सोमवार, 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद फैली अशांति के बीच देश में हिंदू अल्पसंख्यकों को कई जगहों पर निशाना बनाए जाने की कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं. इस संदर्भ में वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक लड़की के मुंह पर टेप लगा हुआ है और उसके हाथ-पैर बंधे हुए हैं. इस क्लिप को इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि बांग्लादेश में लड़की को हिंदू होने के कारण निशाना बनाया जा रहा है.
न्यूज़ 18 हिंदी ने वीडियो को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें दावा किया गया कि वीडियो में दिख रही लड़की हिंदू है. रिपोर्ट का टाइटल है, “यह वीडियो आपको देगा झकझोर… देखिए बांग्लादेश में हिंदू लड़की के साथ क्या हो रहा है… मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यक होना क्या गुनाह है?” बाद में आर्टिकल हटा दिया गया. लेकिन यहां गूगल कैश का एक आर्काइव देखा जा सकता है.
संजय दीक्षित द्वारा संचालित राईटविंग प्रॉपगेंडा हैंडल द जयपुर डायलॉग्स (@जयपुरडायलॉग्स) ने इसी दावे के साथ वीडियो ट्वीट किया. ट्वीट को 1.7 मिलियन व्यूज और 10 हज़ार रीट्वीट मिले. (आर्काइव)
Hindu Women in Bangladesh!
They are being Raped and Killed! Hindus are staring at a Genocide in Bangladesh
These images and videos make you feel so helpless! pic.twitter.com/j47Ri5QX2p
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) August 7, 2024
वेरिफ़ाईड यूज़र @jpsin1 ने भी #HindusAreNotSafeInBangladesh, #HindusUnderAttack, #SaveHindusinBangladesh और इसी तरह के हैशटैग के साथ वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव)
Welcome to new bangladesh#HindusAreNotSafeInBangladesh #HindusUnderAttack #Hindus #SaveHindusinBangladesh #SaveBangladesiHindus #AllEyesOnBangladeshiHindus#HelpBangladeshiHindus#helpbangladeshisanatani pic.twitter.com/3CZwuu1aV7
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) August 7, 2024
कई अन्य यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव- 1, 2, 3, 4)
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें पता चला कि इसे जुलाई 2024 में कई प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड किया गया था. जहां दावा था कि वीडियो में दिख रही लड़की जगन्नाथ विश्वविद्यालय की थी (1, 2). ध्यान दें कि ये शेख हसीना के इस्तीफे से बहुत पहले की बात है.
वायरल वीडियो के बैकग्राउंड में हमारी नज़र एक बस पर भी पड़ी जिस पर बांग्ला में जगन्नाथ यूनिवर्सिटी लिखा हुआ है. हमें गूगल मैप्स पर जगन्नाथ यूनिवर्सिटी की एक तस्वीर मिली जिससे ये कंफ़र्म हुआ कि वीडियो असल में यूनिवर्सिटी में ही रिकॉर्ड किया गया था. नीचे गूगल मैप से ली गई तस्वीर और वायरल वीडियो से लिए गए की-फ्रेम्स के में समानता देखी जा सकती है.
हमने ये भी देखा कि JnU शॉर्ट स्टोरीज़ नामक एक फ़ेसबुक पेज ने 26 जुलाई को वीडियो पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया था कि वीडियो में दिख रही लड़की जगन्नाथ विश्वविद्यालय की छात्रा है और किसी भी राजनीतिक दल से इसका कोई सबंध नहीं है. वीडियो में वो JnU स्टूडेंट फ़ैरुज अबोंतिका की आत्महत्या के खिलाफ़ प्रदर्शन करती नज़र आ रही थीं. अबोंतिका ने कथित तौर पर सहायक प्रॉक्टर दीन इस्लाम और अम्मान सिद्दीकी नामक एक छात्र से उत्पीड़न का सामना करने के बाद इस साल मार्च में अपनी जान ले ली. यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दोनों को सजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
हमने ये भी देखा कि बांग्लादेश में ये वीडियो जुलाई महीने में एक अलग दावे के साथ शेयर किया जा रहा था. बांग्लादेशी फ़ैक्ट-चेकिंग आउटलेट रुमर स्कैनर ने वीडियो में दिख रही लड़की से बात की थी. उसने भी यही बताया कि वीडियो 17 मार्च को लिया गया था, जब छात्र अबोंतिका की मौत के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उसने रुमर स्कैनर को दिए अपने बयान में कहा, “वहां नाटक, मूक नाटक और मशाल जुलूस आयोजित किए गए. जो विजुअल शेयर किया जा रहा है वो मूक नाटक की तैयारी का है.”
कुल मिलाकर, एक लड़की के मुंह पर टेप बंधा दिख रहा वीडियो मार्च 2024 के विरोध प्रदर्शन का है जिसे अब इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि वो एक हिंदू है जिसे बांग्लादेश में प्रताड़ित किया जा रहा है.
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