हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में यति नरसिंहानंद को इस शर्त पर जमानत मिली कि वो ऐसे भड़काऊ भाषण नही दे सकेंगे जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़े या इस तरह की किसी सभाओं में भाग नहीं ले सकेंगे. इसके लगभग दो महीने बाद 3 अप्रैल, 2022 को दिल्ली में बुराड़ी हिंदू महापंचायत में मुसलमानों के खिलाफ़ नरसिंहानंद ने फिर से हेट स्पीच दी. साथ ही हिंदुओं से मुसलमानों के खिलाफ़ हथियार उठाने का आग्रह भी किया.

14 दिन बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश के ऊना में फिर से ऐसा ही भाषण दिया. इधर, हेट स्पीच वाली सभाओं के दौरान मीडिया से बात करते हुए नरसिंहानंद ने कहा कि इस्लाम का जिहाद पूरे देश को खा जाएगा.

उन पर लगाई गई जमानत की शर्तों से बेपरवाह होकर, नरसिंहानंद ने उसके बाद से मुसलमानों को टारगेट करते हुए बार-बार भाषण पर भाषण पर भाषण दिए. इसके वीडियोज़ को यूट्यूब पर आर्टिकल लिखे जाने तक हजारों बार देखा जा चुका है. इतना ही नहीं उन्होंने 17 दिसंबर, 2022 से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में तीन दिवसीय धर्म संसद की घोषणा भी की. ज़िला प्रशासन द्वारा उन्हें अनुमति देने से मना करने के बाद, उन्होंने कहा कि वो किसी भी कीमत पर इसे आयोजित करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ‘किसी एक समुदाय के खिलाफ़’ नफ़रत भरे भाषणों की ‘परेशान करने वाली’ प्रकृति को गंभीरता से लिया और पुलिस से ऐसे मामलों में खुद ही अपराधियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए कहा है. भले ही ऐसे मामलों में कोई शिकायत न की गई हो. इसे ध्यान में रखते हुए, यति नरसिंहानंद की बेशर्मी और ज़मानत आदेशों का बार-बार उल्लंघन करना पूरी तरह से जाहिर करने लायक है. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने अपने 21 अक्टूबर के आदेश में कहा था कि ‘इस निर्देश के अनुसार कार्रवाई करने में किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट को न्यायालय की अवमानना ​​के रूप में देखा जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ़ उचित कार्रवाई की जाएगी.’

हेट स्पीच का गठन क्या होता है?

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, हेट स्पीच ‘अंतर्निहित विशेषताओं (जैसे जाति, धर्म या लिंग) के आधार पर किसी समूह या व्यक्ति को टारगेट करते हुए आक्रामक भाषण को संदर्भित करता है और इससे सामाजिक शांति को खतरा हो सकता है’. साथ ही हेट स्पीच को ‘नरसंहार सहित अत्याचार अपराधों के अग्रदूत’ माना गया है.’

हेट स्पीच पर भारत के विधि आयोग ने मार्च 2017 में सर्वोच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी. पेज 38 पर, रिपोर्ट में हेट स्पीच को ‘ऐसी अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो निंदापूर्ण, अपमानजनक, डराने, परेशान करने वाली या किसी की जाति, धर्म, जन्म स्थान, निवास, क्षेत्र भाषा, समुदाय, यौन अभिविन्यास या व्यक्तिगत विश्वास जैसी विशेषताओं के आधार पर उनके खिलाफ़ हिंसा, घृणा या भेदभाव को उकसाती है.’

रिडर्स यहां ऑल्ट न्यूज़ की हेट स्पीच पॉलिसी देख सकते हैं जिसके आधार पर इस रिपोर्ट में नरसिंहानंद के नफ़रत भरे भाषणों को पहचाना और वर्गीकृत किया गया है. डॉक्यूमेंट को हेट स्पीच पर फ़ेसबुक के सामुदायिक मानक के आधार पर तैयार किया गया है. इस तरह का सबसे डिटेल डॉक्यूमेंट है जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.

पॉलिसी के टियर 2 नीचे दिए गए पॉइंट्स को हेट स्पीच की श्रेणी में रखता है: अवमानना ​​की अभिव्यक्तियां (लिखित या विज़ुअल्स के रूप में) जिसे इस प्रकार परिभाषित किया गया है:

  • संरक्षित विशेषताओं के आधार पर इसमें अपने-आप असहिष्णुता शामिल हैं. लेकिन होमोफ़ोबिक, इस्लामोफ़ोबिक, नस्लवादी तक सीमित नहीं हैं.
  • एक संरक्षित विशेषता मौजूद नहीं होने की अभिव्यक्तियां.
  • घृणा की अभिव्यक्तियां जिसमें तिरस्कार, घृणा शामिल हैं, लेकिन सिर्फ उसतक तक सीमित नहीं

नरसिंहानंद के ऑफ़लाइन या ऑनलाइन सभी सार्वजनिक भाषण आर्टिकल में शामिल किए गए हैं, इन्हें उपर दिए गए वर्गीकरण के मुताबिक, हेट स्पीच कहा जा सकता है.

कौन हैं यति नरसिंहानंद?

जनवरी 2022 में नरसिंहानंद के पिता 83 साल के राजेश्वर दयाल त्यागी ने द प्रिंट को बताया कि नरसिंहानंद का जन्म 1972 में बुलंदशहर के हिरनोट गांव में हुआ था. उनका नाम दीपेंद्र नारायण सिंह था.

उन्होंने अपने बेटे को एक प्रतिभाशाली छात्र बताया जिसने रूस में फ़ूड एंड केमिकल टेक्नोलॉजी का अध्ययन करने के लिए योग्यता के आधार पर स्कालरशिप प्राप्त की थी. कॉलेज के एक जूनियर, अरुण त्यागी ने द प्रिंट को बताया कि नरसिंहानंद भारतीय छात्र समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय थे. खासकर उनकी पाक विशेषज्ञता की वज़ह से. उन्होंने टिफ़िन सेवाएं प्रदान करने का व्यवसाय शुरू किया था.

स्टोरी के मुताबिक, नरसिंहानंद 1997 में रूस से लौटे, और फिर उन्होंने शादी कर ली. उनके पास हल्दीराम की नौकरी का ऑफ़र था जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया और गाजियाबाद चले गए, जहां उन्होंने एक कोचिंग संस्थान खोला. इस समय के आसपास, वो भाजपा नेता बैकुंठ लाल शर्मा के प्रभाव में आ गए, जो बाद में उनके गुरु बने. हालांकि, ये साफ़ नहीं है कि नरसिंहानंद कैसे डासना देवी मंदिर से जुड़े और बाद में वहां के मुख्य पुजारी बने.

