। इसलिए खोज ऑपरेटर ‘-site:hindutva.info’ को नियोजित किया गया है। Google ने यहाँ अपनी उन्नत खोज सुविधाओं का प्रयोग दिखाया है => http://bit.ly/1kktu5l.
लेकिन, राजेश जिंदल है कौन? यह जानने के लिए आइये हम ये विडियो देखते हैं जो राजेश जिंदल के द्वारा ही बनाया गया है।
तो अब हमारे पास राजेश जिंदल है जो इस वीडियो में एक ब्लॉगर के रूप में अपनी सफलता पर गर्व करते हुए बताते है कि कैसे वो ढेर सारे पैसे कमाते है। ब्लॉग्स का एक फेसबुक इवेंट बताता है की राजेश जिंदल प्रति माह 10 लाख से ज्यादा कमाते हैं। इनकी सफलता का राज क्या है? यह नकली ख़बरों का कारोबार कैसे सफल हुआ? यह पता लगाने के लिए हमें राजेश जिंदल के बारे में कुछ और यक्तिगत जानकारी की जरुरत है जैसे कि फोन नंबर या ईमेल पता ताकि हम कुछ और बेहतर खोज सके। राजेश जिंदल के Quora प्रोफाइल में उन्होंने एक और वेबसाइट का उल्लेख किया है hitpehit.com जिसे उन्होंने खुद स्थापित किया है। hitpehit.com का हमने WHOIS जानकारी देखा https://www.whois.com/whois/hitpehit.com.
hindutva.info के विपरीत hitpehit.com की WHOIS जानकारी किसी भी भुगतान सेवा द्वारा नकाबपोश नहीं थी। अब हमारे पास राजेश जिंदल का ईमेल एड्रेस, फ़ोन नंबर और पता है। यदि आप truecaller पे नंबर को देखते है तो यह बताता है की वास्तव में यह नंबर राजेश जिंदल का है। ईमेल एड्रेस यह है jindalcs.cs86@gmail.com इसके बाद हम “-site:hindtuva.info” ऑपरेटर और राजेश जिंदल के ईमेल एड्रेस का उपयोग कर सर्च करते हैं।
खोज परिणामों में दो फेसबुक पेज का नाम आता है MandirMataVaishno और countrysabsepahle ‘मंदिर माता वैष्णो देवी फैन क्लब’ के पास 6 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स है जबकि ‘वी सपोर्ट नेशनलिस्म’ के पास 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स है। इन दोनों पेजों को श्री राजेश जिंदल जी के द्वारा चलाया जाता है। हम यह कैसे जानते है? चलिए बताते है क्यूंकि सबसे पहले तो जो लोग फेसबुक पेज चलाते है वे जानते होंगे कि फेसबुक पेज का ‘About’ सेक्शन उस पेज को चलाने वाले के द्वारा कॉन्फ़िगर किया जाता है। इन दोनों पेजों के ‘About’ सेक्शन में श्री राजेश जिंदल जी का ईमेल एड्रेस संपर्क ईमेल एड्रेस के रूप में कॉन्फ़िगर किया गया है, जो कि ढूँढना बहुत आसान नहीं था। इसके अतिरिक्त वेबसाइट के अबाउट सेक्शन में hindutva.info को कॉन्फ़िगर किया है। दोनों पेज समान लिंक साझा करते है जो सभी hindutva.info से है, ये लिंक दोनों पेज पर एक ही समय में साझा किये जाते है। इसका मतलब क्या है कि दोनों पेज को एक ही व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है और यह निष्कर्ष निकलना काफी आसान है कि यह राजेश जिंदल या उनकी एक टीम है जो इन फेसबुक पेज को संभाल रही है।
क्या बस इतने ही पेज राजेश जिंदल हैंडल करते है? नहीं, वास्तव में इन्होने फेसबुक पेजों का एक साम्राज्य बना लिया है। हमने उन सभी पेजों का जिनके ‘About’ सेक्शन में hindutva.info है गूगल पर खोज की। हमें निम्नलिखित सूची मिली।
https://www.facebook.com/I-Support-Anurag-Thakur-258530714511336/
https://www.facebook.com/LionNetaJi/
https://www.facebook.com/Foreigners-loves-Hinduism-161537984289900/
https://www.facebook.com/MSTNLovesPRACHI/
https://www.facebook.com/BobbyDeolFan
https://www.facebook.com/videos.hindutva.info/
https://www.facebook.com/disha.patani.fanz/
https://www.facebook.com/wesupporthinduunity/
https://www.facebook.com/MandirMataVaishno/
https://www.facebook.com/upforyogi/
https://www.facebook.com/HIndutva-Health-News-1606341206066917/?pnref=lhc
उपरोक्त सभी फेसबुक पेजों का लगभग 4.5 लाख से 5 लाख तक प्रत्यक्ष पहुँच है। इनमें से हर एक केवल दो वेबसाइट “hindutva.info” और “hitpehit.com” का लिंक साझा करते है जिन दोनों का स्वामित्व राजेश जिंदल के पास है। और हर एक के अबाउट सेक्शन में इन्ही दोनों वेबसाइटों का नाम है। इसका मुख्य उद्देश्य कुछ प्रसिद्ध व्यक्तिओ का नाम लेना और उनके नाम पे फेसबुक पेज बनाना है। एकमात्र अपवाद फेसबुक पेज “Mandir Mata Vaishno Devi Ji Fans” यहाँ धार्मिक पदों को इन दोनों वेवसाइटों “hindutva.info” और “hitpehit.com” से जोड़ दिया गया है। पेज के करीब 698 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। नकली समाचारों के आधार पर किसी के ब्लॉगिंग कैरियर को आगे बढ़ाने के लिए धर्म का चालाकी से उपयोग किया गया है।
हमने यह भी पाया कि राजेश जिंदल अपने फेसबुक प्रोफाइल (https://www.facebook.com/Rajesh.Jindal007) का उपयोग ऐसे फेसबुक ग्रुप में पोस्ट करने के लिए करते है जिनमें सदस्यों की संख्या काफी ज्यादा है। ऊपर फेसबुक पेजों और समूहों की सूची जो हमें मिली है पूरी तरह से हटाई जा सकती है। यह भी संभव है कि श्री राजेश जिंदल कई अन्य फेसबुक पेज और ग्रुप चलाते हो। इससे पूरा सोशल मीडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है जिसका उपयोग खुद की वेबसाइटों पर भारी मात्रा में ट्रैफिक लाने के लिए किया जाता है। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर तीन कंपनियों से विज्ञापनों का जिक्र किया है। Revcontent, MGID और Google Adsense. प्रत्येक पोस्ट के बीच में और नीचे आपको वह विज्ञापन मिलेगा जो उनको पैसे कमाने में मदद करते है। नीचे दी गयी तस्वीर hindutva.info के पोस्ट्स के नीचे दिखाई देने वाली विज्ञापन को दिखाती है।
यह Hindutva.info की कहानी है। एक तेजी से बढ़ती हुई नकली समाचार साइट जो झूठी खबर बनाकर ढेर सारा पैसा कमा रही है और जिसकी पहुँच लाखो लोगों तक है।
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