भारतीय जनता पार्टी ने एक ट्वीट करते हुए दावा किया कि भारत में 220 करोड़ लोगों को मुफ़्त में कोरोना वैक्सीन दी गई है. एक ग्राफ़िक ट्वीट करते हुए भाजपा के ट्विटर हैन्डल से लिखा गया, “कभी सोचा था? 220 करोड़ लोगों को लगेगी मुक्त वैक्सीन”. बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया. (आर्काइव लिंक)

इसके बाद बारमेड़ से भाजपा संसद और मंत्री कैलाश चौधरी, राजसमंद से भाजपा सांसद दिव्या कुमारी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमेश पोखरियाल निशांक, बलिया से भाजपा संसद वीरेंद्र सिंह, दरभंगा से भाजपा संसद गोपाल जी ठाकुर, बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और कटिहार से भाजपा विधायक तारकिशोर प्रसाद, इत्यादि ने भी यही दावा फ़ेसबुक पर पोस्ट किया है.

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आगे, मेटा के सोशल मॉनिटरिंग टूल क्राउडटैंगल का स्क्रीन रिकॉर्डिंग मौजूद है जिसमें देखा जा सकता है कि भाजपा से जुड़े कई नेता, विधायक और मंत्री ने इस दावे को फ़ेसबुक पर पोस्ट किया.

फ़ैक्ट-चेक

पहली नज़र में ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा किया गया दावा भ्रामक लगता है. सबसे पहले गौर करने वाली बात ये है कि भारत की जनसंख्या 220 करोड़ नहीं है. हाल में UNFPA State of World Population Report 2023 के आंकड़ों के हवाले से ‘द इंडियन एक्स्प्रेस‘ पर 20 अप्रैल, 2023 को पब्लिश्ड ख़बर के मुताबिक, भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बनने की ओर अग्रसर है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष के मध्य तक भारत की आबादी 142.86 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है जो चीन की 142.57 करोड़ आबादी से थोड़ी ज़्यादा है.

कहां से आया ये 220 करोड़ का आंकड़ा?

भारत सरकार के कोविड वैक्सीनेशन से जुड़ा CoWin पोर्टल चेक करने पर हमने पाया कि टोटल वैक्सीनेशन डोज़ का आंकड़ा 220 करोड़ है. यानी, अबतक कुल 1,02,74,10,872 लोगों ने पहला डोज़ लिया है. वहीं 95,19,77,979 लोगों ने दूसरा डोज़ लिया है. और 22,73,16,908 लोगों ने बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ लिया है. इन तीनों आंकड़ों को मिलाकर जो आंकड़ा आता है वो है 2,20,67,05,759.

अगर इसमें गणितीय जोड़-घटाव किया जाए तो इस आंकड़े से पता चल जाता है कि कुल कितने लोगों को कोविड वैक्सीन लगी है. जिन लोगों ने दूसरा डोज़ लिया, जाहिर सी बात है कि उन्होंने पहला डोज़ भी लिया था. और जिन लोगों ने बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ लिया, उन्होंने जाहिर तौर पर दूसरा डोज़ लिया था. इसलिए कुल डोज़ के संख्या की तुलना लोगों से नहीं की जा सकती. क्यूंकि जिन्होंने बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ लिया है उनकी गिनती तीन आंकड़ों में है और जिन्होंने दूसरा डोज़ लिया है उनकी गिनती दो आंकड़ों में है.

अगर हम कोविड वैक्सीन की पहुंच के बारे में बात करें, तो इन आंकड़ों के अनुसार, ये 102 करोड़ 74 लाख 10 हज़ार 872 लोगों तक पहुंचा जिसमें से 95 करोड़ 19 लाख 77 हज़ार 979 लोगों ने दूसरा डोज़ लिया. और मात्र 22 करोड़ 73 लाख 16 हजार 908 लोगों तक बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ पहुंचा.