मार्च 2021 में नरसिंहानंद उस वक्त पॉपुलर हुए जब उन्होंने डासना देवी मंदिर के दो कार्यवाहकों का समर्थन किया था. इन कार्यवाहकों को इस आरोप में गिरफ़्तार किया गया था कि इन्होंने कथित तौर पर एक 14 साल के मुस्लिम लड़के को पानी पीने के लिए मंदिर में प्रवेश करने पर पिटाई की थी. नरसिंहानंद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने अपने फ़ॉलोवर्स को एक निश्चित अल्पसंख्यक समुदाय के अतिचारियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रशिक्षित किया था और वो बस उनके निर्देशों का पालन कर रहे थे.

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में भी एक पोस्टर लगा हुआ था जिसमें मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. नाबालिग मुस्लिम लड़के पर हमले के बाद, इस पोस्टर को एक बड़े बैनर से बदल दिया गया. इस बैनर में भी वही लिखा है जो पोस्टर में लिखा था. असल में इस पोस्टर से हिंदुत्व ग्रुप्स, दूसरे मंदिरों और तीर्थस्थलों पर बैनर लगाने के लिए प्रेरित किया गया कि मुसलमानों और गैर-हिंदुओं को परिसर में प्रवेश न करने की चेतावनी दी गई.

अगले महीने प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में अखिल भारतीय संत परिषद द्वारा आयोजित एक अन्य प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, नरसिंहानंद ने इस्लाम के पैगंबर के बारे में कई भड़काऊ टिप्पणियां कीं. उनके खिलाफ़ कई FIR भी दर्ज़ की गईं.

हरिद्वार धर्म संसद

17 दिसंबर से 19 दिसंबर, 2021 तक, हरिद्वार में भाजपा से जुड़े कुछ लोग और राईट विंग धर्मगुरुओं का एक बड़ा जमावड़ा हुआ था. इस आयोजन को ‘धर्म संसद’ या धार्मिक संसद कहा गया. तीनों दिनों तक इस आयोजन में हेट स्पीच, हिंसा का आह्वान और जमकर मुस्लिम विरोधी बयानबाजी की गई.

हरिद्वार धर्म संसद के वीडियोज़ ज़ल्द ही सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने लगे. भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे और धर्म संसद में ‘भगवा संविधान’ भी लाए थे. पुलिस ने वीडियो पर संज्ञान लेते हुए 23 दिसंबर को FIR दर्ज़ की.

13 जनवरी को जितेंद्र नारायण त्यागी जिन्हें पहले वसीम रिज़वी के नाम से जाना जाता था, को हेट स्पीच की वज़ह से गिरफ़्तार किया गया था.

नारायण त्यागी की गिरफ़्तारी के दौरान यति नरसिंहानंद और हरिद्वार पुलिस के बीच हुई बातचीत का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो क्लिप देखकर ऐसा लग रहा था कि पुलिस जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर से नारायण त्यागी को गिरफ़्तार करने की भीख मांग रही है. इधर, नरसिंहानंद को पुलिस से ये कहते हुए भी सुना जा सकता है कि वो सब मर जाएंगे. (“तुम सब मरोगे”)

गिरफ़्तारी और जमानत की शर्त

धर्म संसद के सबसे प्रमुख वक्ताओं में से एक नरसिंहानंद जिनकी हिंदुत्व सक्रियता को पहले ही व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया, को दो दिन बाद दो अलग-अलग मामलों में गिरफ़्तार किया गया था. पहला मामला महिलाओं के खिलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियों से संबंधित था, और दूसरा हेट स्पीच से संबंधित था.

करीब एक महीने तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उन्हें हरिद्वार के हेट स्पीच मामले में 7 फ़रवरी को और महिलाओं के खिलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में 14 फ़रवरी को जमानत मिली. जैसा कि पहले कहा गया है, नरसिंहानंद की जमानत की शर्तों में एक ये वचन देना भी शामिल था कि वो उस अपराध को नहीं दोहराएंगे जिसके लिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया था या किसी ऐसी घटना में भाग नहीं लेंगे जिससे समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा हो.

बुराड़ी हिंदू महापंचायत

जमानत के दो महीने से भी कम समय के अंदर, कथित तौर पर बिना पुलिस की अनुमति के नरसिंहानंद 3 अप्रैल को सेवा इंडिया फ़ाउंडेशन और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित बुराड़ी हिंदू महापंचायत के मंच पर दिखाई दिए. सार्वजनिक डोमेन में मौजूद एक क्लिप में, उन्होंने कहा कि अगर एक बार मुसलमान देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा, तो वहां मौजूद लोगों में से 50% को अपना धर्म बदलना होगा. उन्होंने आगे कहा कि देश में मुसलमान अरब से नहीं आए हैं, वो कभी हिंदुओं के दोस्त और परिवार थे. वो ये भी कहते हैं कि 40% हिंदुओं की हत्या कर दी जाएगी. और बाकी 10% हिंदू अपनी बहनों और बेटियों को मुसलमानों को दे देंगे और या तो शरणार्थी शिविरों में या विदेशी ज़मीन में रहेंगे. नरसिंहानंद ने हिंदुओं से ये भी आग्रह किया कि अगर वो अपना भविष्य बदलना चाहते हैं तो हथियार उठाने के लिए मर्द बनें.

उपर दिए गए सभी भाषण, टियर 2 (3.1) के अंतर्गत आता है. क्योंकि इसकी प्रकृति इस्लामोफ़ोबिक है. इसके अलावा, इसमें उस साजिश को भी हवा दी गई है कि एक बार सत्ता में आने के बाद, मुसलमान अनिवार्य रूप से हिंदू आबादी को खत्म कर देंगे. इसके अलावा, ये भाषण हिंसा या धमकी से भरी है जिससे किसी समुदाय को उकसाया जा सकता है.

एक दूसरे वीडियो क्लिप में उन्होंने कहा कि जो जन्म देने में सक्षम हैं, उन्हें अभी जाकर बच्चों को जन्म देना चाहिए. और बच्चों को लड़ने के लायक बनाना चाहिए.

दोनों वायरल क्लिप में यति नरसिंहानंद द्वारा ज़मानत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए साफ देखा जा सकता है.

इसी आयोजन में आर्टिकल 14 और न्यूज़लॉन्ड्री से जुड़े कई पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया. ऐसी भी खबरें थीं कि भीड़ ने पत्रकारों को उनके डिवाइसेस से इस घटना के फ़ुटेज को डिलीट करने के लिए मजबूर किया.

ऊना धर्म संसद

दिल्ली के बुरारई में हिंदू महापंचायत के 14 दिन बाद, यति नरसिंहानंद इस बार ऊना में एक और धर्म संसद में भी दिखाई दिए.

ये वेरीफ़ाई करने के लिए सार्वजनिक रूप से मौजूद कोई क्लिप नहीं है कि नरसिंहानंद ने ऊना सम्मेलन में बात की थी या नहीं. हालांकि इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की थी. उन्होंने कहा था कि मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है और इस्लाम का जिहाद पूरे देश को खा जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि पहाड़ों में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है और इसलिए क्राइम रेट में भी बढ़ोतरी हुई है.

