पूर्वी दिल्ली के भाजपा उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के प्रचार अभियान से संबंधित एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई है। इसमें, गंभीर आगे की यात्री सीट पर बैठे दिखते हैं, जबकि एक अज्ञात व्यक्ति वाहन पर खड़ा हाथ हिला कर अभिवादन कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि गंभीर ने अपने जैसे एक व्यक्ति को ‘हमशक्ल’ के तौर पर रखा था, जो उनकी ओर से प्रचार कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के समर्थक कपिल (@kapsology) ने तस्वीर ट्वीट करते हुए दावा किया कि गंभीर ने गर्मी में अपने लिए खड़े रहने और प्रचार करने के लिए एक ‘डुप्लिकेट’ किराए पर लिया था।
Chowkidar @GautamGambhir hired a ‘duplicate’ to stand for him in the heat and campaign for him!
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂 pic.twitter.com/uBIqFw5x9J
— Kapil (@kapsology) May 10, 2019
AAP के सोशल मीडिया हेड ने भी कपिल के ट्वीट को टिप्पणी के साथ कोट-ट्वीट किया, “2 वोटर कार्ड – 2 गौतम गंभीर”।
2 वोटर कार्ड – 2 गौतम गंभीर https://t.co/4ussDPfiZe
— Ankit Lal (@AnkitLal) May 10, 2019
AAP के संयुक्त सचिव, अक्षय मराठे ने एक कदम आगे बढ़कर, तस्वीरों का एक कोलाज़ ट्वीट करके बताया कि गौतम अरोड़ा नाम के कांग्रेस नेता “स्टंट डबल” के रूप में गंभीर का प्रचार कर रहे थे। एक अन्य AAP समर्थक दुर्गेश पाठक ने भी यही तस्वीर पोस्ट करके इसी तरह का दावा किया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी, गर्मी से बचने के लिए कथित तौर पर “डुप्लिकेट” का उपयोग करने के लिए गंभीर और उनकी पार्टी को आड़े हाथों लेने वाले पाठक के ट्वीट को कोट-ट्वीट किया। हिंदी समाचार चैनल टीवी 9 भारतवर्ष के पत्रकार कुंदन कुमार, इस तस्वीर को ट्वीट करने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे।
ये कांग्रेस और बीजेपी की महामिलावट है. गौतम गम्भीर ए.सी. गाड़ी में नीचे बैठे है. उन्हें धूप में समस्या है. उनकी जगह उनका हमशक्ल कैंप लगाकर खड़ा है. कार्यकर्ता ‘डुप्लीकेट’ को गौतम गम्भीर समझकर माला पहना रहे हैं.
और जो डुप्लीकेट है वो असल में कांग्रेसी नेता है. https://t.co/bT0k0QYVSG— Manish Sisodia (@msisodia) May 10, 2019
तथ्य-जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि गौतम गंभीर का ‘डुप्लीकेट’ बताए गए आदमी का भाजपा उम्मीदवार से पुराना संबंध है। उस व्यक्ति का नाम गौरव अरोड़ा है। हमें अरोड़ा की कई तस्वीरें और वीडियो मिले, जिनमें वह गौतम गंभीर के साथ हैं। ये तस्वीरें उस समय की हैं जब गंभीर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।
क्या गौरव अरोड़ा, गंभीर के हमशक्ल के रूप में थे?
ऑल्ट न्यूज़ ने गंभीर की रैली की वायरल तस्वीर के समय ली गई कई तस्वीरों को देखा। हमने पता लगाने की कोशिश की कि क्या वायरल तस्वीर में अरोड़ा का हाथ हिलाना एकबारगी हुई घटना थी, या वह वास्तव में उम्मीदवार होने का दिखावा कर रहे थे। नीचे दी गई तस्वीर में गौरव अरोड़ा को खुली जीप में खड़े होकर भीड़ की ओर हाथ लहराते देखा जा सकता है। सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर के विपरीत, इसमें अरोड़ा उल्टी दिशा में हाथ लहराते दिखाई दे रहे हैं। यह भी देखा जा सकता है कि अरोड़ा के अलावा कोई और भीड़ की ओर हाथ नहीं लहरा रहा है।
नीचे की गैलरी में, आप उसी जगह की कई तस्वीरें देख सकते हैं, जिनमें वाहन में खड़े अरोड़ा भीड़ की ओर हाथ लहरा रहे हैं।
विशेष रूप से, गंभीर और अरोड़ा, दोनों ने एक तरह की सफेद पोशाक और टोपी पहन रखी थी।
इस तथ्य के बावजूद, कि दोनों पुरुषों की अलग शारीरिक बनावट है, रैली में दूरी से यह अंतर इतना स्पष्ट नहीं दिखता। जैसा कि नीचे दी गई तस्वीर में अरोड़ा, रैली में माला स्वीकार करते और पहने हुए दिखते हैं, यह चुनाव लड़ने वाले किसी उम्मीदवार की तरह है।

