अमेरिका के कैपिटल हिल में ट्रम्प समर्थकों के उपद्रव के बीच एक भारतीय झंडा देखा गया था. एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति उपद्रवियों के बीच तिरंगा लहरा रहा है और कुछ ही समय में इसका वीडियो भारतीय मीडिया में आग की तरह फैल गया. इसके बाद मीडिया ने ये दावा करना शुरू कर दिया कि तिरंगा लहराने वाला शख्स कांग्रेस एमपी शशि थरूर का समर्थक है.

भाजपा एमपी वरुण गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया कि एक भारतीय ध्वज वहां क्या कर रहा है? इसपर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जवाब देते हुए लिखा, “वहां ट्रम्प समर्थक उपद्रवियों जैसी मानसिकता वाले कुछ भारतीय लोग भी शामिल हैं जो तिरंगे को सम्मान के तौर पर नहीं बल्कि हथियार के तौर पर इस्तेमाल करके खुश रहते हैं…” इसके बाद इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने 8 जनवरी के ब्रॉडकास्ट में दर्शकों को इसी ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा, “मैं आपको दिखाता हूं कि कैसे शशि थरूर अपने ही जाल में फंस गये.”

शशि थरूर ने इस घटना पर बोलते हुए न ही भाजपा का और न ही नरेंद्र मोदी का नाम लिया था, इसके बाजवूद रजत शर्मा ने कहा, “ये सब कहने के बाद शशि थरूर बड़ी मुश्किल में पड़ गये. जिस शख्स की हरकत को देखकर, जिसका हवाला देकर उन्होंने नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की थी, थोड़ी देर बाद ये पता चला, ये खुलासा हुआ कि ये व्यक्ति शशि थरूर का सपोर्टर है. जिस शख्स ने अमेरिका के पार्लियामेंट में हमले के वक़्त तिरंगा झंडा उठाया था उसका नाम विन्सेंट ज़ेवियर पलाथिंगल है…शशि थरूर का बड़ा प्रशंशक है. शशि थरूर एक तस्वीर में इस व्यक्ति के साथ लंच करते हुए नज़र आये. दोनों की ये तस्वीर 11 अप्रैल, 2015 की है. हमारी टीम ने विन्सेंट का पूरा बायोडाटा निकाला…”

वरुण गांधी ने विन्सेंट को शशि थरूर का दोस्त बताते हुए लिखा कि आशा है कि इसके पीछे उनका (शशि थरूर) या उनके साथवालों का हाथ न हो.

कुछ अन्य मेनस्ट्रीम मीडिया चैनलों ने दावा किया कि भारतीय झंडा लहराने वाला शख्स ‘भक्त’ नहीं बल्कि कांग्रेस सांसद का समर्थक है. टाइम्स नाउ ने लिखा, “भारत के लेफ़्ट-लिबरल खेमे ने ज़ेवियर का संबंध ‘हिन्दू-समूहों’ से जोड़ दिया. और शशि थरूर ने कहा कि ट्रम्प समर्थकों जैसी मानसिकता वाले कुछ भारतीय भी हैं.”

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी एक फै़क्ट-चेक रिपोर्ट लिखते हुए कहा, “बुधवार को प्रो-ट्रम्प मॉब द्वारा कैपिटल हिल पर कब्ज़े के दौरान भारतीय झंडा लहराने वालों में से एक व्यक्ति को सोशल मीडिया के एक सेक्शन ने ‘भक्त’ (ऐंटी-हिन्दुओं द्वारा हिन्दुओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) कहा था.” टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अब इस रिपोर्ट से ‘ऐंटी-हिन्दू’ शब्द हटा लिया है.

विडंबना देखिये, इस फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट में @BefittingFacts के ट्वीट का रिफ़रेन्स देते हुए उसे एक ‘अलर्ट ट्विटर यूज़र’ बताया गया. ये हैंडल आये दिन ग़लत और भ्रामक जानकारी शेयर करने के लिए जाना जाता है जिसपर ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार रिपोर्ट्स भी लिखी हैं.

पत्रकार आशीष सिंह और विकास सारस्वत ने भी ज़ेवियर और थरूर के कथित संबंध के बारे में ट्वीट किया. NDTV ने एक स्टोरी में सभी ट्वीट दिखाए जिसमें थरूर पर सवाल खड़े किये गए लेकिन ऑर्गेनाईजे़शन ने इस बाबत अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश नहीं की.

प्रो-भाजपा प्रोपगेंडा वेबसाइट ऑप-इंडिया इस होड़ में पीछे कहां रहने वाला था.

अधूरी जानकारी के साथ भ्रामक दावा किया गया

शशि थरूर से ज़ेवियर का सम्बन्ध बताने वाले लगभग सभी मीडिया ऑर्गेनाईजे़शन सोशल मीडिया से प्रभावित दिखे. ये शख्स कुछ मौकों पर पीएम मोदी की नीतियों की आलोचना करता दिखा है, वहीं कुछ मौकों पर उनकी प्रशंसा भी कर रहा है.