ये हेट स्पीच पॉलिसी के टियर 1 (2.7) के अंतर्गत आता है क्योंकि इसमें मुसलमानों को अपराधियों के रूप में जनरलाइज़ किया गया है और इस थ्योरी को भी आगे बढ़ाने का काम किया है कि मुस्लिम आबादी बढ़ने से अपराधों में बढ़ोतरी होती है.

[अपराधियों के बारे में (जिसमें ‘चोर’, ‘बैंक लुटेरे’ या ‘सभी [संरक्षित विशेषता या अर्ध-संरक्षित विशेषता] शामिल हैं) जनरलाइज़ेशन या अयोग्य व्यवहार कथन (लिखित या विज़ुअल्स रूप में) खुद ‘अपराधी’ में शामिल है’.]’

यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम और डूम्सडे थ्योरी

नरसिंहानंद जब से जेल से छूटे हैं, उन्होंने कई यूट्यूब लाइव स्ट्रीम में हिस्सा लिया है. नरसिंहानंद के यूट्यूब भाषणों को देखने पर, ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि कुछ पॉइंट्स हैं जिसे वो बार-बार दोहराते हैं. उनमें से एक ये विचार है कि ‘इस्लाम का जिहाद’ भारत को तबाह कर देगा. वो ये कहते रहते हैं कि 2029 तक भारत में एक मुस्लिम पीएम होगा और यहां से हिंदुओं के विनाश की शुरुआत होगी. उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम मौलिक रूप से भ्रष्ट और हिंसक धर्म है जो दूसरों को नष्ट करने में विश्वास करता है और हिंदुओं को इसके लिए तैयार रहना चाहिए. उनके द्वारा अक्सर किया जाने वाला एक और दावा कि मुसलमानों के धार्मिक ग्रंथ, यानी कुरान और हदीस, में मुसलमानों को ये बताया जाता है कि बलात्कार, हत्या, और अन्य धर्मों के लोगों या ‘काफिर’ को लूटना जायज है. हिंदुओं के लिए इस दुश्मन को हराने का एकमात्र तरीका शारीरिक रूप से तैयार होकर, ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे को जन्म देना और हथियार उठाना है. वो अक्सर ये भी दावा करते हैं कि अगर सब नहीं तो दुनिया के ज़्यादातर धर्म तो मुसलमानों के खिलाफ़ लड़ रहे हैं.

इसके अलावा, उनके सभी भाषणों में किसी भी सबूत के बिना ग़लत सूचना और साजिश के सिद्धांत बताए गए हैं जो उनके लिए एक लॉन्चपैड के रूप में काम करते हैं.

लाइव स्ट्रीम #1

3 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर, बुराड़ी में हिंदू महापंचायत के उसी दिन, नरसिंहानंद, उनके करीबी और सहयोगी स्वामी अमृतानंद द्वारा चलाए जा रहे चैनल ‘स्वामी अमृतानंद भक्ति’ पर एक यूट्यूब लाइव स्ट्रीम पर दिखाई दिए थे. इस चैनल के लगभग 20 हज़ार से ज़्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और इस लाइव स्ट्रीम को आर्टिकल लिखे जाने तक 6,066 बार देखा गया था. इस लाइव स्ट्रीम का विषय ‘विजय या वीरगति’ था.

6 मिनट 38 सेकेंड के बाद, स्वामी अमृतानंद ने कहा कि एक नई सरकारी प्रेस रिलीज़ है जिसके मुताबिक ये कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में पिछले एक सप्ताह में, ‘निश्चित समुदाय’ से लगभग 800 बम, 15 राइफ़ल और 150 शॉटगन बरामद किए गए हैं. फिर यति नरसिंहानंद से उस आक्रोश के बारे में पूछा जाता है जो इस तरह की चीज़ें बोलने पर होती हैं.

इस बात पर नरसिंहानंद ने ये कहते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी कि हिंदू समुदाय सिर्फ स्वार्थ की पूर्ति के लिए राजनीति करना जानता है. उनका कहना है कि मुसलमान ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं, यानी वे कुरान की बातों का पालन कर रहे हैं और ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं जिसका ज़िक्र नहीं है, जिसका मतलब ये है कि मुसलमान स्वाभाविक रूप से हिंसक हैं और ये उनके धर्म का हिस्सा है.

इसी स्ट्रीम में, 8 मिनट 53 सेकेंड पर, नरसिंहानंद ने तर्क दिया कि हिंदू बच्चे पैदा नहीं कर रहे हैं, शारीरिक रूप से मजबूत नहीं हो रहे हैं, और लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. उनका तर्क है कि हिंदू आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है.

9 मिनट 20 सेकेंड पर को-होस्ट ने पूछा कि हिंदू समुदाय उनके समर्थन में क्यों नहीं आते. नरसिंहानंद ने जवाब दिया कि हिंदुओं को अपनी बहनों और बेटियों को बचाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्हें ये देखना अच्छा लगता है कि अपनी बहनों और बेटियों को मुसलमानों द्वारा बलात्कार करने के बाद में बाजारों में बेचे जाते हैं. उनका कहना है कि हिंदुओं की गुलाम मानसिकता है इसलिए वे उनके समर्थन में नहीं आते हैं. 14-15 मिनट के आसपास, यति नरसिंहानंद ने मुसलमानों की तुलना भेड़ियों/जानवरों से की.

इस पार्ट को पॉलिसी टियर 1 (2.4) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है – सेक्सुअल प्रिडेटर से तुलना करना, अयोग्य व्यवहार या कथन (लिखित या विजुअल रूप में) को जनरलाइज करना, भाषण देना या कल्पना करके अमानवीय बताना.

14 मिनट 58 सेकेंड पर, उन्होंने वे बड़े पैमाने पर उन लोगों के बारे में बात किया जो इस देश का नेतृत्व कर रहे हैं और हिंदुओं को ‘मूर्ख’ बना रहे हैं. स्वामी जितेंद्रानंद ने भारत सरकार द्वारा यति नरसिंहानंद को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करने का मुद्दा भी उठाया. नरसिंहानंद का कहना है कि सरकार उन संतों को सुरक्षा मुहैया करा रही है जो हिंदुओं को मुसलमानों की मांद में कत्ल कराने के लिए ले जा रहे हैं.

17 मिनट 55 सेकेंड पर, नरसिंहानंद ने कहा कि बीजेपी-RSS 2029 में मुसलमानों के सत्ता में आने और हिंदुओं पर शासन करने से पहले स्वार्थ को बढ़ावा देने के लिए यहां हैं (धमकी). उनका कहना है कि 2029 के बाद वे वैसे भी अपनी बहन-बेटी मुसलमानों को देने जा रहे हैं. (टियर 1 – 2.4)

नरसिंहानंद अपनी लाइव स्ट्रीम को खत्म करते वक्त मौलाना तौकीर रज़ा के बारे में बात करते हैं कि कैसे आपत्तिजनक भाषण देने के बावजूद तौकीर को गिरफ़्तार नहीं किया गया था, उन्होंने ये भी ज़िक्र किया कि राष्ट्रवादी समाचार एंकर भी कह रहे हैं कि वो जहर उगलता है.