ऑल्ट न्यूज़ ने द इंडियन एक्सप्रेस के फोटोग्राफर अभिनव साहा से संपर्क किया जिन्होंने इस घटना की रिपोर्ट की। साहा ने कहा, “जब मैं पहली बार तस्वीर ले रहा था, उस समय गंभीर वाहन पर थे। फिर, मैं एक इमारत की तीसरी मंज़िल पर गया, जहाँ मैं एक बूढ़े व्यक्ति के साथ था। इस बीच, अरोड़ा गंभीर की जगह आ गए थे, जहां वे पहले खड़े थे। उस समय, मैंने तस्वीरें लेना शुरू कर दिया, बूढ़े आदमी और उनकी पत्नी [जो पहली मंज़िल पर खड़े थे] रैली में गंभीर की ओर देख रहे थे। दंपति ने मुझसे कहा कि वे खुश हैं कि गंभीर ने उनकी ओर हाथ लहराया। वह पूरे समय लोगों की ओर हाथ लहरा रहे थे। कोई भी, जो उन्हें छत से देख रहा है, यह मान लेगा कि वह गौतम गंभीर हैं और उनकी ओर हाथ लहरा रहे हैं। अरोड़ा जब जीप में खड़े थे, तब वह गंभीर के साथ नहीं थे। अरोड़ा तभी आए जब गंभीर जाकर आगे की सीट पर बैठ गए। मैंने खुद शॉट लिया था, फिर भी, बाद में तभी जाना कि यह गंभीर नहीं थे, जब, जिन तस्वीरों को मैंने क्लिक किया था, उन्हें ज़ूम करके देखा।” -(अनुवाद)
ऑल्ट न्यूज़ ने एक अन्य पत्रकार से भी बात की जो उस समय उस स्थान पर मौजूद थे जब अरोड़ा ने गंभीर की जगह ली। नाम न छापने की शर्त पर रिपोर्टर ने कहा, “गंभीर वाहन के ऊपर खड़े थे, जबकि अरोड़ा दूसरी कार में बैठे थे। रैली के बीच में, गंभीर उसी कार की आगे वाली यात्री सीट पर शिफ्ट हो गए और अरोड़ा कार के ऊपर गंभीर की जगह पर आ गए। कम से कम आधे घंटे के लिए, मैंने गौरव अरोड़ा को वाहन के ऊपर खड़े होकर जनता की ओर हाथ लहराते हुए देखा। मैं इसीलिए थोड़ा उलझन में था, क्योंकि वह टोपी भी पहने थे और माला भी स्वीकार कर रहे थे। यह गंभीर के सामान्य व्यवहार में नहीं था जो मैंने उनकी पिछली रैलियों में देखा था। इसलिए मैं यह पुष्टि करने के लिए और करीब गया कि वह गंभीर हैं या नहीं, और तब पता चला कि यह वास्तव में अरोड़ा थे।”
भाजपा का इनकार
ऑल्ट न्यूज़ ने गौरव अरोड़ा से संपर्क किया कि क्या वह वास्तव में खुली जीप में खड़े थे, जबकि गौतम गंभीर कार में बैठे थे। गौरव अरोड़ा ने सवाल को खारिज कर दिया और इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया।
खबरों के अनुसार, भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया है कि गंभीर ने “अपने समान व्यक्ति” का इस्तेमाल किया था, और कहा कि वह इसलिए बैठ गए क्योंकि वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे।द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, भाजपा के पूर्वी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी राजीव बब्बर ने कहा, “अभियान के दौरान 10-15 मिनट के लिए, गंभीर को गर्मी के कारण थोड़ी घबराहट हुई और अभियान वाहन की अगली सीट पर बैठ गए। इस दौरान वाहन पर चढ़े पार्टी के कार्यकर्ता लोगों की ओर हाथ हिलाते रहे। प्रचार वाहन में कार्यकर्ताओं द्वारा हाथ लहराना एक सामान्य अभ्यास है।”
निष्कर्ष
गंभीर के साथ अरोड़ा की पिछली तस्वीरें, भाजपा उम्मीदवार बने इस क्रिकेटर के साथ एक उनके पुराने जुड़ाव को दिखलाती हैं। इस प्रकार, यह दावा कि गंभीर ने एक ‘हमशक्ल’ को काम पर रखा, सही नहीं है। हालाँकि, गंभीर की रैली को कवर करने वाले जिन पत्रकारों से ऑल्ट न्यूज़ ने संपर्क किया, वे भी अरोड़ा को भाजपा उम्मीदवार समझ बैठे थे, क्योंकि उन्होंने एक तरह के कपड़े पहने थे। उन्हें बाद में पता चला कि वह व्यक्ति गंभीर के दोस्त, अरोड़ा थे। इससे कम से कम, यह तथ्य तो ज़रूर है कि वाहन के ऊपर जहां आम तौर पर गंभीर के खड़े होने की उम्मीद होगी, वहां गौरव अरोड़ा का खड़ा होने और भीड़ की ओर हाथ लहराते हुए माला स्वीकार करने से घटनाएं भ्रामक रूप से प्रस्तुत हो रही थीं। अब यह जानबूझकर किया गया या संयोग से, इसका पता नहीं लगाया जा सकता।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.