विन्सेंट ज़ेवियर वर्जीनिया से रिपब्लिकन पार्टी का सदस्य है. इंडिया टुडे को दिए गये एक इंटरव्यू में उसने कहा, “मेरा किसी भी भारतीय नेता के साथ उस तरह का निजी संबंध नहीं है. मैं यहां (अमेरिका में) 28 साल से रह रहा हूं. मैंने हमेशा से अमेरिकी समुदाय की एक्टिविटीज़ में दिलचस्पी ली है. तो जब भी कोई राजनेता आते हैं तो अपने घर में उनके लिए कई इवेंट्स करता हूं. मैंने शशि थरूर के लिए एक इवेंट किया था और उनके साथ एक इंटरव्यू भी किया था. वही तस्वीर जो आप देख रहे हैं. मुझे नहीं पता कि मैं उन्हें याद भी हूं या नहीं.”

विन्सेंट ने आगे कहा, “मैं कोई कांग्रेस नेता या कुछ और नहीं हूं. मैं भारत में किसी भी अच्छे नेता का समर्थक हूं. मैं एक मार्केट-ओरिएंटेड पूंजीवाद फ़िलॉसफ़ी में विश्वास करता हूं और सोशलिस्ट्स के काम का समर्थन नहीं करता. इसलिए वरुण गांधी द्वारा मेरा सम्बन्ध शशि थरूर से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है. जहां तक मुझे लगता है, अगर सरकार की नीतियों की बात आती है तो मुझे भाजपा सरकार की नीतियां पसंद हैं जो बिज़नेस को बढ़ावा देती हैं. हां ये भी है कि मैं उनके कुछ आदर्शों से सहमती नहीं रखता हूं. राजनीतिक और वैचारिक रूप से कहूं तो मैं कांग्रेस से ज़्यादा भाजपा से जुड़ा हुआ पाता हूं. मेरा शशि थरूर के साथ कोई नजदीकी सम्बन्ध नहीं है.” ये हिस्सा आप ब्रॉडकास्ट के 4 मिनट 30 सेकंड पर सुन सकते हैं.

शशि थरूर के अलावा भाजपा सांसद पूनम महाजन और मिनाक्षी लेखी के साथ भी ज़ेवियर की तस्वीर है.

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सितम्बर 2018 को एक फ़ेसबुक पोस्ट में ज़ेवियर ने अपने बचपन के दिनों में आरएसएस से जुड़ाव की बात भी बताई है.

Wow… It was “Mudras” at the exit door of arrivals in the morning and now “Soorya Namaskar” at the entry to the…

Posted by Vincent Xavier on Wednesday, September 5, 2018

क्या भारतीय झंडा लहराने वाले अकेले विन्सेंट ज़ेवियर ही थे ?

मीडिया ने जहां केवल विन्सेंट ज़ेवियर पर ही फ़ोकस किया, कैपिटल हिल की घटना में और भी लोग भारतीय झंडा थामे हुए थे. इन्ही में विराट हिंदुस्तान संगम (VHS) का सदस्य कृष्णा गुड़ीपति शामिल है जो कि रिपब्लिकन पार्टी से सम्बंधित है. इसे सबसे पहले ट्विटर यूज़र @drunkjournalist ने पोस्ट किया था. ये व्यक्ति वीडियो में लाल जैकेट पहने देखा जा सकता है. ये वीडियो ज़ेवियर ने शेयर किया था और बाद में इसे हटा दिया.

 

कृष्णा गुड़ीपति और ज़ेवियर कैपिटल हिल में कुछ तस्वीरों में साथ दिख रहे हैं. ये तस्वीरें भी ज़ेवियर ने ही शेयर की थी और बाद में डिलीट कर लिया.

कृष्णा को 2018 में ANI के साथ इंटरव्यू में इसी लाल जैकेट में देखा जा सकता है. उसकी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल में लगी तस्वीर (जिसे अब डिलीट किया जा चुका है) और ANI को दिए इंटरव्यू में भी चेहरे की समानताएं साफ़ देखी जा सकती हैं. ये दूसरा इंटरव्यू 2017 में ‘हाउडी मोदी’ इवेंट को लेकर था.

2018 में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें कृष्णा गुड़ीपति भी दिख रहा है.

मेनस्ट्रीम मीडिया ने प्रो-ट्रम्प भीड़ द्वारा कैपिटल हिल पर हमले की घटना में तिरंगा लहराने वाले को कांग्रेस समर्थक साबित करने की कोशिश की. लेकिन विन्सेंट ज़ेवियर और कृष्णा गुड़ीपति, दोनों ही प्रो-ट्रम्प होने के साथ भाजपा की तरफ़ झुकाव रखने वाले लोग हैं.


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