लाइव स्ट्रीम #2

दूसरी लाइव स्ट्रीम ‘स्वामी अमृतानंद भक्ति’ चैनल पर 18 अप्रैल की शाम को लगभग 8 बजे IST पर आयोजित की गई थी. इस लाइव स्ट्रीम को 2,738 बार देखा गया और ये जमानत के बाद से यति नरसिंहानंद की सबसे लंबी यूट्यूब लाइव है. ये लाइव उस दिन आयोजित की गई थी जिस दिन नरसिंहानंद और अमृतानंद ऊना धर्म संसद से लौट रहे थे.

लाइव की शुरुआत अमृतानंद से होती है जो नरसिंहानंद से पूछते हैं कि धर्म संसद के भाषणों को हेट स्पीच क्यों कहा जाता है. नरसिंहानंद ने जवाब दिया कि धर्म संसद जैसी घटनाएं हिंदुओं को प्रशिक्षित कर रही हैं और इसने ‘जिहादियों’ को झकझोर दिया है.

17 मिनट 55 सेकेंड के बाद, अमृतानंद द्वारा पूछे गए एक सवाल पर, नरसिंहानंद ने कहा कि हदीसों के मुताबिक, एक ‘काफ़िरों’ के साथ बलात्कार, हत्या और यहां तक ​​कि उन्हें लूटा जाना जायज है, और इनमें से किसी को भी अपराध नहीं माना जाता है. उन्होंने आगे कहा कि जहां कहीं भी शरीयत लागू है, वहां एक ‘काफिर’ की हत्या को एक इनाम के रूप में देखा जाता है. उनका ये भी कहना है कि जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, वहां हिंदुओं को सांस लेने तक की इजाजत नहीं है. (टियर 1 – 2.6)

44 मिनट 17 सेकेंड पर, नरसिंहानंद ने कहा, “वे अपनी मां, बहनों और बेटियों को भी नहीं छोड़ते” (टियर 1 – 2.6). इसके ठीक बाद, 44 मिनट 27 सेकेंड पर, उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में जब मुसलमान हिंदुओं का बलात्कार करने जाते हैं, तो उनकी माताएं कहती हैं कि एक-एक करके जाओ वरना मेरी बेटी मर जाएगी” – (टियर 1 – 2.6). 47 मिनट 36 सेकेंड पर, अमृतानंद कहते हैं कि मुसलमान जानवरों से भी ज़्यादा बेशर्म हैं. उनका कहना है कि हदीस में लिखा है कि वो मरे हुओं का रेप कर सकते हैं. लाइव स्ट्रीम का आखिरी हिस्सा क्वेश्चन आंसर की तरह बना रहता है.

गौरतलब है, कि इस लाइव स्ट्रीम के दौरान नरसिंहानंद RSS-बीजेपी को भी निशाना बनाते हैं. उनका मानना ​​है कि बीजेपी-RSS जब सत्ता में नहीं होते हैं तो अलग बातें करते हैं और सत्ता में आने पर यू-टर्न ले लेते हैं.

लाइव स्ट्रीम #3: द इंटरव्यू

स्वामी अमृतानंद भक्ति चैनल पर तीसरी लाइव स्ट्रीम 20 मई को दोपहर करीब 2 बजकर 41 सेकेंड पर की गई. इसे कुल 10,171 व्यूज़ मिले थे. पहले दो लाइव स्ट्रीम से अलग, इसमें नरसिंहानंद नहीं थे. इसके आलावा, कुछ दिन पहले उनके साथ एक और इंटरव्यू प्रसारित किया गया था.

7 मिनट 15 सेकेंड के अंतराल पर, इंटरव्यू ले रहे सचिन तिवारी ने नरसिंहानंद से पूछा कि हिंदुत्व कैसे मजबूत होगा और ज्ञानवापी इन दिनों कैसे एक मुद्दा बन गया है. अपने स्टाइल में, नृसिंहानंद ने ये कहते हुए शुरुआत की, कि हिंदू मूर्ख हैं, उन्होंने कहा, “कौन सा हिंदू नहीं जानता था कि ज्ञानवापी एक मंदिर था न की मस्जिद?” फिर उन्होंने कहा कि हिंदू ये भी नहीं जानते कि मथुरा की मस्जिद भी असल में एक मंदिर है. नरसिंहानंद का कहना है कि ये अच्छी बात है कि इन पूजा स्थलों को हिंदुओं को वापस लौटाया जा रहा है लेकिन ध्यान सिर्फ उस पर नहीं होना चाहिए.

“इससे ज्यादा हमें ध्यान इस बात पर देना चाहिए की भारत पे इस्लाम के जिहादियों का कब्ज़ा ना हो जाए. पता चला हम केवल मंदिरो की लड़ाई लड़ रहे और इतने दिनो में मुसलमान जिहादी पूरे भारत पे कब्ज़ा कर ले.” – (टियर 2 – 3.1).

उनका कहना है कि पूरा ध्यान सनातन राष्ट्र (हिंदुराष्ट्र) बनाने पर होना चाहिए, तभी सनातन धर्म जीवित रहेगा. वो कहते हैं, “मंदिर बनने चाहिए लेकिन देखिए स्थिति ये है की अगर मुसलमानो का राज आया तो एक भी मंदिर यहां बचना नहीं है, जो मंदिर आज के है ये भी नहीं बचने है. (धमकी)

उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम धर्म का जन्म हिंदू मंदिरों को नष्ट करने के लिए हुआ था. पहला मंदिर मक्का में नष्ट किया गया था, ‘मक्केश्वर महादेव’ मंदिर. [इस साजिश सिद्धांत का ज़िक्र करते हुए कि काबा एक शिव मंदिर है]

नरसिंहानंद ने आगे कहा कि अदालतों द्वारा उन पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण वो इन विषयों पर विस्तार से बात नहीं कर सकते. हालांकि, वो इसे मानते भी नहीं हैं और तुरंत कहते हैं कि, “हमारा भविष्य तभी जिंदा रहेगा जब हम बचेंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “पता चला हम तो मर गए फिर चाहे जितने मंदिर हो जितने गौशालाएं हो, जितने आश्रम हो ये किस काम आने हैं. वो जिहादियों के काम आने है वो उन्हें मस्जिद बनाएंगे, वहां अपनी अय्याशी करेंगे, अपना मजा लेंगे.” (धमकी, टियर 2- 3.1)

उन्होंने ये भी कहा, “इस्लाम के बेसिक को समझिए. आपका जो भी कुछ है, उसे छीनना, आप की हत्या करना, आपके माल को गनीमत मान कर हजम कर जाना, आपकी औरतों को या तो बलातकर करके मंडीयों में बेचना, या अपनी सेक्स स्लेव बना के अपने पास रख लेना. ये इस्लाम का उद्देश्य है. इसको समझे बिना, हम इस्लाम को समझ ही नहीं सकते.” (टियर 2 – 3.1। टियर 1 – 2.6)

