सोशल मीडिया पर दैनिक जागरण के कथित विज्ञापन की एक तस्वीर वायरल है. विज्ञापन में बड़े अक्षरों में लिखा है, “एक मुहल्ला एक बकरा.” और छोटे अक्षरों में लिखा है, “इस बार बकरीद पर हो सके तो पुरे मोहल्ले मे एक ही बकरे की कुर्बानी दे इससे अपनापन बढेगा खून खच्चर कम होगा पानी की बर्बादी कम होगी गन्दगी कम फैलेगी”. फ़ेसबुक पर 19 जून 2023 से ये तस्वीर शेयर करते हुए दैनिक जागरण को बायकॉट करने की मांग की जा रही है.

फ़ेसबुक पेज प्रधानमंत्री मीम योजना ने मार्च 2023 में ये तस्वीर पोस्ट की जिसे 22 हज़ार लाइक्स और 2,200 शेयर मिले.

वकील और कांग्रेस से जुड़ी आरफा ख़ानम ने ये तस्वीर शेयर करते हुए दैनिक जागरण पर आरोप लगाया कि ये अख़बार सत्ता को लुभाने की कोशिश में जुटा है. (आर्काइव लिंक)

ये तस्वीर ट्विटर पर वायरल है. यूज़र @Alpa_kanya ने तस्वीर ट्वीट करते हुए इस विज्ञापन के लिए जागरण का समर्थन किया है. ट्वीट को 800 के करीब लाइक्स मिले हैं. (आर्काइव)

यूज़र्स @PrathamesaJha, @vipinbharadwaj2, @liberalwoke_, @SharadMajethia और @anaamikaatiwari ये तस्वीर शेयर करने वालों की लिस्ट में शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को “एक मुहल्ला एक होलिका” हेडलाइन वाली तस्वीर मिली. हमने देखा कि ये दैनिक जागरण की एक पहल थी जिसमें लोगों से पर्यावरण का ख्याल रखते हुए होली खेलने का आग्रह किया गया था. होलिका दहन की प्रथा का ज़िक्र करते हुए सबटेक्स्ट में लिखा है, “इस बार होली पर प्रयास करें कि थोड़ी दूरी पर अलग-अलग होलिका जलाने की जगह जितना हो सके, एक मुहल्ले में एक ही होलिका जलाएं। इससे प्रदूषण घटेगा, अपनापन बढ़ेगा।”

विज्ञापन में इकोफ्रेंडली होली के स्टेप्स की एक लिस्ट भी शामिल है.

हरदोई पुलिस के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से जागरण के इस पहल की घोषणा की गई. बयान में कहा गया है कि दैनिक जागरण की पहल ‘एक मोहल्ला, एक होलिका’ की बदौलत पिछले साल 58 के मुकाबले इस बार सिर्फ 32 ‘होलिका दहन’ का आयोजन किया गया. इसके अलावा, 140 जगह पर सिर्फ गाय के गोबर के उपले जलाए गए और 2.5 लाख से ज़्यादा उपलों का इस्तेमाल किया गया. अधिकारियों ने सभी ‘होलिका दहन’ साइट्स का फ़िजिकल वेरिफ़िकेशन किया था. इसमें कहा गया है, “दैनिक जागरण का अभियान एक मोहल्ला एक होलिका पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा.”

दैनिक जागरण ने 8 मार्च के एक आर्टिकल में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में अपनी इस पहल के प्रभाव के बारे में लिखा. रिपोर्ट के मुताबिक, उनके अभियान ‘एक मोहल्ला एक होलिका’ के प्रभाव के रूप में 7 मार्च को ज़िले में हर जगह कंडे (गाय के गोबर) के अलाव जलाए गए थे.

हमें जागरण के रिपोर्टर का एक ट्वीट मिला. 21 जनवरी के इस ट्वीट में शामिल ख़बर टाइटल है, “एक मुहल्ला – एक होलिका के समर्थन में फोनरवा, लिया संकल्प.” रिपोर्ट में कहा गया है कि शुक्रवार को दैनिक जागरण की ओर से सेक्टर-52 स्थित फोनेरवा कार्यालय में अभियान को लेकर बैठक हुई. इसमें RWA के अलग-अलग पदाधिकारियों ने अपना सहयोग देते हुए सेक्टरों में होलिका दहन का संकल्प लिया. साथ ही लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की बात कही. (आर्काइव)

इस बीच, राईट विंग के कई प्रभावशाली लोगों ने जागरण के इस पहल की आलोचना की. राइट विंग प्रोपगेंडा आउटलेट ऑपइंडिया ने एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसमें सवाल किया गया कि क्या जागरण लोगों को न्यूज़ पेपर न खरीदने की सलाह देगा. ऑपइंडिया ने कहा कि जागरण में “एक मोहल्ला, एक बकरा’ या ‘एक मोहल्ला, एक क्रिसमस ट्री’ लिखने की हिम्मत नहीं है, लेकिन ‘एक मोहल्ला, एक होलिका’ लिख सकता है.” ऋषि बागरी, क्रिएटली और अन्य ने भी जागरण से यही सवाल किया.

ये संभावना है कि इन सब सलाहों के बाद ये तस्वीर एडिट की गई हो. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता कि इसे किसने बनाया.

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कुल मिलाकर, ये साफ है कि दैनिक जागरण की पहल ‘एक मोहल्ला एक होलिका’ के विज्ञापन को एडिट करके ‘एक मोहल्ला, एक बकरा’ के विज्ञापन में बदल दिया गया.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.