पश्चिम बंगाल में चुनाव के नतीजे आते ही राज्य के कई हिस्सों से हिंसा की ख़बरें आ रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा में 11 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें BJP के 6 कार्यकर्ताओं के मारे जाने की बात कही जा रही है. वहीं TMC अपने 4 कार्यकर्ताओं की मौत का दावा कर रही है. जबकि एक व्यक्ति को इंडियन सेक्युलर फ़्रंट का समर्थक बताया गया है. सोशल मीडिया हिंसा की भयानक तस्वीरों से भरा जा रहा है. ऐसे में @Priyankkashyap2 नाम की एक यूज़र ने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की स्थिति भयावह है.

BJP तमिलनाडु के अध्यक्ष निर्मल कुमार ने दो तस्वीरें शेयर की हैं और लिखा है कि 5 से ज़्यादा BJP कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है. (आर्काइव लिंक)

पत्रकार उन्नीकृष्णन आर संतोष ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि बंगाल में हो रही हिंसा की इस तस्वीर की व्याख्या करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं. इसके अलावा ये तस्वीर फ़ेसबुक पर भी कई लोग शेयर कर रहे हैं और लिख रहे हैं कि बंगाल को TMC से बचाया जाए.

 

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने से पता चला कि ये 3 साल पुरानी तस्वीर है. हिंदुस्तान टाइम्स में मार्च 2018 में छपी एक रिपोर्ट बताती है कि ये पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के समय सांप्रदायिक हिंसा के बाद की तस्वीर है. हिंदुस्तान टाइम्स ने तस्वीर का क्रेडिट PTI को देते हुए लिखा है, “रानीगंज के बर्धमान में रामनवमी के जुलुस के बाद भड़की हिंसा के बाद पुलिस पेट्रोल करते हुए.”

रिपोर्ट में बताया गया है कि मौलाना इमदादुस राशिदी, जो आसनसोल की एक मस्जिद के इमाम हैं, उनका 16 साल का बेटा इस हिंसा में मारा गया. उसकी लाश हिंसा के 4 दिन बाद मिली थी. इमाम ने लोगों से गुज़ारिश करते हुए कहा, “मैंने अपना बेटा खोया है. और मैं नहीं चाहता कि और भी कोई अपना बेटा खो दे. अगर कोई बदला लेने की सोचेगा तो मैं शहर छोड़कर चला जाऊंगा.”

इंडियन एक्सप्रेस की मार्च 2018 की एक रिपोर्ट में भी ये तस्वीर है.

यानी, पश्चिम बंगाल में 2018 में हुई सांप्रदायिक हिंसा की तस्वीर शेयर करते हुए हाल की हिंसा से जोड़ा जा रहा है. हिंसा की अन्य तस्वीरों के साथ ये तस्वीर कई यूज़र्स शेयर कर रहे हैं. बाकी तस्वीरों की जांच जारी है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

She specializes in information verification, examining mis/disinformation, social media monitoring and platform accountability. Her aim is to make the internet a safer place and enable people to become informed social media users. She has been a part of Alt News since 2018.