इसके बाद इंटरव्यूअर फिर दूसरे गेस्ट के पास जाता है. 23 मिनट 22 सेकेंड के करीब, अमृतानंद ने नरसिंहानंद से अदालतों द्वारा उन पर लागू किए गए ‘प्रतिबंधों’ के बारे में सवाल पूछना शुरू कर दिया. नरसिंहानंद ने कहा,: “देखिए, ये सच है कि अदालत ने मुझ पर इतना बड़ा बैन लगा दिया है और मैं मोहम्मद के बारे में वो सच कभी नहीं बता पाऊंगा जो मैंने पहले दुनिया के सामने लाया था. अब मैं ये कभी नहीं बता पाऊंगा कि मोहम्मद चोर था, मोहम्मद डकैत था, मोहम्मद बलात्कारी था, मोहम्मद महिलाओं को बेचता था, मोहम्मद निर्दयी हत्यारा था, मोहम्मद संगठित अपराध का संस्थापक था. इस्लाम अपराधियों का एक संगठित गिरोह है.” (टियर 2 – 3.1 टियर 1 – 2.6).

लाइव स्ट्रीम #4

चौथी लाइव स्ट्रीम 19 जून की शाम को इसी चैनल पर की गई थी. लाइव स्ट्रीम का नेतृत्व स्वामी अमृतानंद ने किया था, इसमें संतोष दास और यति नरसिंहानंद भी थे. स्ट्रीम को 4,400 बार देखा गया और बातचीत का विषय “धर्म परिवर्तन और धर्म परवर्तन पर विशेष चर्चा” था.

नरसिंहानंद के साथ बातचीत 1 घंटे 9 मिनट पर शुरू होती है, जिसमें संतोष दास धार्मिक बातचीत पर एक कविता सुनाते हैं. नरसिंहानंद लाइव स्ट्रीम से डिसकनेक्ट हो जाते हैं और ‘द एपोस्टेट इमाम’ नामक दूसरे गेस्ट ये बताते हैं कि कैसे यूरोप में चार मुसलमानों में से एक इस्लाम छोड़ रहा है. जब नरसिंहानंद फिर से कनेक्ट जाते हैं, तो पहले गेस्ट, संतोष दास ने नरसिंहानंद से धर्म परवर्तन (धर्म परवर्तन या धार्मिक प्रवर्तन) पर उनकी राय पूछी, जिससे इस्लाम को कथित रूप से दूसरों पर मजबूर किया गया था.

नरसिंहानंद ने ये कहते हुए शुरूआत की कि इस्लाम नामक बीमारी को न सिर्फ भारत से बल्कि पूरी दुनिया से दूर करने की ज़रूरत है (टियर 2 – 3.1). फिर उन्होंने शेखी बघारते हुए इस बारे में बात की कि हिंदुओं को कैसे मजबूत बनने की ज़रूरत है, जिसके बिना वे इस ‘लड़ाई’ को नहीं जीत सकते. नरसिंहानंद ये भी कहते हैं कि इस्लाम के पास कई देश, मस्जिदें, संस्थाएं और आतंकवादी संगठन हैं जो इसका समर्थन करते हैं, लेकिन इसके आधार कमजोर हैं. इसके बाद वो ‘धर्मत्यागी इमाम’ द्वारा शेयर किए गए ‘डेटा’ का संदर्भ देते हैं जिससे ये साबित होता है कि इस्लाम धीरे-धीरे इस ग्रह से गायब हो रहा था.

1 घंटे 16 मिनट पर, नरसिंहानंद ने कहा, “जैसे स्वामी जी चाइना ने कहा की इस्लाम एक मानसिक बीमारी है. तो इस मानसिक बीमारी का हर संभव इलाज हमें खोजना पड़ेगा, इन्हें खदेड़ना भी पड़ेगा और इनका परवर्तन भी करवाना पड़ेगा.” (टियर 2 – 3.1, टियर 1 – 2.3)

बाकी के लाइव स्ट्रीम में सभी वक्ता धार्मिक प्रवर्तन के बारे में बात करना जारी रखते हैं. एक पॉइंट (1 घंटे 17 मिनट 5 सेकेंड) पर, नरसिंहानंद कहते हैं, “हिंदुओं ने कभी भी अपनी मर्ज़ी से धर्म परिवर्तन नहीं किया. कुछ गद्दारों की बात नहीं करता स्वामी जी. बहुत अत्याचार हुए, बहुत मार-काट हुई, बहुत बलात्कार हुए, तब बड़ी मुश्किल से हुन्दुओं ने अपना धर्म परिवर्तन किया है.”

वो इस लाइव स्ट्रीम में बार-बार जोर देकर कहते हैं कि इस्लाम की हकीकत को दुनिया के सामने लाने की जरूरत है. इस लाइव स्ट्रीम पर उनका बयान ‘दुश्मन’ को खत्म करने के लिए ज़रूरी अलग-अलग कदमों और बलिदानों के बारे में बात करने के साथ खत्म होता है.

लाइव स्ट्रीम #5

ये लाइव स्ट्रीम ‘माँ भारती पुत्र’ नामक एक चैनल पर किया गया था, जो यति नरसिंहानंद के फ़ॉलोअर द्वारा चलाया जाता है और इसके 2.76K फ़ॉलोअर्स हैं. ये लाइव स्ट्रीम 1 अगस्त, 2022 को दोपहर 3 बजकर 49 मिनट पर IST पर आयोजित की गई थी. आर्टिकल लिखे जाने तक इस लाइव स्ट्रीम को कुल 1,588 बार देखा गया था. इस लाइव का विषय ‘विश्व धर्म संसद’ था.

लाइव स्ट्रीम की शुरुआत स्वामी अमृतानंद द्वारा नरसिंहानंद से लाइव स्ट्रीम के विषय के बारे में पूछने के साथ (53 सेकंड पर) होती है. वो पूछते हैं कि ‘विश्व धर्म संसद’ क्यों? इस पर नरसिंहानंद कहते हैं कि इस्लाम का जिहाद सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मुद्दा है.

वो कहते हैं, “अगर एक भी मुसलमान होगा तो वो एक हाथ में तलवार लेगा, दुसरे हाथ में तलवार लेगा दूसरी और जब तक अपनी गर्दन नहीं काट देता तब तक लड़ता रहेगा, इस्लाम का जिहाद अंतहीन है, दुनिया के अंत के बाद भी ये अपना जो है जिहाद खत्म नहीं करेंगे.”

वो आगे कहते हैं, “तो, स्वामी जी, जब ये हम सबके दुश्मन हैं, हमारे भी दुश्मन हैं, ईसाइयों के भी दुश्मन हैं, यहूदियों के भी दुश्मन हैं, बौद्धों के भी दुश्मन हैं, नास्तिकों के भी दुश्मन हैं, कम्युनिस्टों के भी दुश्मन हैं, तो हम सबको मिलकर साथ इनसे लड़ना चाहिए. और ये सबसे बड़ी जंग है.” (टियर 3 – 1)

वो आगे कहते हैं, यदि हम सब साथ मिलकर इस्लाम के जिहाद को रोकने में कामयाब हुए तभी मानवता आगे बढ़ेगी.

