बंगाली अखबार और CPI (M) के मुखपत्र ‘गणशक्ति’ ने अपने 17 सितंबर के संस्करण में एक तस्वीर पब्लिश की. इसमें डॉक्टरों को हरे कफन में ढके एक शव के सामने सिर झुकाते हुए दिखाया गया है. तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है, “एम्स दिल्ली के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कॉमरेड सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर के पास श्रद्धांजलि देते हुए.”
ये तस्वीर सोशल मीडिया पर भी इसी दावे के साथ वायरल है कि एम्स के डॉक्टर दिवंगत CPI (M) महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में मेडिकल शिक्षा के लिए दान कर दिया गया था.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) वेरिफ़ाईड यूज़र प्रदीप राय (@praदीपraiindia) ने तस्वीर शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “#AIIMS #Delhi के डॉक्टरों द्वारा क्या उल्लेखनीय भाव है. अंग दाता #सीतारामयेचुरी को अंतिम सलाम के साथ सम्मानित करते हुए दूसरों को जीवन में दूसरा मौका देकर उनके अपार योगदान को स्वीकार किया गया… ” (आर्काइव)
बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया.
NDTV रिपोर्टर और ऐंकर गार्गी रावत (@गार्गीरावत) ने प्रदीप राय के पोस्ट को कोट करते हुए लिखा, “देखना कितना आश्चर्यजनक है.. न सिर्फ #सीतारामयेचुरी ने इस अंतिम कोशिश में अनगिनत अन्य लोगों की मदद की है, बल्कि उम्मीद है कि ये अंग दान की ज़रूरत के बारे में जागरूकता पैदा करेगा. जिसमें भारत का रिकॉर्ड सबसे ख़राब में से एक है.” (आर्काइव)
ये तस्वीर ऐसे ही दावे के साथ फ़ेसबुक पर भी काफ़ी वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सैकड़ों यूज़र्स ने तस्वीर शेयर की थी.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें चीनी में अंग्रेज़ी भाषा की मीडिया आउटलेट चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क के वेब पोर्टल CGTN.com पर 30 सितंबर, 2016 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के हेडलाइन में लिखा है, ‘चीनी डॉक्टर की तिब्बत में स्वैच्छिक सेवा के दौरान मौत हो गई, उन्होंने अपने अंग दान किए.‘ इस न्यूज़ रिपोर्ट में यही तस्वीर है जो अभी वायरल हो रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये तस्वीर चीन के अनहुई प्रांत की राजधानी हेफ़ेई शहर के एक अस्पताल की है जहां डॉक्टरों ने अनहुई के 41 साल के डॉक्टर झाओ जू को सम्मान दिया. झाओ ने अपने निधन से दो महीने पहले अन्य डॉक्टरों के एक ग्रुप के साथ तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शैनान में स्वेच्छा से काम किया था. आर्टिकल में ये भी लिखा है, “झाओ के परिवार ने उनकी नेक अंतिम इच्छाओं का सम्मान किया और उनकी किडनी, लीवर और कॉर्निया दान कर दिए.”
मीडिया आउटलेट ने उसी दिन फ़ेसबुक पर इसी मौके की कई अन्य तस्वीरें भी शेयर की. इस पोस्ट में बताया गया, “…झाओ के परिवार ने उनकी नेक अंतिम इच्छाओं का सम्मान किया और उनकी किडनी, लीवर और कॉर्निया दान कर दिए… अनहुई प्रांत की राजधानी हेफ़ेई शहर के एक अस्पताल में साथी डॉक्टरों को झाओ को सिर झुकाकर सम्मान देते हुए देखा गया…”
Chinese doctor dies while volunteering in Tibet, donates his organs
Zhao Ju, a 41-year-old doctor from east China’s…
Posted by CGTN on Friday 30 September 2016
हमें झाओ की मौत पर अन्य न्यूज़ रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिनमें ज़िक्र किया गया था कि उन्होंने सभी उपयोगी अंग दान कर दिए थे. ऐसी ही एक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है जिसमें वायरल हो रही तस्वीर भी है.
इसी तस्वीर का इस्तेमाल CGTN द्वारा 28 दिसंबर, 2016 को पब्लिश एक अन्य फ़ीचर स्टोरी में भी किया गया था जिसकी हेडलाइन थी, “चीन में अंगदान में होने वाली दुविधा के पीछे सांस्कृतिक परंपराएं, अविश्वास है.”
18 सितंबर को, बंगाली अखबार गणशक्ति ने एक स्पष्टीकरण जारी कर ‘ग़लत तस्वीर’ पब्लिश करने के लिए माफ़ी मांगी.
कुल मिलाकर, एम्स के डॉक्टरों द्वारा दिवंगत CPI (M) नेता सीताराम येचुरी को अंतिम सम्मान देने के रूप में वायरल तस्वीर चीन की है. इसमें 2016 में डॉक्टरों को दिवंगत डॉ. झाओ जू के शरीर को सम्मान देते हुए दिखाया गया है.
अंकिता महालनोबिश ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.
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