सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में 2 लोग पुलिस की हिरासत में दिख रहे हैं. वहीं ये तस्वीर मुंबई में ‘नाई जिहाद’ के नाम से शेयर की जा रही है. दावा किया जा रहा है कि इन दोनों व्यक्तियों ने मुंबई पुलिस के सामने कबूल किया कि हिंदू कस्टमर को सर्विस देने के दौरान नाइयों को HIV संक्रमित ब्लेड का इस्तेमाल करने के लिए स्थानीय मस्जिदों से पैसे मिलते हैं.

ट्विटर यूज़र शशिकांत किंगर ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए इसे ‘मुंबई नाई जिहाद’ बताया है.

एक और ट्विटर यूज़र मनोज श्रीवास्तव ने भी ऐसे ही कैप्शन के साथ ये तस्वीर ट्वीट की.

कई ट्विटर यूज़र्स ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की है. इस लिस्ट में @ravindranaspure, @JAGDISHLATHIYA5, @balugandge और कई अन्य शामिल हैं.

This slideshow requires JavaScript.

ये दावा फ़ेसबुक और व्हाट्सऐप पर भी वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ को इस दावे की सच्चाई जानने के लिए व्हाट्सऐप नंबर (+91 7600011160) पर कई रिक्वेस्ट मिली.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने नोटिस किया कि तस्वीर के निचले दाएं कोने में इंडिया टीवी का पुराना लोगो है. की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें पता चला कि वायरल तस्वीर में मौजूद इंडिया टीवी का लोगो 2013 से इस्तेमाल नहीं किया गया है. इससे पता चलता है कि वायरल तस्वीर करीब एक दशक पुरानी हो सकती है.

इसे ध्यान में रखते हुए, हमने गूगल लेंस का इस्तेमाल कर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें जुलाई 2013 में पब्लिश इंडिया टीवी की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. वीडियो का टाइटल है, “मुंबई पुलिस ने क्रेडिट कार्ड चोरी के लिए भोजपुरी अभिनेता इरफान खान को गिरफ़्तार किया.” देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर इसी वीडियो से ली गई है.

इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने मुंबई के एक क्राइम रिपोर्टर से बात की जिन्होंने हमें बताया कि उनके संज्ञान में ‘नाई जिहाद’ की कोई रिपोर्ट नहीं आई है, और उन्होंने ‘नाई जिहाद’ जैसी बात कभी सुनी भी नहीं है.

रिडर्स ध्यान दें कि UNAIDS के मुताबिक, “किसी भी तरह की ब्लेड किसी भी तरह की गैर-कीटाणुरहित वस्तु, जैसे कि उस्तरा या चाकू का इस्तेमाल करने से HIV संचारित हो सकता है. रेज़र शेयर करने की सलाह तब तक नहीं दी जाती जब तक कि वो हर इस्तेमाल के बाद पूरी तरह से कीटाणुरहित न हों.

कुल मिलाकर, 2013 में कथित क्रेडिट कार्ड चोरी के आरोप में गिरफ़्तार एक भोजपुरी अभिनेता की तस्वीर झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर की गई. और साथ ही ये झूठा दावा चलाया गया कि दो मुसलमानों ने मुंबई पुलिस के सामने कबूल किया है कि वो “नाई जिहाद” का हिस्सा थे.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc