हिजाब पहने एक महिला को पत्रकार के साथ बात करते हुए दर्शाता 20 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया में व्यापक रूप से वायरल है। साझा किये गए संदेश में दावा किया गया है कि नागरिकता सशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाएं रिश्वत ले रही हैं। महिला को कहते हुए सुना जा सकता है, “औरतों को यहाँ पे बुलाया जा रहा है, Rs 500 दे कर के और खाने के लिए बिरयानी के लिए, mainly बिरयानी के लिए औरतों को Rs 500 में बुलाया जा रहा है यहाँ पे रोकने के लिए। अब आप मुझे ये बात बताइये कि Rs 500 में क्या होता है आज कल? औरतें अपना घर छोड़ कर, अपने बच्चे, अपना husband, अपने मम्मा-पापा, अपनी पढ़ाई, सब छोड़ कर वो यहाँ आएंगी।”

ट्विटर उपयोगकर्ता @PrayagrajWale ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “कांग्रेस वालों कुछ तो शर्म करो,एक अबला खातून 500₹ और बिरयानी में कैसे अपना घर चलाएगी,लोगों का शोषण कर रहे हो ,ऊपर से लखनऊ पुलिस वहां डांसिंग कार भी खड़ी नही होने दे रही , ऐसे कैसे चलेगा।”

कुछ उपयोगकर्ताओं ने इस वीडियो को समान दावे के साथ फेसबुक और ट्विटर पर साझा किया है।

क्लिप्पड वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च किया और हमें इसका मूल वीडियो मिला। इसे यूट्यूब पर लखनऊ लाइव चैनल ने 23 जनवरी को अपलोड किया था। लखनऊ लाइव ने 20 जनवरी को अपने फेसबुक पर इस वीडियो को यह कहते हुए पोस्ट किया है, ‘सीम रिजवी पर भड़की मुस्लिम महिला’

वीडियो में महिला खुद को समीरा बताती है। लखनऊ लाइव के पत्रकार उनसे पूछते है, “कल वसीम रिज़वी जी ने एक वीडियो रिलीज़ करी है, जिसमें उन्होंने घंटा घर की महिलाओं पे बहुत ही संगीन इल्जाम लगाए हैं। उसके ऊपर आप क्या कहना चाहेंगे?”

सईद वसीम रिज़वी, उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ के अध्यक्ष हैं। 18 जनवरी को, उन्होंने लखनऊ के क्लॉक टॉवर में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने महिलाओं के चरित्र पर उंगली उठाई थी और कहा था कि वे पैसों के लिए इक्क्ठा हुई है। उन्होंने 23 जनवरी के भारत समचार के प्रसारण के दौरान अपने इस बयान को दोहराया था। ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिज़वी के इस बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई है।

वायरल वीडियो को मूल वीडियो में 15वें सेकंड से क्लिप किया गया है। इससे दर्शक, ना ही पत्रकार द्वारा रिज़वी के बारे में किये गए प्रश्न और ना ही समीरा के प्रारंभिक बयान को सुन पाए – (उन्होंने महिलाओं को यह बोला गया है कि…)।

ऑल्ट न्यूज़ ने लखनऊ लाइव के प्रबंधनकर्ता रुस्तम खान तक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि, “इस वीडियो को हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर में 19 जनवरी को रिकॉर्ड किया गया था। हमने इसे 20 जनवरी को अपलोड किया था। पिछले कुछ दिनों से, हमारे वीडियो को एडिट कर सोशल मीडिया में साझा किया जा रहा है।”

25 जनवरी को, लखनऊ लाइव ने इस वायरल वीडियो के जरिये साझा की जा रही गलत जानकारी के बारे में दर्शकों को सचेत किया था। उनके पोस्ट के मुताबिक, “दर्शकों के लिए सूचना : Jan २० को हमने ‘वसीम रिजवी पर भड़की मुस्लिम महिला’ के नाम से एक विडीओ डाला था । सोशल मीडिया पर इस विडीओ को एडिट कर ग़लत फ़ेमी प्रचार करी ज़ारही।- रुस्तम खान, लखनऊ लाइव।”

इस प्रकार यह दोहराया जा सकता है कि वीडियो को क्लिप कर यह दर्शाने की कोशिश की गई कि लखनऊ के क्लॉक टॉवर पर प्रदर्शन कर रही महिलाएं रिश्वत लेती है। हालांकि, वीडियो में दिख रही महिला शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ के अध्यक्ष सईद रिज़वी के बयान को दोहरा रही थी।

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.