सोशल मीडिया पर एक CCTV फ़ुटेज काफी शेयर किया जा रहा है. फ़ुटेज में दिख रहा है कि एक संकरी गली में एक व्यक्ति को चाकू से मारा जा रहा है. दावा है कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से है. भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान प्रभारी नेहा जोशी ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “उत्तराखंड के 15 साल के मनोज नेगी की दिल्ली में चाकू मारकर हत्या कर दी गई क्यूंकि वो अपनी बहन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे मुस्लिम गुंडों से भिड़ गया था”. (आर्काइव लिंक)

कई यूज़र्स ने इसी दावे के साथ ये CCTV फ़ुटेज ट्वीट किया है. लोग ये दावा कर रहे हैं कि पीड़ित व्यक्ति का नाम मनोज पांडे है. (आर्काइव्स लिंक्स- पहला ट्वीट, दूसरा ट्वीट, तीसरा ट्वीट, चौथा ट्वीट)

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सुदर्शन न्यूज़ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “बहन से छेड़खानी का विरोध किया तो 15 साल के युवक मनोज नेगी की चाकुओं से गोद गोद कर हत्या कर दी गयी”. ट्वीट में न्यूज़ आउटलेट ने इस घटना को बजरंग दल के नेता नितेश चौधरी की हत्या से भी जोड़ा है. नितेश चौधरी की हत्या के आरोपी मुसलमान थे. सुदर्शन न्यूज़ ने जिहादी शब्द का इस्तेमाल किया जिसे अक्सर राईटविंग द्वारा मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. दोनों अपराधों के बीच समानता दिखाते हुए ये दर्शाया जा रहा है कि दिल्ली की घटना में भी आरोपी मुसलमान हो सकते हैं. (आर्काइव)

सुदर्शन न्यूज़ के मुख्य प्रबंध निदेशक और प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने भी इसी कैप्शन के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें NDTV का एक आर्टिकल मिला. इसकी हेडलाइन थी, “अपनी बहन से छेड़छाड़ का विरोध करने पर दिल्ली के किशोर को चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया गया”. इस आर्टिकल में वायरल CCTV फ़ुटेज भी है. आर्टिकल के मुताबिक, कथित तौर पर बहन के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने की वज़ह से दिल्ली में दो नाबालिगों ने एक किशोर की चाकू मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने कहा कि पीड़ित पर उसके घर के पास हमला किया गया जब वो कंप्यूटर क्लास से लौट रहा था. उसे अस्पताल ले जाया गया. लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी. मामला दर्ज कर लिया गया है और दोनों नाबालिगों को हिरासत में ले लिया गया है. रिडर्स ध्यान दें कि NDTV के आर्टिकल में आरोपियों के मुस्लिम होने का कोई ज़िक्र नहीं है.

हमें इस घटना पर ज़ी न्यूज़ का एक आर्टिकल भी मिला. रिपोर्ट की हेडलाइन ये है: “दिल्ली: बहन के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर लड़के की हत्या करने वाले 2 युवकों को पुलिस ने दबोचा”. ज़ी न्यूज़ को दिए पुलिस के एक बयान के मुताबिक, “इन्वेस्टीगेशन के दौरान, दोनों किशोरों ने खुलासा किया कि वो मृतक की बहन के साथ छेड़खानी करते थे. कुछ दिन पहले मृतक ने उन्हें अपनी बहन से दूर रहने की चेतावनी दी थी और थप्पड़ जड़ दिया था. बदला लेने के लिए दोनों आरोपियों ने मनोज को पकड़ लिया और चाकू मार दिया. इस कारण उसकी मौत हो गई.”

पीड़ित मनोज कुमार नेगी को सरदार पटेल अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. दोनों हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और अपराध का हथियार बरामद कर लिया गया है. ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट में भी किसी सांप्रदायिक ऐंगल का ज़िक्र नहीं किया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ को मनोज नेगी के पिता द्वारा दर्ज़ की गई FIR की कॉपी मिली. FIR में ज़िक्र है कि मनोज नेगी रात करीब आठ बजे कंप्यूटर क्लास के लिए निकला था. रात करीब 9 बजकर 15 मिनट पर उसके पिता ने शोरगुल सुना और बाहर निकल आए. उन्होंने अपने घायल बेटे को सड़क पर पड़ा पाया. अस्पताल जाते समय मनोज नेगी ने अपने पिता से कहा कि एक ही मोहल्ले में रहने वाले दो नाबालिग उसकी बहन को लगातार परेशान करते थे. कुछ दिन पहले मनोज ने उनमें से एक को थप्पड़ मारा था और बदला लेने के लिए उन्होंने उसे चाकू मार दिया.

FIR में जिन नाबालिगों की पहचान की गई है, वो हिंदू हैं. इसकी पुष्टि DCP श्वेता चौहान ने भी की. साथ ही उन्होंने घटना में कोई भी सांप्रदायिक ऐंगल होने की बात से इनकार किया. ऑल्ट न्यूज़ उनकी पहचान उजागर नहीं कर रहा है क्यूंकि नाबालिग़ हैं. चाकू मारने के पीछे का कारण पूछे जाने पर DCP चौहान ने बताया कि ये दोनों, मनोज नेगी की बहन को परेशान करता था. “उनका पहले भी झगड़ा हुआ था. आरोपियों की मनोज नेगी से रंजिश थी जिसके कारण हत्या की गई.”

कुल मिलाकर, यहां साफ़ हो जाता है कि मनोज नेगी की हत्या को सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक ग़लत सांप्रदायिक ऐंगल देकर शेयर किया. इन यूज़र्स में ज़्यादातर अकाउंट्स राईट विंग विचारधारा वाले थे. प्रोपगैंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ और इसके प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने आरोपी के लिए ‘जिहादी’ शब्द का इस्तेमाल करके और इस घटना को दूसरी घटना से जोड़कर ये जताने की कोशिश की कि आरोपी मुस्लिम हो सकते हैं.

सुदर्शन न्यूज़ और उसके पत्रकारों द्वारा अक्सर शेयर की जाने वाली गलत सूचनाओं के बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.