पूरे लाइव के दौरान, नरसिंहानंद अलग-अलग सवालों के जवाब देते हैं. 7 मिनट 30 सेकेंड पर एक दर्शक ने देश के सुरक्षा तंत्र के बारे में सवाल करते हुए ये पूछा कि हजारों सबूत होने के बावजूद कि वो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं, नेता PFI पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा पाते. इसके पीछे क्या कारण हो सकता है?

नरसिंहानंद इस पर जवाब देते हुए कहते हैं कि पूरी दुनिया जानती है कि इस्लाम के जिहाद से लड़ने की हिम्मत किसी हिंदू नेता में नहीं है. उन्होंने कहा कि PFI पर प्रतिबंध लगाने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होगा, ध्यान इस्लाम और उसके जिहाद को हराने पर होना चाहिए. घृणास्पद विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने कहा, “मैं इसको कोई कदम नहीं मानता, सारी मस्जिदें बैन होनी चाहिए सारे मदरसे तोप से उड़ा दिए जाने चाहिए. अगर आपको जिंदा बचना है देखिए ये आप कैंसर का इलाज जो है कोई काढ़ा पिला के करना चाहते हैं जो कैंसर चौथी स्टेज का कैंसर देश में है ना, उसका इलाज आप ओझा के तरीके से करना चाहते हैं वो नहीं हो सकता.”

14 मिनट 40 सेकेंड पर एक दर्शक ने नरसिंहानंद से उन हिंदुओं के बारे में एक सवाल पूछा जो कथित तौर पर पसमांदा और सूफियों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. नरसिंहानंद ने जवाब दिया, “ये छिनाल औरत का समझते हैं आप? छिनाल औरत? जो औरत छिनाल होती हैं न वो अपने मर्द से फिर सटिस्फ़ाइड नहीं होती. तो वो इधर उधर मुंह मारती फिरती है, कभी इधर मुंह मारती है, कभी उधर मुंह मारती है, थोड़े दिनों में उसे बहुत सारी बीमारी हो जाती है गंदी बीमारियां, फिर सड़-सड़ के मरती हैं. तो हिंदू समाज इनका अपना था. अपने हिंदू को धोखा देकर अब कभी ये पसमंदाओं में भग रहे हैं कभी सूफियों में भग रहे हैं फिर थोड़े दिनों में पहाड़ियों में भगेंगे फिर बरेलियों में भगेंगे, फिर ये पता नहीं कहां कहां भगेंगे और फिर ये सड़-सड़ के कुते से भी बदतर मौत मरेंगे.” (टियर 2 – 1.3। टियर 1 – 2.2, 2.5)

इस लाइव स्ट्रीम में 28 मिनट 53 सेकेंड पर, एक दर्शक का सुझाव है कि मोहन भागवत जैसे हिंदू संगठनों के नेताओं को हिजड़ों (ट्रांसजेंडर लोगों के लिए एक अपमानजनक शब्द) में परिवर्तित किया जाना चाहिए जिसके बाद नरसिंहानंद ये कहते हुए जवाब देते हैं “हिजड़े तो अभी बने हुए हैं, अभी भी तो हिजड़े बने हुए हैं. अभी कौन से मर्द है? देखे सत्यम शिवम सुंदरम जी, हमारा तो मानना ये है की आज भी जो बड़े-बड़े पदों में बैठे हैं सब हिजड़े ही हैं.” (टियर 2 – 6)

एक दर्शक ने अफ़ग़ानिस्तान जैसे देश जहां हिंदुओं और सिखों को कथित रूप से प्रताड़ित किया जाता है, वहां भारत से राशन भेजे जाने पर नरसिंहानंद की राय भी पूछी. ये इस लाइव प्रोग्राम का आखिरी सवाल है और नरसिंहानंद ने ये कहकर जवाब दिया कि भारतीय नेताओं की मुसलमानों के साथ अनुकूल व्यवहार करने की परंपरा है जैसे कोई अपने दामाद के साथ व्यवहार करता है. और इन लोगों द्वारा प्रदान किए गए जहर पीकर उनकी मौत का इतिहास रहा है. उनका कहना है कि एक औसत नागरिक इस परंपरा को नहीं रोक सकता.

हमने उन शब्दों को गिनने का फैसला किया जो इन लाइव स्ट्रीम्स में आम तौर पर यूज़ किए गए हैं. और इनकी गिनती नीचे चार्ट में दिखाई गई है:

समकालीन मुद्दों पर नरसिंहानंद का रुख

यूट्यूब लाइव स्ट्रीम में हिस्सा बनने के अलावा, नरसिंहानंद नियमित रूप से अपने सहयोगियों को इंटरव्यू देते हैं और समकालीन मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं. जैसे कि उन्होंने जून में पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवाद पर एक बयान जारी किया था. नूपुर शर्मा ने कथित तौर पर इस्लाम के पैगंबर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. नरसिंहानंद ने कहा था कि कुरान में लिखी आयतों की सच्चाई बताने के लिए वो 17 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद का दौरा करेंगे.

नरसिंहानंद का वीडियो बयान 7 जून को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. गाजियाबाद प्रशासन ने बाद में उन्हें एक नोटिस जारी कर उनसे जामा मस्जिद का दौरा रद्द करने या कानूनी परिणामों का सामना करने के लिए कहा था.

8 जून को उन्होंने मां भारती पुत्र यूट्यूब चैनल पर अपने साथियों को इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू में नरसिंहानंद ने फिर से जामा मस्जिद जाने की अपनी योजना के बारे में बताया. उन्होंने ये भी कहा कि “इस्लाम अपराधियों का एक संगठित गिरोह है.” [टाइमस्टैम्प: 4:11-मिनट.] (टियर 1 – 2.6, 2.7) आर्टिकल लिखे जाने तक इस इंटरव्यू को 8,050 बार देखा गया था.

12 जून को फिर से मां भारती पुत्र यूट्यूब चैनल पर नरसिंहानंद और एक अनजान व्यक्ति के बीच बातचीत का वीडियो अपलोड किया गया. अपने सिग्नेचर अंदाज में नरसिंहानंद पूरे वीडियो में अपमानजनक तरीके से इस्लाम के बारे में बात करते हैं. वीडियो में 3 मिनट 40 सेकेंड पर वो कहते हैं कि “इनकी धमकियों से जरा से यहूदी नहीं डरते, म्यांमार के बौद्ध नहीं डरते, चाइना ने इस्लाम को मानसिक बीमारी घोषित कर रखा है.” (टियर 1 – 2.3, टियर 2 – 3.1) आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 12,729 बार देखा गया.

