ट्विटर यूज़र @sdtiwari ने मीडियाकर्मी के साथ बात कर रहे एक व्यक्ति का वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि ये व्यक्ति ‘शकील अहमद अंसारी’ है जो गुजरात के वलसाड के DPS राजबाग में शिक्षक है. वीडियो में व्यक्ति को CAA, NRC और गृह मंत्री अमित शाह सहित राजनेताओं के खिलाफ बोलते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो को 10 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.

ट्विटर यूज़र @saffronncloud ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया जिसे 100 से अधिक बार रीट्वीट किया गया.

कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो पोस्ट किया.

वीडियो न तो गुजरात का है और न ही वो व्यक्ति DPS में शिक्षक है

फ़ैक्ट-चेक शुरू करने से पहले हम ये बताना चाहते हैं कि 2019 में भी ऑल्ट न्यूज़ ने डीपीएस स्कूल राजबाग के बारे में तीन झूठे दावों को खारिज़ किया था.

इस रिपोर्ट में हम नीचे लिखे सवालों के जवाब जानेंगें:

  1. DPS राजबाग कहां है?
  2. वीडियो कहां शूट किया गया था और वीडियो में दिख रहा शख्स कौन है?

DPS राजबाग जम्मू-कश्मीर में है

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर पता चला कि DPS राजबाग स्कूल गुजरात में नहीं है. सोशल मीडिया पर किये जा रहे दावे ग़लत हैं. स्कूल जम्मू-कश्मीर के कठुआ इलाके में है.

वीडियो का विवरण

ऑल्ट न्यूज़ ने रिवर्स इमेज सर्च करने पर देखा कि वीडियो करीब 13 दिसंबर, 2019 से मौजूद है. वीडियो को अच्छी क्वालिटी के साथ ‘इरफ़ान बागवान GFC’ नामक एक यूट्यूब चैनल ने अपलोड किया था. इस वीडियो में ‘LTV एक्सक्लूज़िव’ का वॉटरमार्क है जो हमें इसके फ़ेसबुक पेज पर ले गया. यहां इसे 12 दिसंबर, 2019 को अपलोड किया गया था. तब से इस वीडियो को 12 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

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Posted by सच सबसे आगे on Wednesday, 11 December 2019

वीडियो के बैकग्राउंड में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का प्रवेश द्वार देखा जा सकता है. यानी, ये वीडियो न गुजरात और न डीपीएस राजबाग का है. ये बनारस का है. नीचे दी गयी तस्वीर सड़क से दिख रहे गेट की है.

नीचे LTV न्यूज़ के वीडियो में दिख रहे गेट और गूगल स्ट्रीट व्यू से ली गयी तस्वीर में समानता देखी जा सकती है. प्रवेश द्वार की दीवार के सामने तीन ताड़ के पेड़ और दोनों तस्वीरों में दो गुम्बदों को पहचाना जा सकता है.

हमने BHU के एक सोर्स से संपर्क किया उन्होंने उस व्यक्ति की पहचान करते हुए उसकी फ़ेसबुक प्रोफाइल हमसे शेयर की. ऑनलाइन उत्पीड़न से बचाने के लिए उस शख्स की पहचान नहीं बताई जा रही है. हालांकि, हम ये बता सकते हैं कि वो एक राजनीति विज्ञान शोधकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. एक फ़ोन कॉल पर उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “हां, CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दिसंबर 2019 में बनारस में BHU के मेन गेट पर मैंने ये इंटरव्यू दिया था. मैं ये बताना चाहता हूं कि मैंने उस समय जो कहा वो राजनीतिक संदर्भ में था और इसे अभी बिना किसी संदर्भ के शेयर करना ठीक नहीं है.”

कुल मिलाकर, 2019 में बनारस में CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘द LTV न्यूज़’ के साथ एक कार्यकर्ता के इंटरव्यू के वीडियो को इस झूठे दावे के साथ शेयर किया गया कि वीडियो में दिख रहा शख्स शकील अहमद अंसारी है जो गुजरात के वलसाड में DPS राजबाग का शिक्षक है.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.