“यह एक ऐसी नीति है जिसे मैंने लंबे समय से समर्थन किया है…..(अनुवाद)”. विवादास्पद प्रयोग “नोटबंदी” का सकारात्मक समर्थन ढूंढने के लिए बेताब, बीजेपी आईटी सेल को हाल ही मे अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता घोषित “रिचर्ड थैलेर” के इस ट्वीट को खोजने में बेहद खुशी हुई होगी। थैलेर वास्तव में कम नकदी अर्थव्यवस्था के लंबे समय से समर्थक रहे है। लेकिन बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करने के जल्दबाजी में एक महत्वपूर्ण और संभावित शर्मनाक मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया।

BJP IT Cell head Amit Malviya

‪थैलेर के पहले ट्वीट से प्रतीत होता है कि उन्हें लगा कि उच्च मूल्यवर्ग के सभी नोट बंद किये जा रहे है जो की कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में पहला कदम है, लेकिन जब उन्हें बताया गया कि 500 और 1000 रूपये के नोटों को बंद कर 2000 रूपये का नोट प्रचलन में लाया जाएगा तब उन्होंने ”Really? Damn.“”सच में? लानत है” जैसी तीखी प्रतिक्रिया दी। कैशलेस अर्थव्यस्था और भ्रष्टाचार में कमी की दिशा में एक कदम देखने की उनकी खुशी कुछ क्षणों के लिए ही थी।

एक के बाद एक ट्विटर हैंडल ने बड़े यकीन के साथ अमित मालवीय द्वारा प्रस्तुत आधी तस्वीर को सच माना और शेयर किया। कुछ सकारात्मक खबरों की चाह में सिर्फ बीजेपी समर्थक ही नहीं, बल्कि बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भी ट्वीट किये। इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बीजेपी आईटी सेल के पूर्व प्रमुख अरविंद गुप्ता, बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नकुआ और कई अन्य शामिल हैं।

Arvind Gupta Richard Thaler tweet

यहाँ तक कि अपनी ट्वीट में गलत और भ्रामक जानकारी के लिए कई बार सूचित किये जाने के बाद भी अमित मालवीय ने उसे नहीं हटाया। और इस वजह से पीयूष गोयल जी ने भी उसे रीट्वीट कर दिया। आखिरकार पीयूष गोयल जी को जब बताया गया कि उन्होंने भी अमित मालवीय के गलत और आधी खबर को रीट्वीट किया है तब जाके उन्होंने उसे हटाया।

कुछ बीजेपी समर्थक को तो इतनी खुशी हुई कि भारत के अपने नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को नीचा दिखा कर उस ट्वीट को पोस्टर में परिवर्तित कर दिया गया।

हालाँकि, भारत के अपने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री को नीचा दिखाते हुए, कुछ नोटबंदी प्रशंसक को एक और अवसर मिल गया, रघुराम राजन को भी बदनाम करने का। उनके लिए जो इस बात से अनजान है कि थैलेर, शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल के प्रोफेसर, अपने सहयोगी राजन के बारे में ये कहते हैं: “भारत का नुकसान हमारे लिए लाभ है। रघु को वापस पा के बहुत अच्छा होगा। (अनुवाद)

Richard Thaler It will be great to have raghu back

500 और 1000 के नोट को प्रचलन से हटाना, थैलेर के अवधारणा में कम नकदी डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिशा के रूप में देखा जा सकता है। क्यूंकि थैलेर कैशलेस इकोनॉमी के समर्थक हैं इसलिए 2000 रुपये के नोट की शुरुआत थैलेर के आर्थिक नीति के अंतर्गत नहीं आती। अर्थशास्त्री इस बात पर चर्चा कर सकते है कि थैलेर के अर्थशास्त्र के संदर्भ में नोटबंदी को कैसे देखा जा सकता है। फिलहाल अभी के लिए बाकी लोग आनंद ले सकते है कि कैसे बीजेपी के कुछ समर्थक थैलेर के अधूरे कथन को एक-दूसरे से साझा करने में लगे है बिना यह जाने कि उस नोटबंदी चर्चा के अंत में रिचर्ड थैलेर ने “damn” कहा था। जिसका अर्थ समर्थन करना कहीं से नहीं होता।

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