नरसिंहानंद और अनजान व्यक्ति के बीच बातचीत के कुछ हिस्से 14 जून को यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे. यहां, वो इस्लाम और इतिहास के बारे में बात करना जारी रखते हैं. एक पॉइंट पर [टाइमस्टैम्प: 10 मिनट 50 सेकेंड] वो कहते हैं कि प्रलय इसलिए हुआ क्योंकि मुसलमानों ने नाजियों को ऐसा करने के लिए कहा था. (टियर 1 – 4.6) आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 8,298 बार देखा गया था.

1 जुलाई को निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा द्वारा उनकी प्राथमिकी स्थानांतरित करने की मांग की याचिका की सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने एक मौखिक टिप्पणी की कि “देश में जो भी हो रहा है उसके लिए ये महिला अकेली ही ज़िम्मेदार है.” इसका जवाब देते हुए नरसिंहानंद ने एक वीडियो जारी कर कहा कि देश की न्यायपालिका ने ‘जिहादियों’ को नूपुर शर्मा को मारने के लिए उकसाया है. 36 मिनट पर, उन्होंने कहा कि भारत में 30 करोड़ जिहादी हैं. (टियर 2- 3.1)

10 मिनट पर नरसिंहानंद कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट नूपुर शर्मा को मारना चाहता है. ये मुझे मार भी सकता है. इस यूट्यूब वीडियो का हिंदी टाइटल है, “क्या भारत अब शरिया कानून द्वारा चलाया जाएगा.”

अदालत द्वारा की गई मौखिक टिप्पणी को लोगों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली. ये अदालतों को तय करना है कि नरसिंहानंद की भाषा अदालत की अवमानना ​​करती है या नहीं.

ईद उल अधा से ठीक एक रात पहले, 9 जुलाई की शाम को नरसिंहानंद ने एक मेसेज रिकॉर्ड किया जिसमें कहा था कि दुनिया भर के मुसलमान नरेंद्र मोदी और RSS के विनाश के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि भाजपा सरकार ने मुसलमानों की इतनी मदद की है कि उनके सारे संघर्ष खत्म हो गए हैं और अब वो दिन-रात बस यही योजना बना रहे हैं कि भारत पर शासन कैसे किया जाए और जिहाद कैसे किया जाए. (टियर 2 – 3.1)

इसी वीडियो में वो ये सुझाव देते हैं कि भारत के नेताओं को म्यांमार, चीन या इज़राइल के नेताओं के रास्ते पर चलना चाहिए. (टियर 2 – 3.1, टियर 3 – 2)

15 सितंबर को नरसिंहानंद ने लखीमपुर में बलात्कार के मामले पर एक वीडियो मेसेज जारी किया. जहां दो दलित नाबालिग बहनों के साथ कथित तौर पर तीन मुस्लिम पुरुषों द्वारा बलात्कार किया गया था. नरसिंहानंद का कहना है कि ये हरकत इस्लाम के ‘जिहादियों’ ने की थी. इस वीडियो में वो ये भी कहते हैं कि कुरान मुसलमानों को ‘काफिर’ महिलाओं से बलात्कार करने और उन्हें अपना ‘सेक्स स्लेव’ बनाने या बाजारों में बेचने का अधिकार देता है. (टियर 1 – 2.6)

उनके अन्य वीडियो मेसेज से अलग, ये ‘वी सपोर्ट यति नरसिंहानंद सरस्वती’ नामक चैनल पर अपलोड किया गया था. इस चैनल के तकरीबन 2 हज़ार के ऊपर फ़ॉलोवर्स हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 1,148 बार देखा जा चुका है.

उपर बताए गए सभी उदाहरण, चाहे ये एक भाषण हो, एक यूट्यूब लाइव स्ट्रीम हो या एक इंटरव्यू हो, नरसिंहनद लोगों के समूहों को उनकी धार्मिक पहचान, और कभी-कभी लिंग के आधार पर गाली देते हैं और उनका अपमान करते हैं. और उन्हें हिंसा के लिए उकसाते हैं.

यूट्यूब की हेट स्पीच पॉलिसी का उल्लंघन

यति नरसिंहानंद और उनके सहयोगियों द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किए गए लगभग सभी वीडियोज़ इस प्लेटफ़ॉर्म्स की हेट स्पीच पॉलिसी का उल्लंघन करते हैं. पॉलिसी में साफ़ तौर पर कहा गया है कि यूट्यूब जाति, लिंग पहचान, धर्म आदि के आधार पर व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ हिंसा या घृणा को बढ़ावा देने वाले कंटेंट को हटा देता है, पूरी गाइडलाइन यहां पढ़ी जा सकती है.

ऊपर दी गई तस्वीर में नरसिंहानंद और उनके सहयोगीयो द्वारा यूट्यूब पर उल्लंघन किए गए कुछ पॉइंट्स को हाईलाइट किया गया है. उदाहरण के लिए, आर्टिकल में बताई गई दूसरी लाइव स्ट्रीम में नरसिंहानंद के सहयोगी स्वामी अमृतानंद कहते हैं कि मुसलमान जानवरों से भी बदतर हैं और उनके धार्मिक ग्रंथ में नेक्रोफिलिया को सही ठहराया गया है. पूरे वीडियो में, नरसिंहानंद लापरवाही से मुसलमानों को जिहादियों के रूप में संदर्भित करते हैं. वो ये भी कहते हैं कि मुसलमानों को एकाग्रता शिविरों में भेजा जाना चाहिए जैसे कि चीन में किया जाता है या उनके साथ म्यांमार में किया जाता है [रोहिंग्या पलायन का ज़िक्र करते हुए]। कई यूट्यूब लाइव स्ट्रीम में, वो इस साजिश के सिद्धांत को बढ़ावा देते हैं कि मुसलमान भारत पर कब्जा करने की योजना बना रहे हैं या मक्का में मौजूद काबा एक शिव मंदिर है. दरअसल, अपने एक वीडियो मेसेज में उन्होंने दावा किया कि होलोकॉस्ट इसलिए हुआ क्योंकि मुसलमानों ने नाजियों और हिटलर को उकसाया था.

ये सभी यूट्यूब की हेट स्पीच पॉलिसी का साफ़ तौर पर उल्लंघन हैं.

ऑल्ट न्यूज़ के यूट्यूब से संपर्क करने के बाद, ऊपर बताए गए दो चैनल्स (मां भारती पुत्र और वी सपोर्ट यति नरसिंहानंद सरस्वती) को एक समीक्षा के बाद यूट्यूब ने हटा दिया. तीसरा और सबसे प्रोडक्टिव चैनल, स्वामी अमृतानंद भक्ति, यूट्यूब पर अब भी मौजूद है.

जमानत शर्तों का उल्लंघन

हालांकि यति नरसिंहानंद की जमानत की शर्त में कहा गया है कि वो धार्मिक समूहों के बीच नफरत फैलाने वाले या भड़काऊ भाषण देने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग नहीं ले सकते. उन्होंने अपनी जमानत के दो महीने बाद ही दो ऐसे कार्यक्रमों में भाग लिया जिनमें हिंदू महापंचायत और ऊना धर्म संसद शामिल है. असल में वो यूट्यूब पर भड़काऊ बयान देते रहे जिनपर हजारों व्यूज मिले.