सभी लोगों को मुफ़्त वैक्सीन का झूठा दावा

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी Guidance note for COWIN 2.0 के 5वें पेज पर साफ तौर पर लिखा है कि सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क वैक्सीन प्रदान की जाएगी और निजी अस्पतालों में भारत सरकार द्वारा समय-समय पर तय की गई दर पर भुगतान के आधार पर वैक्सीन प्रदान की जाएगी.

27 फरवरी 2021 को भारत सरकार की स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए स्पष्ट रूप से कहा था, “सीवीसी के रूप में कार्य करने वाले निजी अस्पताल प्रति खुराक के लिए एक व्यक्ति से 250 रुपये तक का अधिकतम शुल्क ले सकते हैं. इस राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम को अब 1 मार्च, 2021 से निम्नलिखित आयु-समूहों में तेजी के साथ विस्तारित किया जाएगा:

i) 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिक, और
ii) निर्दिष्ट सह-रुग्णताओं के साथ 45 से 59 वर्ष के उम्र समूह के भीतर के सभी नागरिक”

केरल सरकार और असम सरकार की वेबसाइट पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 8 जून 2021 को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को जारी किया गया ऑफ़िस मेमोरेंडम मौजूद है. इसमें साफ तौर पर लिखा है कि 8 जून 2021 को जारी राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की नई गाइडलाइन के तहत प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन के डोज़ की कीमत प्रत्येक वैक्सीन निर्माता कंपनी द्वारा घोषित की जाएगी. प्राइवेट अस्पताल सेवा शुल्क के रूप में अधिकतम 150 रुपये प्रति डोज़ तक शुल्क ले सकते हैं. इस ऑफ़िस मेमोरेंडम के मुताबिक, प्राइवेट CVC (कोविड वैक्सीनेशन सेंटर) द्वारा GST और सर्विस चार्ज समेत कोविशील्ड वैक्सीन के लिए अधिकतम 780 रुपये शुल्क लिया जा सकता है, कोवैक्सीन के लिए 1410 और स्पुतनिक वी वैक्सीन के लिए 1145 रुपये शुल्क लिया जा सकता है.

समय-समय पर इन पॉलिसीज़ में बदलाव होते रहे हैं. 9 अप्रैल 2022 को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला और भारत बायोटेक की फाउंडर सुचित्रा एला ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ के मुद्दे पर भारत सरकार से बातचीत करने के बाद प्राइवेट अस्पताल के लिए कोविशील्ड वैक्सीन का दाम 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये प्रति डोज़ और कोवैक्सीन का दाम 1200 रुपये से घटाकर 225 रुपये प्रति डोज़ कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 अप्रैल 2022 से प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर 18 वर्ष से ज़्यादा उम्र से अधिक सभी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ उपलब्ध होने की घोषणा की थी. चूंकि प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर्स पर वैक्सीन के लिए लोगों को शुल्क देना पड़ा. इसलिए भारतीय जनता पार्टी का सभी लोगों को भारत सरकार द्वारा फ्री कोविड वैक्सीन लगवाने का दावा झूठा है.

कुल मिलाकर, कोविड वैक्सीन के पहले डोज़ ने सबसे ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जिसका आंकड़ा लगभग 103 करोड़ है, भाजपा और उनके पार्टी के नताओं ने भ्रामक दावा किया कि 220 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीनेशन पहुंचाया गया. जबकि ये 220 करोड़ का आंकड़ा लोगों का नहीं, बल्कि वैक्सीन के डोज़ का है जिसमें पहला डोज़, दूसरा डोज़ और बूस्टर/प्रीकॉशन डोज़ के नंबर शामिल हैं. साथ ही भाजपा ने सभी लोगों तक मुफ़्त में वैक्सीन पहुंचाने का झूठा दावा किया जबकि समय-समय पर वैक्सीनेशन पॉलिसीज़ में बदलाव होते रहे और प्राइवेट अस्पतालों द्वारा वैक्सीनेशन के लिए शुल्क लिया गया.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).