सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियोज़ शेयर किये जा रहे हैं. तस्वीर में एक घायल पुलिसकर्मी दिखता है जबकि वीडियो में भीड़ पुलिसवालों को पीटते हुए दिख रही है. साथ में लिखे गये टेक्स्ट के मुताबिक, बरेली सिविल लाइन्स पुलिस ने कुछ लोगों का चालान काटा था जिसपर गुस्साए लोगों ने पुलिस की पिटाई की. दावे के अनुसार ऐसा करने वाले लोग मुस्लिम समुदाय के थे. इसके साथ ही अफ़ग़ानिस्तान के हालात भी पोस्ट्स में शामिल किये गये हैं.

ट्विटर यूज़र निशित कुमार ने इसी दावे के साथ कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं.

कुछ और ट्विटर यूज़र्स ने ये तस्वीरें इसी दावे के साथ ट्वीट की हैं. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)

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ट्विटर यूज़र ‘हिंदुस्तान’ ने इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)

फ़ेसबुक पर ये वीडियो वायरल है. व्हाट्सऐप पर भी ये तस्वीरें शेयर की जा रही हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ इस दावे के साथ शेयर की जा रही तस्वीरों और वीडियो की सच्चाई इस आर्टिकल में आपको बारी-बारी से बताएगा.

वीडियो

इस वीडियो की जांच हम मार्च 2021 में ही कर चुके हैं. उस वक़्त ये इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था. दैनिक भास्कर की 23 मार्च 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, “घटना भरतपुर और हरियाणा की सीमा के पास जुरहरा कस्बे की है। यहां हरियाणा के पुनहाना थाने का पुलिस कांस्टेबल किसी केस की जांच के लिए जुरहरा आया था। बाजार से गुजरते वक्त पुलिस की गाड़ी की दूसरी गाड़ी से टक्कर हो गई। टक्कर के बाद पुलिसकर्मी और दूसरी गाड़ी में सवार युवाओं में कहासुनी हो गई थी। मामला इतना बढ़ा कि गुस्साए युवाओं ने कांस्टेबल को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी.”

ऑल्ट न्यूज़ ने इस पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए भरतपुर रेंज के IG प्रसन्न खमेसरा से संपर्क किया था. उन्होंने बताया, “ये घटना 23 फ़रवरी की है. और जुरहरा कस्बे की घटना है लेकिन इसमें राजस्थान पुलिस नहीं है. हरियाणा पुलिस के कुछ आदमी आये थे और इसमें हिन्दू-मुस्लिम ऐंगल कतई नहीं है. हुआ ये था कि हरियाणा से दो नाबालिग़ बच्चे-बच्ची भाग कर वहां आये थे जिसकी सूचना जुरहरा पुलिस ने हरियाणा पुलिस को दी. हरियाणा के पुलिसकर्मी जब उन बच्चों को लेने आए तो उनकी गाड़ी एक स्थानीय नेता से टकरा गयी. दोनों पक्षों में कहा-सुनी के बाद हरियाणा पुलिस के हेड कांस्टेबल ने एक-दो जनों को पीट दिया. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिसवाले को भी पीट दिया. बाद में मामला शांत हुआ. हरियाणा के पुनहाना SHO भी आये फिर दोनों पक्षों ने आपसी रज़ामंदी से कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई. नाबालिग बच्चों को भी उन्हें सौंप दिया गया.”

यानी, राजस्थान में पुलिस की गाड़ी एक स्थानीय नेता से टकरा गयी थी. इसके चलते दो पक्षों के बीच हुए विवाद का वीडियो सांप्रदायिक दावे से शेयर किया गया.

तस्वीरें

इन तस्वीरों की असलियत बताते हुए बरेली पुलिस ने 27 सितंबर को ट्वीट किया. ट्वीट में बरेली पुलिस ने खंडन करते हुए बताया कि तस्वीर में लहूलुहान दिख रहे पुलिसकर्मी जीआरपी कानपुर में नियुक्त हेड कांस्टेबल था. उसने 20 सितंबर 2021 को प्रयागराज में आत्महत्या कर ली थी.

इस संदर्भ में बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बयान दिया था.

आगे, की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को दैनिक भास्कर की 20 सितंबर 2021 की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर में तैनात हेड कॉन्स्टेबल चिंतामणि यादव ने पुलिस लाइन के टॉयलेट में सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. आर्टिकल में बताया गया था कि आत्महत्या की वजह का पता लगाया जा रहा था.

कानपुर पुलिस ने इस घटना के बारे में बयान जारी किया था. उन्होंने बताया था कि चिंतामणी 2019 से कानपुर में पोस्टेड थे. उनकी आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है. साथ में उन्होंने बताया था कि परिवारवालों ने आत्महत्या के बारे में कोई शंका जारी नहीं की है.

कुल मिलाकर, 2 अलग-अलग घटनाओं की तस्वीरें और वीडियोज़ शेयर कर ये ग़लत दावा किया गया कि बरेली में कुछ मुसलमानों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई की थी.


कृष्ण और पांडवों की तस्वीर ‘पंजशीर पैलेस’ में मौजूद होने का ग़लत दावा, देखिये :

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.