इसके अलावा, अगस्त में नरसिंहानंद ने स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पहल ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के बहिष्कार का आह्वान किया. नरसिंहानंद के मुताबिक, इस अभियान का मकसद मुस्लिम कंपनियों को लाभ पहुंचाना है. (टियर 3 – 2.3)

मिड सितंबर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलने के बाद, नरसिंहानंद ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सभी मदरसों को बारूद का इस्तेमाल करके उड़ा देना चाहिए. उन्होंने ये भी प्रस्ताव रखा कि मदरसों के सभी छात्रों को कुरान नामक ‘वायरस’ को हटाने के लिए शिविरों में भेजा जाए. उनका ये भी कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भी मदरसों की तरह तोड़ देना चाहिए. (टियर 2 – 3.1, 1.2. टियर 3 – 1)

अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में नरसिंहानंद ने गाजियाबाद में एक महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म को लेकर एक वीडियो मेसेज जारी किया था. घटना की क्रूर प्रकृति के कारण मामले को काफी मीडिया कवरेज मिला. नरसिंहानंद ने अपने बयान में न केवल ये झूठा दावा किया कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने 2012 में निर्भया के साथ ‘सबसे बेरहमी से’ बलात्कार किया था. बल्कि उस दावे को भी दोहराया जो वो अक्सर करते हैं, यानी इस्लाम उन्हें (मुसलमानों को) काफिरों की बेटियों का बलात्कार करना सिखाता है. और अपराध को कुरान और हदीस के चश्मे से देखा जाना चाहिए.

पुलिस के अनुसार, गाजियाबाद बलात्कार का मामला झूठा निकला और उन्होंने महिला और उसके साथियों को आरोप गढ़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया.

नरसिंहानंद अपने भाषणों में मुसलमानों को नीचे दिखाना और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ संरचनात्मक और आकस्मिक हिंसा दोनों को बढ़ावा देना जारी रखते हैं. जैसा कि वकील शाहरुख आलम ने ज़िक्र किया, हेट स्पीच का मतलब सिर्फ लोगों के बारे में आपत्तिजनक बयान देना या अपशब्द बोलना नहीं है. ये किसी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हाशिए पर असली भौतिक नुकसान का कारण बन सकता है.

लीगल ऑप्शन

ऑल्ट न्यूज़ ने नरसिंहानंद की जमानत की शर्त के बारे में एक वकील से भी बात की. नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले इस वकील ने कहा, “आम तौर पर एक मामले में जब जमानत की शर्तें होती हैं और आरोपी उन शर्तों के अधीन होता है, तो पुलिस को निगरानी करनी चाहिए कि क्या ऐसी शर्तों का उल्लंघन किया गया है, और न्यायपालिका को भी अपना काम करना चाहिए अगर मामला उसके संज्ञान में लाया जाता है. इसलिए, इस मामले में यदि आरोपी ने कई मौकों पर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है और यदि सार्वजनिक डोमेन में इसका सबूत है तो उसे पुलिस के ध्यान में लाया जाना चाहिए, और पुलिस इन्हें कोर्ट के नोटिस में लाएगी.”

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 446A भी बांड और जमानत बांड को रद्द करने के संबंध में कुछ प्रावधानों को निर्धारित करती है जिसे यहां पढ़ा जा सकता है.

नरसिंहानंद का भाजपा कनेक्शन

अप्रैल 2021 में उनके खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आगे आकर नरसिंहानंद के कार्यों का समर्थन करने के लिए क्राउडफंडिंग शुरू की थी.

हालांकि नरसिंहानंद का भारतीय जनता पार्टी से कोई औपचारिक संबंध नहीं है. लेकिन उन्हें कई मौकों पर भाजपा नेताओं के करीब देखा गया है. ये ध्यान देने वाली बात है कि शुरुआती दिनों में उनके गुरु भाजपा नेता बैकुंठ लाल शर्मा थे जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

अगस्त 2021 में भाजपा और नरसिंहानंद के संबंधों में खटास आ गई जब उनका एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि कई महिला राजनेता कम से कम एक पुरुष राजनेता की रखैल रही है. कई भाजपा नेताओं और समर्थकों ने इस बयान की निंदा की थी. वहीं कपिल मिश्रा जिन्होंने पहले यति नरसिंहानंद के लिए फ़ंड जुटाया था, ने बाद में ये कहा कि उनकी ‘जिहादी मानसिकता’ है.

स्क्रॉल की इस रिपोर्ट के मुताबिक, नरसिंहानंद के समर्थक और विरोधी दोनों भाजपा रैंक और फ़ाइल के बीच हैं.

पुलिस की प्रतिक्रिया

ऑल्ट न्यूज़ ने यति नरसिंहानंद द्वारा जमानत की शर्तों के उल्लंघन के संबंध में SP सिटी (एडिशनल SP) डॉ. योगेंद्र सिंह रावत से बात की. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि मामले से संबंधित सभी जानकारी कोतवाली पुलिस स्टेशन के पास मौजूद है. हरिद्वार धर्म संसद मामले में पहली FIR इसी थाने में दर्ज़ की गई थी.

जब हमने कोतवाली पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया गया कि पुलिस सोशल मीडिया की निगरानी नहीं करती है और अगर नरसिंहानंद ने सार्वजनिक स्थानों या सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण दिया है, तो उनके खिलाफ निकटतम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज़ की जानी चाहिए. जमानत की शर्तों के उल्लंघन पर पुलिस किस तरह की कार्रवाई कर रही है इस पर हमें कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं मिली.

ये देखना आश्चर्यजनक था कि पुलिस किसी ऐसे व्यक्ति की सोशल मीडिया गतिविधियों और बातचीत की निगरानी नहीं कर रही थी जो भड़काऊ बयानों की वज़ह से जेल गया था और जिसका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से हेट स्पीच/ग़लत सूचना फ़ैलाने का इतिहास रहा है. पुलिस ने जवाबी तौर पर कहा कि इस तरह की निगरानी करना उनका काम नहीं था क्योंकि ये उनके थाने के अधिकार क्षेत्र में नहीं था.

सिंपल गूगल सर्च से ये आसानी से वेरीफ़ाई किया जा सकता है कि क्या यति नरिग्नांद के खिलाफ़ उस एरिया में पुलिस में शिकायत या FIR दर्ज़ की गई थी जहां उन्होंने ऐसे भाषण दिए थे. हमें पिछले पांच महीनों में नरसिंहानंद के खिलाफ़ दर्ज़ FIR के बारे में कम से कम तीन मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3). नरसिंहानंद के खिलाफ़ नवीनतम ‘जांच’ का आदेश 9 अक्टूबर को दिया गया था जब उन्होंने पैगंबर मोहम्मद और महात्मा गांधी के खिलाफ़ आपत्तिजनक बयान दिया था.

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Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc